उत्तर प्रदेश में मौसम का कहर: 14 मौतों के बाद 13 अप्रैल से राहत के आसार, ताजा अपडेट
लखनऊ, 13 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मौसम की उथल-पुथल ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया था। शुक्रवार देर रात से शनिवार सुबह तक चली तेज आंधी, बारिश और वज्रपात ने प्रदेश के कई जिलों में तबाही मचाई, जिसमें 14 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, और अन्य इलाकों में मौसम के इस रौद्र रूप ने फसलों, मकानों और पशुओं को भी भारी नुकसान पहुंचाया। हालांकि, मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है कि 13 अप्रैल से मौसम की यह उथल-पुथल थमने के आसार हैं। आइए, जानते हैं इस त्रासदी और मौसम के ताजा अपडेट के बारे में।
मौसम का कहर: 14 लोगों की मौत, भारी नुकसान
पश्चिमी विक्षोभ और स्थानीय चक्रवाती हवाओं के प्रभाव से उत्तर प्रदेश में शुक्रवार रात से मौसम ने कहर बरपाया। तेज हवाओं के साथ आई धूल भरी आंधी और भारी बारिश ने कई जिलों को प्रभावित किया। खासकर वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, और पूर्वांचल के कुछ हिस्सों में स्थिति गंभीर रही। मौसम विभाग के अनुसार, कुछ जगहों पर हवा की गति 70 किमी/घंटा तक पहुंच गई, जिससे पेड़ उखड़ गए और बिजली के खंभे गिर गए।
इस प्राकृतिक आपदा में सबसे दुखद पहलू रहा 14 लोगों की मौत। ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अनुसार, अधिकांश मौतें वज्रपात, पेड़ गिरने और बिजली के तारों के संपर्क में आने से हुईं। इसके अलावा, 45 पशुओं की मौत और 15 मकानों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें भी सामने आई हैं। वाराणसी के ग्रामीण इलाकों में किसानों की फसलें, खासकर गेहूं और मसूर, बारिश और आंधी में बर्बाद हो गईं, जिससे उनकी चिंताएं और बढ़ गई हैं।
मोबाइल की लत ने बढ़ाई मुसीबत
इस त्रासदी के बीच एक और चिंताजनक बात सामने आई है। सड़क हादसों में हाल के आंकड़े बताते हैं कि ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल अब सबसे बड़ा खतरा बन गया है। खराब मौसम के दौरान भी कई ड्राइवर फोन पर बात करते या मैसेज चेक करते पाए गए, जिसके कारण छोटे-बड़े हादसे हुए। वाराणसी में शनिवार को एक ऐसा ही हादसा हुआ, जहां एक ट्रक चालक ने फोन पर बात करते हुए सड़क किनारे खड़े लोगों को टक्कर मार दी, जिसमें दो लोग घायल हो गए।
पुलिस के अनुसार, प्रदेश में इस साल सड़क हादसों में 25% से ज्यादा मामले मोबाइल के कारण हुए हैं। खासकर बारिश और आंधी जैसे मौसम में, जब सड़कें गीली और दृश्यता कम होती है, मोबाइल का उपयोग और खतरनाक साबित हो रहा है। ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ड्राइविंग के दौरान फोन का उपयोग न करें और मौसम की चेतावनी को गंभीरता से लें।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आपदा के बाद तुरंत कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। साथ ही, घायलों के इलाज के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन को फसलों और संपत्ति के नुकसान का आकलन करने के लिए कहा गया है ताकि किसानों और प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा मिल सके।
वाराणसी के जिलाधिकारी ने बताया कि स्थानीय स्तर पर राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं। बिजली आपूर्ति को बहाल करने और सड़कों से मलबा हटाने का काम तेजी से चल रहा है। कई जगहों पर अस्थायी आश्रय स्थल भी बनाए गए हैं, जहां प्रभावित लोगों को भोजन और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया जा रहा है।
मौसम का ताजा अपडेट
मौसम विभाग के अनुसार, 13 अप्रैल यानी रविवार से उत्तर प्रदेश में मौसम साफ होने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव अब कम हो रहा है, जिससे आंधी और बारिश की तीव्रता में कमी आएगी। वाराणसी, लखनऊ, और अन्य प्रभावित इलाकों में रविवार को हल्के बादल छाए रह सकते हैं, लेकिन भारी बारिश की आशंका नहीं है। सोमवार, 14 अप्रैल से मौसम पूरी तरह साफ होने और तापमान में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। हालांकि, अगले हफ्ते से प्री-मानसून गतिविधियां शुरू हो सकती हैं, जिससे कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रखें और बारिश से बचाने के लिए तिरपाल का उपयोग करें।
किसानों की चिंता और समाधान
इस मौसम ने किसानों के लिए सबसे ज्यादा मुश्किलें खड़ी की हैं। वाराणसी के चिरईगांव और पिंडरा जैसे इलाकों में गेहूं की फसलें खेतों में ही भीग गईं, जिससे अनाज की गुणवत्ता प्रभावित होने का डर है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गीली फसलों में फफूंद लगने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है।
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे नुकसान का आकलन कर नजदीकी कृषि कार्यालय में शिकायत दर्ज करें। साथ ही, फसलों को सुखाने और भंडारण के लिए उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है। सरकार ने भी नुकसान की भरपाई के लिए बीमा कंपनियों को तुरंत सर्वे शुरू करने का निर्देश दिया है।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
इस मौसम ने न केवल ग्रामीण इलाकों बल्कि शहरी क्षेत्रों को भी प्रभावित किया है। वाराणसी में सड़कों पर जलभराव और बिजली गुल होने से दैनिक जीवन प्रभावित हुआ। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि बारिश के कारण बाजारों में ग्राहकों की संख्या कम रही, जिससे छोटे दुकानदारों को नुकसान हुआ।
सोशल मीडिया पर भी लोग इस मौसम को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कर रहे हैं। कुछ लोग इसे गर्मी से राहत के रूप में देख रहे हैं, तो कुछ ने सरकार से और बेहतर राहत कार्यों की मांग की है। एक यूजर ने लिखा, “मौसम ने तो राहत दी, लेकिन किसानों का नुकसान देखकर दुख होता है। सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए।”
