पीएम मोदी का वाराणसी दौरा: सामूहिक दुष्कर्म मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश, 3900 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण
वाराणसी, 11 अप्रैल 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के 50वें दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने न केवल विकास कार्यों को गति दी, बल्कि शहर में हाल ही में हुई एक सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर गंभीरता से संज्ञान लिया। वाराणसी हवाई अड्डे पर उतरते ही पीएम ने पुलिस आयुक्त, मंडल आयुक्त और जिलाधिकारी से इस जघन्य अपराध के बारे में विस्तृत जानकारी ली और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही, पीएम ने 3900 करोड़ रुपये की 44 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिससे काशी के विकास को नई दिशा मिली।

सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीएम का सख्त रुख
प्रधानमंत्री ने वाराणसी पहुंचते ही सबसे पहले शहर में 4 अप्रैल को सामने आए सामूहिक दुष्कर्म मामले पर ध्यान केंद्रित किया। इस मामले में एक 19 वर्षीय युवती के साथ कथित तौर पर 23 लोगों द्वारा छह दिनों तक दुष्कर्म किया गया। पीड़िता को पुलिस ने बेहोशी की हालत में पाया था। अब तक नौ आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिन्हें जिला एवं सत्र न्यायालय ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। यह मामला लालपुर पांडेयपुर थाने में दर्ज किया गया है।
पीएम मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाए और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। पीड़िता के पिता के अनुसार, उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर ले जाया गया और कई दिनों तक उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। पीएम के इस त्वरित और सख्त रुख ने स्थानीय लोगों में न्याय की उम्मीद जगाई है।
विकास परियोजनाएं: काशी को नई ऊंचाइयां
सामाजिक और कानूनी मुद्दों पर ध्यान देने के साथ-साथ पीएम मोदी ने वाराणसी के विकास को भी प्राथमिकता दी। उन्होंने 3900 करोड़ रुपये की 44 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जो सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों को मजबूत करेंगी। इनमें से कुछ प्रमुख परियोजनाएं हैं:
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सड़क और कनेक्टिविटी:
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वाराणसी रिंग रोड से सारनाथ तक सड़क पुल, भिखारीपुर और मंडुवाडीह क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर, और वाराणसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एनएच-31 पर हाईवे अंडरपास रोड टनल का शिलान्यास, जिनकी कुल लागत 980 करोड़ रुपये से अधिक है।
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जौनपुर, चंदौली, और गाजीपुर जिलों में दो 400 केवी और एक 220 केवी ट्रांसमिशन सबस्टेशन और संबंधित लाइनों का उद्घाटन, जिनकी लागत 1045 करोड़ रुपये है।
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शिक्षा और कौशल विकास:
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पिंडरा में सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज और बरकी गांव में सरदार वल्लभभाई पटेल सरकारी कॉलेज का उद्घाटन।
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स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 77 प्राथमिक स्कूल भवनों के नवीनीकरण और चोलापुर में कस्तूरबा गांधी स्कूल के नए भवन का शिलान्यास।
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356 ग्रामीण पुस्तकालयों और 100 आंगनवाड़ी केंद्रों का उद्घाटन।
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पर्यटन और संस्कृति:
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गंगा नदी के समने घाट और शास्त्री घाट के पुनर्विकास का उद्घाटन।
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वाराणसी के विभिन्न स्थलों पर लैंडस्केपिंग और मूर्ति स्थापना परियोजनाएं।
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खेल और बुनियादी ढांचा:
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उदय प्रताप कॉलेज में फ्लडलाइट और दर्शक गैलरी के साथ सिंथेटिक हॉकी टर्फ और शिवपुर में मिनी स्टेडियम का शिलान्यास।
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जल जीवन मिशन के तहत 345 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 130 ग्रामीण पेयजल योजनाओं का उद्घाटन।
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सुरक्षा और प्रशासन:
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पुलिस लाइन में ट्रांजिट हॉस्टल, पीएसी रामनगर कैंपस में बैरक, और विभिन्न पुलिस स्टेशनों पर नए प्रशासनिक भवनों का शिलान्यास।
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इन परियोजनाओं से वाराणसी न केवल एक आधुनिक शहर के रूप में उभरेगा, बल्कि पर्यटन और संस्कृति के वैश्विक केंद्र के रूप में भी अपनी पहचान को और मजबूत करेगा।
जनसभा में उत्साह और संदेश
पीएम की जनसभा में हजारों लोग शामिल हुए, जिनमें स्थानीय निवासी, कार्यकर्ता, और पर्यटक थे। अपने संबोधन में पीएम ने कहा, “काशी मेरे लिए सिर्फ एक संसदीय क्षेत्र नहीं, यह मेरे दिल का हिस्सा है। आपका प्यार और समर्थन मेरी ताकत है।” उन्होंने काशी की जनता से महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाने और शहर को स्वच्छ व सुंदर रखने में सहयोग करने की अपील की।
उन्होंने सामूहिक दुष्कर्म मामले का जिक्र करते हुए कहा, “हमारी बेटियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। काशी में ऐसी घटनाएं अस्वीकार्य हैं, और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दोषियों को कड़ी सजा मिले।” इस बयान ने जनता में विश्वास जगाया कि सरकार और प्रशासन इस मामले में पूरी गंभीरता से काम कर रहे हैं।
काशी का बदलता स्वरूप
पीएम ने अपने संबोधन में काशी के बदलते स्वरूप पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, घाटों का सौंदर्यीकरण, और गंगा की स्वच्छता जैसे कार्यों ने काशी को नई पहचान दी है। यह अब केवल आध्यात्मिक राजधानी नहीं, बल्कि विकास का मॉडल भी है।” स्थानीय लोगों का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में काशी में सड़क, बिजली, और पर्यटन सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।
