कानपुर: साई नर्सिंग कॉलेज में छात्रा के आत्मदाह प्रयास का मामला, डीएम ने एसडीएम बिल्हौर से मांगी रिपोर्ट
कानपुर, 18 अप्रैल 2025: कानपुर के साई नर्सिंग कॉलेज में अतिरिक्त फीस न जमा करने के कारण परीक्षा से वंचित एक छात्रा द्वारा आत्मदाह का प्रयास करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घटना ने कॉलेज प्रशासन और जिला प्रशासन को हिलाकर रख दिया है। कानपुर नगर के जिलाधिकारी (डीएम) राकेश सिंह ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) बिल्हौर रश्मि लांबा को तत्काल जांच कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
घटना का विवरण
17 अप्रैल 2025 को साई नर्सिंग कॉलेज, बिल्हौर में पढ़ने वाली छात्रा आरोही ने कॉलेज के गेट पर आत्मदाह का प्रयास किया। सोशल मीडिया पर वायरल खबरों और एक्स पोस्ट के अनुसार, कॉलेज प्रशासन ने छात्रा और कुछ अन्य छात्राओं को अतिरिक्त फीस जमा न करने के कारण परीक्षा में बैठने से रोक दिया था। इस फैसले से आहत और निराश छात्रा ने कॉलेज परिसर के बाहर आत्मघाती कदम उठाने की कोशिश की। मौके पर मौजूद पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर छात्रा को समझा-बुझाकर शांत किया और स्थिति को नियंत्रित किया।
छात्रा का रो-रोकर बुरा हाल था, और उसने कॉलेज प्रशासन पर अन्याय का आरोप लगाया। अन्य छात्राओं ने भी कॉलेज के इस कदम का विरोध किया और कुलपति तथा जिलाधिकारी से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की।
डीएम का कदम: जांच के आदेश
जिलाधिकारी राकेश सिंह ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने एसडीएम बिल्हौर रश्मि लांबा को मामले की जांच के लिए नियुक्त किया और जल्द से जल्द विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। जांच में निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देने को कहा गया है:
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कॉलेज प्रशासन का निर्णय: क्या छात्राओं को परीक्षा से रोकने का निर्णय उचित और नियमों के अनुरूप था?
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फीस से संबंधित नीति: अतिरिक्त फीस की मांग कॉलेज की नीतियों के तहत थी, या इसमें कोई अनियमितता थी?
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छात्रा की स्थिति: आत्मदाह के प्रयास के पीछे के कारण और कॉलेज प्रशासन की भूमिका।
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प्रशासनिक लापरवाही: क्या कॉलेज ने छात्राओं के साथ संवाद स्थापित करने या उनकी शिकायतों को सुनने का प्रयास किया?
डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच के निष्कर्षों के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस की भूमिका
घटना के तुरंत बाद बिल्हौर पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रा को आत्मदाह करने से रोका। पुलिस ने कॉलेज प्रशासन और छात्राओं से बातचीत कर स्थिति को शांत किया। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) विजेंद्र द्विवेदी ने पुष्टि की कि बिल्हौर थाने में इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है, लेकिन पुलिस स्थिति पर नजर रख रही है। उन्होंने यह भी बताया कि कॉलेज प्रशासन से इस मुद्दे पर जवाब मांगा गया है।
कॉलेज प्रशासन पर सवाल
साई नर्सिंग कॉलेज प्रशासन पर छात्राओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि कॉलेज ने बिना किसी पूर्व सूचना के अतिरिक्त फीस की मांग की, और फीस न जमा करने वाली छात्राओं को परीक्षा से वंचित कर दिया। यह कदम न केवल अनुचित था, बल्कि छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी माना जा रहा है।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई यूजर्स ने कॉलेज की इस नीति को “शिक्षा का व्यवसायीकरण” करार दिया और प्रशासन से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप की मांग की।
सामाजिक और प्रशासनिक संदर्भ
यह घटना कानपुर में प्रशासनिक और शैक्षिक संस्थानों की जवाबदेही पर सवाल उठाती है। हाल के वर्षों में कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में आत्मदाह के प्रयासों की कई घटनाएं सामने आई हैं, जो सामाजिक और प्रशासनिक व्यवस्था में खामियों को दर्शाती हैं। उदाहरण के लिए:
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2023 में कानपुर देहात: एक मां-बेटी ने अतिक्रमण हटाने के दौरान आत्मदाह कर लिया था, जिसके बाद एसडीएम और पुलिस अधिकारियों सहित 39 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था।
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2024 में बिल्हौर: एक दंपति ने अपनी लापता बेटी के मामले में पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था।
ये घटनाएं प्रशासनिक संवेदनशीलता और जनता के प्रति जवाबदेही की कमी को उजागर करती हैं। साई नर्सिंग कॉलेज का यह मामला भी शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और छात्र हितों की रक्षा के मुद्दों को सामने लाता है।
जांच का इंतजार
एसडीएम बिल्हौर रश्मि लांबा ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगी। इस बीच, छात्राओं और उनके परिवारों ने कुलपति और जिला प्रशासन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस घटना के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, और कई ने इसे शिक्षा के व्यावसायीकरण का उदाहरण बताया है।
