कानपुर में ढोल बजाते हुए कमिश्नर ऑफिस पहुंचे नगाड़ा व्यवसायी, पुलिस को दिया धन्यवाद
कानपुर, 17 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जब नगाड़ा कमेटी के सदस्य ढोल और नगाड़े बजाते हुए पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे। यह कोई विरोध प्रदर्शन या शिकायत का मामला नहीं था, बल्कि पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार और उत्तर प्रदेश पुलिस को धन्यवाद देने का एक उत्साहपूर्ण तरीका था। रामनवमी के दौरान अवैध डीजे संचालकों पर पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद पारंपरिक ढोल-नगाड़ों की मांग में जबरदस्त उछाल आया है। इस कार्रवाई ने नगाड़ा व्यवसायियों के ठप पड़े रोजगार को नई जिंदगी दी, जिसके लिए उन्होंने पुलिस का आभार जताया। यह घटना न केवल कानपुर की सांस्कृतिक और सामाजिक गतिशीलता को दर्शाती है, बल्कि पुलिस और समुदाय के बीच सकारात्मक सहयोग का भी उदाहरण पेश करती है।
घटना का विवरण
मंगलवार, 15 अप्रैल 2025 को रामनवमी के अवसर पर कानपुर पुलिस ने शहर में अवैध डीजे संचालकों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया। इस अभियान में तेज आवाज वाले डीजे सिस्टम को जब्त किया गया और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। पुलिस की इस पहल का नतीजा यह हुआ कि शहर में डीजे की तेज आवाज धीमी पड़ गई, और पारंपरिक ढोल-नगाड़ों की गूंज फिर से सुनाई देने लगी।
इस कार्रवाई से नगाड़ा और ढोल व्यवसायियों को अपने पुराने रोजगार को पुनर्जनन का अवसर मिला। वर्षों से डीजे की लोकप्रियता के कारण ढोल-नगाड़े बजाने वालों का व्यवसाय लगभग ठप हो चुका था। लेकिन पुलिस की कार्रवाई के बाद शादी-विवाह, धार्मिक आयोजनों, और उत्सवों में ढोल-नगाड़ों की मांग बढ़ गई। इस बदलाव से उत्साहित होकर कानपुर नगाड़ा कमेटी ने गुरुवार, 17 अप्रैल 2025 को पुलिस कमिश्नर ऑफिस का दौरा किया।
नगाड़ा कमेटी के सदस्य ढोल और नगाड़े बजाते हुए कमिश्नर ऑफिस पहुंचे और पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार को धन्यवाद पत्र सौंपा। कमेटी के एक सदस्य, रामू ढोलवाले ने कहा, “डीजे वालों की मनमानी ने हमारा व्यवसाय चौपट कर दिया था। पुलिस की कार्रवाई ने हमें फिर से रोजगार दिया है। अब शादियों और उत्सवों में लोग ढोल-नगाड़े बुला रहे हैं। इसके लिए हम कमिश्नर साहब और यूपी पुलिस को दिल से धन्यवाद देते हैं।”

पुलिस की कार्रवाई का प्रभाव
कानपुर पुलिस ने रामनवमी के दौरान अवैध डीजे संचालकों पर नकेल कसने के लिए विशेष अभियान चलाया था। इस अभियान में न केवल डीजे उपकरण जब्त किए गए, बल्कि ध्वनि प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना भी लगाया गया। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने इस अभियान को “सामुदायिक सहयोग और सांस्कृतिक पुनर्जनन” का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखना है, बल्कि स्थानीय परंपराओं और व्यवसायों को भी बढ़ावा देना है। ढोल-नगाड़े हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं, और इनकी वापसी से सामाजिक और आर्थिक संतुलन को बल मिलेगा।”
पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल ध्वनि प्रदूषण को कम किया, बल्कि स्थानीय कलाकारों और नगाड़ा व्यवसायियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए। नगाड़ा कमेटी के अध्यक्ष श्याम लाल ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में उनके समूह को 20 से अधिक बुकिंग्स मिलीं, जो पिछले कई महीनों की तुलना में कहीं अधिक हैं। उन्होंने कहा, “हमारी कला और रोजी-रोटी फिर से लौट आई है। यह सब पुलिस की सख्ती और सरकार के सहयोग से संभव हुआ।”
सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
कानपुर में डीजे पर प्रतिबंध और ढोल-नगाड़ों की वापसी का प्रभाव केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर भी देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में शादी-विवाह, धार्मिक उत्सवों, और सामुदायिक आयोजनों में ढोल-नगाड़े हमेशा से एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ दशकों में डीजे की तेज आवाज और आधुनिक संगीत ने इन पारंपरिक वाद्य यंत्रों को लगभग हाशिए पर धकेल दिया था।
स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता रमेश तिवारी ने इस बदलाव का स्वागत करते हुए कहा, “डीजे की तेज आवाज न केवल ध्वनि प्रदूषण का कारण थी, बल्कि हमारे पारंपरिक संगीत और कलाकारों को भी नुकसान पहुंचा रही थी। ढोल-नगाड़ों की गूंज फिर से सुनाई देना एक सकारात्मक बदलाव है।” उन्होंने पुलिस और सरकार से इस तरह की कार्रवाइयों को निरंतर बनाए रखने की मांग की।
सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। एक्स पर एक यूजर ने लिखा, “कानपुर पुलिस ने न केवल कानून लागू किया, बल्कि हमारी संस्कृति को भी बचाया। ढोल-नगाड़ों की वापसी से न सिर्फ रोजगार बढ़ेगा, बल्कि हमारी परंपराएं भी जिंदा रहेंगी।” एक अन्य यूजर ने कमिश्नर अखिल कुमार की प्रशंसा करते हुए लिखा, “यह सही मायनों में सांस्कृतिक पुनर्जागरण है।”
सरकार और पुलिस की भूमिका
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल के वर्षों में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने और सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई मौकों पर पारंपरिक कला और व्यवसायों को पुनर्जनन की बात कही है। इस घटना को इसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने कहा कि यह कार्रवाई न केवल रामनवमी तक सीमित थी, बल्कि भविष्य में भी अवैध डीजे संचालन पर सख्ती जारी रहेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने नगाड़ा कमेटी के सदस्यों के साथ एक बैठक की, जिसमें उनके व्यवसाय को और बढ़ावा देने के लिए सहयोग का आश्वासन दिया गया। कमिश्नर ने कहा, “हम स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। यह सिर्फ कानून लागू करने की बात नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की कोशिश है।”
भविष्य की संभावनाएं
नगाड़ा कमेटी के सदस्यों का कहना है कि पुलिस की इस कार्रवाई से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, और वे अब अपने व्यवसाय को और विस्तार देने की योजना बना रहे हैं। कुछ सदस्यों ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपनी सेवाएं शुरू करने की बात कही, ताकि अधिक लोग उनके ढोल-नगाड़ों की बुकिंग कर सकें। इसके अलावा, कमेटी ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में ढोल-नगाड़ों को प्राथमिकता दी जाए।
पुलिस ने भी इस दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया कि शहर में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स बनाई जाएगी, जो डीजे और अन्य तेज आवाज वाले उपकरणों पर नजर रखेगी। इसके साथ ही, पारंपरिक वाद्य यंत्रों को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
कानपुर में ढोल बजाते हुए कमिश्नर ऑफिस पहुंचे नगाड़ा व्यवसायी, पुलिस को दिया धन्यवाद
