वाराणसी में दिल दहला देने वाली घटना: 7 दिन तक 23 लोगों ने युवती से किया गैंगरेप, 6 गिरफ्तार
वाराणसी, 8 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। एक 19 वर्षीय युवती के साथ 23 लोगों ने 7 दिनों तक सामूहिक दुष्कर्म किया। यह जघन्य अपराध 29 मार्च से 4 अप्रैल 2025 तक चला, जिसमें पीड़िता को नशीले पदार्थ देकर अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया और उसके साथ दरिंदगी की गई। पुलिस ने इस मामले में अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर दिया है, बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का विवरण
रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता उत्तरी वाराणसी के लालपुर इलाके की रहने वाली है। 29 मार्च को वह अपने एक दोस्त से मिलने के लिए घर से निकली थी। वह पहले भी कई बार घर से बाहर जाती थी, लेकिन इस बार वह वापस नहीं लौटी। परिवार ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 4 अप्रैल को पीड़िता को नशीला पदार्थ खिलाकर पांडेयपुर चौराहे पर छोड़ दिया गया, जहां से उसे किसी तरह घर पहुंचाया गया। शुरुआत में पीड़िता और उसके परिवार ने यौन उत्पीड़न की शिकायत नहीं की, लेकिन 6 अप्रैल को पीड़िता की मां ने पुलिस को तहरीर दी, जिसमें इस भयावह अपराध का खुलासा हुआ।
शिकायत के अनुसार, पीड़िता को नशीले पदार्थों का सेवन करवाया गया और उसे हुक्का बार, होटल, लॉज और कैफे जैसी जगहों पर ले जाकर 23 लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने इस मामले में 12 नामजद और 11 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। नामजद आरोपियों में साजिद, दानिश, आयुष सिंह, अनमोल, इमरान और एक अन्य शामिल हैं। अब तक 6 आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है, और पुलिस बाकी फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
पुलिस की कार्रवाई
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चंद्रकांत मीना ने बताया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा, “6 अप्रैल को बलात्कार की शिकायत दर्ज की गई थी। इसके बाद हमने तुरंत जांच शुरू की और 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बाकी आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों की जांच की जा रही है।” पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवाया गया है, जिसकी रिपोर्ट से अपराध की पुष्टि हुई है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने इस मामले को संवेदनशीलता के साथ मॉनिटर करने का आश्वासन दिया है और कहा कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।

पीड़िता की हालत
पीड़िता इस घटना से गहरे सदमे में है। उसे शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की यातनाएं झेलनी पड़ी हैं। परिवार के अनुसार, वह अभी भी डरी हुई है और बोलने की स्थिति में नहीं है। उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि उसकी हालत स्थिर है, लेकिन उसे लंबे समय तक मनोवैज्ञानिक सहायता की जरूरत होगी।
समाज में आक्रोश
इस घटना के बाद वाराणसी में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। स्थानीय संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कई लोगों ने इस मामले को लेकर सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “यह घटना दिखाती है कि हमारे समाज में महिलाएं कितनी असुरक्षित हैं। आखिर कब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी और कब तक दोषी बचते रहेंगे?” सोशल मीडिया पर भी इस घटना की व्यापक निंदा हो रही है। लोग #JusticeForVaranasiVictim जैसे हैशटैग के साथ अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं।
महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े करती है। वाराणसी जैसे शहर में, जो अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के लिए जाना जाता है, ऐसी वारदात का होना बेहद चिंताजनक है। पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में बलात्कार और यौन उत्पीड़न की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसके बाद सरकार ने सख्त कानून बनाने और पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने का दावा किया था। लेकिन इस घटना ने उन दावों की पोल खोल दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि केवल कानून बनाना काफी नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता और पुलिस की सक्रियता बढ़ाने की जरूरत है।
कानूनी पहलू
इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार), 366 (अपहरण), और 328 (नशीला पदार्थ देकर नुकसान पहुंचाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। यदि दोष सिद्ध होता है, तो आरोपियों को उम्रकैद या मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के जघन्य अपराध में फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए जल्द सुनवाई होनी चाहिए, ताकि पीड़िता को जल्द न्याय मिल सके और समाज में सख्त संदेश जाए।
सरकार का रुख
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना पर संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मामले की गहन जांच की जाए और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा न जाए। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
आगे की राह
