• April 19, 2025

ख़त्म हुआ भाजपा का दिल्ली विधानसभा का वनवाश

भाजपा ने 27 साल बाद दिल्ली विधानसभा पर वापसी की हैं। भाजपा ने कुल 70 सीटों में से 48 सीटों पर अपनी बढ़त बनाई हैं। वहीं तीन साल से लगातार जेट रही आप आदमी पार्टी मात्र 24 सीट पर सिमट गयी। वहीं आपको बता दे, दिल्ली की वीवीआईपी सीट जैसे नई दिल्ली और जगपुड़ा पर अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को भी इस बार हार से संतोष करना पड़ेगा। वहीं आपको बता दे की इस बार आम आदमी पार्टी ने अवध ओझा को भी पटपड़गंज से टिकट दी थीं। जहाँ पर वो भी पीछे चल रहे है।इसके साथ कांग्रेस को दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक भी सीट हासिल नहीं हुई।
आपको बता दे दिल्ली में 5 फ़रवरी को चुनाव हुए थे। जहाँ पर वोटिंग प्रतिशत मात्र 60 प्रतिशत रहा था। जिसे चुनाव आयोग द्वार बहुत ही कम बताया गया था। आपको बता दे इसी के साथ आये 14 एग्जिट पोल में से 12 ने भाजपा की सरकार बनने का अनुमान जताया था।

क्या हैं , आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की शर्मनाक हार पर देश के बाकि नेताओ के विचार
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुला ने पोस्ट कर लिखा “और लड़ो आपस में “

सीएम योगी का दिल्ली जीत पर बयान
सीएम योगी ने कहा की पिछले 2 दशकों में दिल्ली बहुत पिछड़ गया हैं। जनता को बुनियादी सुविधाएँ नहीं मिल पा रहीं थी। पर अब होगा यमुना जी के तट पर बसी दिल्ली का विकास।

दिल्ली विधानसभा में क़रारी हार के बाद केजरीवाल का बयान
अरविन्द केजरीवाल का कहना हैं , कि जनता का जो भी फ़ैसला हैं हम उसे स्वीकार करते हैं। जनता ने 10 साल हमें सत्ता में रहने का मौका दिया और हमने जनता के लिए हर क्षेत्र में विकाश का काम किया हैं। साथ ही आपको बता दे उन्होंने भाजपा को जीत की बधाई देते हुए कहा कि आशा करता हुए जिस उम्मीद से जनता ने उन्हें सत्ता में आने का मौका दिया हैं वो उस उम्मीद को टूटने नहीं देंगे। इसी के साथ उनका कहना है, कि हम सत्ता के लिए राजनीती में नहीं आये हमसे जनता के लिए जो कुछ हो पायेगा हम जरूर करेंगे और एक ज़िम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।

क्यों करना पड़ा आम आदमी पार्टी को हार का सामना
आम आदमी पार्टी लगातार 10 साल दिल्ली विधानसभा में जीत हासिल कर रही थी। आपको बता दे,2020 में आम आदमी पार्टी की जीत के साथ अरविंद केजरीवाल तीसरी बार सीएम बनने पर शराब घोटाले के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा देकर आतिशी को सीएम बनाया।
माना जा रहा हैं,कि शराब घोटाले के बाद से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की छवि धूमिल हो गयी हैं। भाजपा का कहना हैं ,कि दिल्ली के इस चुनाव में लोकतन्त्र की जीत हुई हैं।लगातार आम आदमी पार्टी के आपने वादों पर न खड़े होने पर जनता ने उन्हें दिल्ली से साफ़ कर दिया हैं।

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