कानपुर: बेमौसम बारिश ने खोली नगर निगम की पोल, सड़कों पर जलभराव, पेड़ गिरने से आवागमन प्रभावित
कानपुर, 11 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर कानपुर में गुरुवार को हुई बेमौसम बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी। तेज आंधी और मूसलाधार बारिश के कारण शहर के कई मोहल्लों में सड़कें जलमग्न हो गईं, पेड़ उखड़ गए, और बिजली आपूर्ति बाधित हुई। इस अप्रत्याशित मौसम ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया, बल्कि नगर निगम की जल निकासी व्यवस्था और आपदा प्रबंधन की कमियों को भी उजागर कर दिया।
बारिश का कहर: सड़कें बनीं तालाब
कानपुर में गुरुवार दोपहर बाद अचानक मौसम ने करवट ली। तेज हवाओं के साथ शुरू हुई बारिश ने कुछ ही घंटों में शहर को पानी-पानी कर दिया। साकेतनगर, गोविंदनगर, किदवईनगर, बर्रा, यशोदानगर, जूही, और कल्याणपुर जैसे इलाकों में सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया। खासकर साउथ सिटी के नंदलाल चौराहा, कर्रही, और जरौली जैसे क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति गंभीर रही। कई गलियों में पानी घरों और दुकानों तक घुस गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया, “हर बारिश में यही हाल होता है। नगर निगम हर साल सफाई के दावे करता है, लेकिन नालों की हालत जस की तस है। पानी निकलने का कोई रास्ता ही नहीं है।” मंधना कस्बे में तो मुख्य नाला ओवरफ्लो हो गया, जिसके चलते कई घरों में गंदा पानी घुस गया। लोगों ने बताया कि इस नाले की सफाई पिछले 10 सालों से नहीं हुई है।
पेड़ गिरने से यातायात बाधित
बारिश के साथ चली तेज हवाओं ने शहर में कई जगहों पर पेड़ों को उखाड़ दिया। अशोकनगर, बर्रा, विश्वबैंक कॉलोनी, कल्याणपुर, और मोतीझील जैसे इलाकों में पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आईं। जूही में एक पीपल का पेड़ लोडर पर गिर गया, हालांकि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई। किदवईनगर में बिजली की लाइन पर पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति घंटों बाधित रही।
मोतीझील मेन रोड पर एक बड़ा पेड़ गिरने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया। रावतपुर से नवाबगंज की ओर जाने वाली सड़क पर भी पेड़ गिरने से लंबा जाम लग गया। नगर निगम की टीमें देर रात तक टूटे हुए पेड़ों को हटाने में जुटी रहीं, लेकिन इससे पहले लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा। एक राहगीर ने कहा, “जाम में फंसकर हम घंटों परेशान रहे। नगर निगम को पहले से ऐसी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।”
बिजली आपूर्ति पर असर
तेज हवाओं और बारिश ने बिजली आपूर्ति को भी बुरी तरह प्रभावित किया। कई इलाकों में तारों पर पेड़ गिरने और बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त होने से आपूर्ति बाधित रही। नौबस्ता, लवकुश विहार, श्याम नगर, और रामादेवी जैसे क्षेत्रों में बिजली देर रात तक आती-जाती रही। केस्को कर्मियों ने बारिश के बीच मरम्मत का काम किया, लेकिन कई मोहल्लों में सुबह तक बिजली बहाल नहीं हो सकी।

नगर निगम की लापरवाही उजागर
इस बेमौसम बारिश ने एक बार फिर नगर निगम की लापरवाही को सामने ला दिया। शहर में चल रहे सीवर लाइन, सड़क निर्माण, और बिजली लाइन डालने के कार्यों के कारण कई जगहों पर खुदाई का मलबा सड़कों पर बिखरा हुआ था। बारिश के कारण यह मलबा कीचड़ में तब्दील हो गया, जिससे राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया। कई जगह लोग कीचड़ में फिसलकर गिरे और चोटिल हो गए।
स्थानीय निवासियों ने नगर निगम पर नालों की नियमित सफाई न करने का आरोप लगाया। गोविंदनगर के एक दुकानदार ने कहा, “हर साल बारिश से पहले बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं होता। नाले जाम हैं, और सड़कों की हालत खराब है।” साकेतनगर की रीता देवी ने बताया कि उनके मोहल्ले में नाला पूरी तरह बंद है, जिसके कारण हर बारिश में पानी सड़कों पर जमा हो जाता है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिलाधिकारी और नगर निगम अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया और जल निकासी के लिए पंप लगाने के निर्देश दिए। नगर निगम ने दावा किया कि टीमें जलभराव वाले क्षेत्रों में तुरंत पहुंचीं और पानी निकालने का काम शुरू किया गया। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई देर से शुरू हुई और अपर्याप्त थी।
जिलाधिकारी ने बताया कि बारिश अप्रत्याशित थी, लेकिन प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किए। उन्होंने कहा, “हमने जलभराव वाले क्षेत्रों में पंप लगाए हैं और टूटे हुए पेड़ों को हटाने का काम तेजी से चल रहा है। प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जाएगी।”
जनजीवन पर प्रभाव
इस बारिश ने शहर के जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। स्कूलों और कॉलेजों में बच्चों को छुट्टी के बाद घर पहुंचने में दिक्कत हुई। सड़कों पर पानी और जाम के कारण कई लोग अपने कार्यस्थलों तक समय पर नहीं पहुंच सके। बाजारों में भी दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि पानी दुकानों के अंदर तक घुस गया।
छात्रा प्रिया ने बताया, “मैं स्कूल से पैदल घर जा रही थी, लेकिन सड़क पर इतना पानी था कि जूते और कपड़े पूरी तरह भीग गए। रास्ते में कीचड़ की वजह से कई बार गिरते-गिरते बची।” व्यापारी संजय गुप्ता ने कहा, “मेरी दुकान में पानी घुस गया, जिससे सामान खराब हो गया। नगर निगम को ऐसी स्थिति के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए।”
भविष्य के लिए सबक
यह बेमौसम बारिश कानपुर नगर निगम के लिए एक चेतावनी है। विशेषज्ञों का कहना है कि शहर की जल निकासी व्यवस्था को मजबूत करने और नालों की नियमित सफाई पर ध्यान देना जरूरी है। इसके अलावा, सड़क निर्माण और अन्य परियोजनाओं को इस तरह पूरा करना चाहिए कि बारिश में मलबा सड़कों पर न फैले।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में प्रशासन को पहले से सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन की ठोस रणनीति तैयार करने की जरूरत है। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाएं बार-बार शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बनेंगी।
निष्कर्ष
