जानें कब है भैरव कालाष्टमी, क्या है भैरव की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त …
# भगवान शिव का रूप है काल भैरव
# तंत्र विद्या सीखने वाले करते है काल भैरव की पूजा
काल अष्टमी 2023 : इस बार काल भैरव अष्टमी 12 मई को बनाई जाएगी | कहा जाता है कि इस दिन तंत्र विधा सीखने वाले लोग महाकाल के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा अर्चना करते है और सिद्धि प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान करते हैं | मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति कालाष्टमी के दिन काल भैरव की विधि विधान से पूजा अर्चना करता है तो उसके जीवन में आ रहे कष्ट, संकट, काल और दुख समाप्त हो सकते हैं | निर्मल भाव से महाकाल के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है |
पूजा का शुभ मुहूर्त…
आपको बता दें कि हिन्दू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि की शुरुआत 12 मई 2023 को सुबह 09:06 मिनट पर आरंभ हो रही है | जिसका समापन अगले दिन यानी 13 मई 2023 को सुबह 06:50 मिनट पर होगा | प्रचलित मान्यताओं के अनुसार काल भैरव की पूजा रात में करना शुभ माना गया है |
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काल भैरव के मंत्र….
ओम कालभैरवाय नम:.
ओम भयहरणं च भैरव:.
ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं.
ओम भ्रं कालभैरवाय फट् |