लखनऊ: सीएम योगी ने अपनी कैबिनेट के साथ डॉ. आंबेडकर को दी श्रद्धांजलि, माल्यार्पण कर उनके योगदान को किया याद
लखनऊ, 14 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज आंबेडकर जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी कैबिनेट के साथ भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। हजरतगंज चौराहे पर स्थित डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्होंने बाबासाहेब के संविधान निर्माण और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में किए गए ऐतिहासिक योगदान को याद किया। इस अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में कैबिनेट के कई मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। पूरे प्रदेश में विभिन्न आयोजनों के माध्यम से बाबासाहेब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया।
श्रद्धांजलि समारोह का विवरण
आज सुबह लखनऊ के हजरतगंज में सीएम योगी ने डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उनके साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, समाज कल्याण मंत्री असिम अरुण और अन्य कैबिनेट सदस्य मौजूद थे। इस दौरान सीएम ने बाबासाहेब के जीवन और उनके संघर्षों को याद करते हुए कहा, “डॉ. आंबेडकर ने समाज के सबसे कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनका बनाया संविधान आज भी हमें समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का मार्ग दिखाता है। वे सच्चे अर्थों में भारत रत्न और लोकतंत्र की जीवंत पाठशाला थे।”
सीएम योगी ने अपने संबोधन में यह भी जोर दिया कि उनकी सरकार बाबासाहेब के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने बाबासाहेब के पंच तीर्थ स्थलों का विकास किया है। हर घर नल योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत और स्वामित्व योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक विकास पहुंचाया जा रहा है। यह बाबासाहेब के अंत्योदय के विचार को साकार करने की दिशा में एक कदम है।”
प्रदेश भर में आयोजन
उत्तर प्रदेश सरकार ने आंबेडकर जयंती को राजकीय सम्मान के साथ मनाने के लिए व्यापक तैयारियां की थीं। सीएम योगी के निर्देश पर 13 अप्रैल को पूरे प्रदेश में डॉ. आंबेडकर की मूर्तियों, स्मारकों और पार्कों की साफ-सफाई और रंग-रोगन का विशेष अभियान चलाया गया। आज 14 अप्रैल को सभी जिलों में जिला प्रशासन, सामाजिक संगठनों और स्कूल-कॉलेजों ने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए।
लखनऊ में हजरतगंज के अलावा, गोमती नगर, आलमबाग और कैंट क्षेत्र में भी बाबासाहेब की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। कानपुर, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर जैसे शहरों में शोभायात्राएं निकाली गईं, जिनमें हजारों लोग शामिल हुए। स्कूलों में निबंध लेखन, वाद-विवाद और चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, ताकि युवा पीढ़ी को बाबासाहेब के विचारों से प्रेरणा मिले।
बाबासाहेब के योगदान पर प्रकाश
डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के मऊ में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता के खिलाफ संघर्ष किया और भारत के संविधान को आकार दिया। संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने एक ऐसे संविधान का निर्माण किया, जो प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार और अवसर प्रदान करता है। उनके प्रयासों से ही अनुच्छेद 17 के तहत छुआछूत को समाप्त किया गया और दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू हुई।
डॉ. आंबेडकर ने सामाजिक सुधार के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए। 1927 में महाराष्ट्र के महाड में चवदार तालाब सत्याग्रह और 1930 में कालाराम मंदिर प्रवेश आंदोलन उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण प्रयास थे। उन्होंने ‘मूकनायक’ और ‘बहिष्कृत भारत’ जैसे समाचार पत्रों के माध्यम से समाज के दबे-कुचले वर्गों की आवाज उठाई। 1956 में नागपुर में लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाकर उन्होंने सामाजिक समानता का एक नया मार्ग प्रशस्त किया।
योगी सरकार की पहल
सीएम योगी ने अपने संबोधन में बाबासाहेब के सम्मान में अपनी सरकार की कई पहलों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि लखनऊ में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण अंतिम चरण में है। यह केंद्र न केवल बाबासाहेब के विचारों का प्रचार-प्रसार करेगा, बल्कि युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर भी प्रदान करेगा। इसके अलावा, सरकार ने दलित और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें छात्रवृत्ति, मुफ्त कोचिंग, और स्वरोजगार कार्यक्रम शामिल हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि बाबासाहेब के पंच तीर्थ—मऊ, दिल्ली, मुंबई, लंदन और नागपुर—को तीर्थस्थलों के रूप में विकसित करने का कार्य केंद्र सरकार के सहयोग से किया गया है। “ये स्थान बाबासाहेब के जीवन और संघर्ष की गाथा को जीवंत करते हैं। हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि उनकी विरासत को हर पीढ़ी तक पहुंचाया जाए,” सीएम ने कहा।
सामाजिक एकता का संदेश
आंबेडकर जयंती के अवसर पर सीएम योगी ने सामाजिक एकता और समानता का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा, “बाबासाहेब का सपना था कि भारत एक ऐसा देश बने, जहां जाति, धर्म या वर्ग के आधार पर कोई भेदभाव न हो। हमारी सरकार इस सपने को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।” उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बाबासाहेब के विचारों को अपने जीवन में उतारें और समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा दें।
समाज और प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस समारोह में शामिल लोगों ने सीएम योगी और उनकी सरकार की इस पहल की सराहना की। अम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा, “योगी सरकार ने बाबासाहेब के सम्मान में जो कदम उठाए हैं, वे सराहनीय हैं। स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण बाबासाहेब के विचारों को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” स्थानीय निवासियों ने भी इस आयोजन को सामाजिक जागरूकता बढ़ाने वाला बताया।
