त्रुटिपूर्ण शिक्षक भर्ती विज्ञापन जारी कर बस्तर के बेरोजगारों को अधर में अटकाया : रजनीश पानीग्राही

बस्तर जिला भाजपा कोषाध्यक्ष रजनीश पानीग्राही ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा शिक्षक भर्ती को लेकर अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने एवं विषय वार विज्ञापन जारी नहीं करने पर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने शासन से जवाब तलब करते हुए भर्ती प्रक्रिया पर आगामी आदेश तक रोक लगा दिया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी बाहुल्य बस्तर एवं सरगुजा संभाग के लिए जारी विज्ञापन में शिक्षक भर्ती को लेकर सेवा भर्ती नियम 2019 के विपरीत जान बूझकर त्रुटिपूर्ण शिक्षक भर्ती विज्ञापन के माध्यम से छग शासन द्वारा शिक्षक के टी-संवर्ग एवं ई-संवर्ग के हजारों पदों की भर्ती हेतु विज्ञापन जारी कर बेरोजगारों एवं अतिथि शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की नियत ही नहीं है कि बेरोजगारों एवं अतिथि शिक्षकों की भर्ती कर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्थ करें, इसीलिए त्रुटिपूर्ण शिक्षक भर्ती विज्ञापन निकालकर पूरी भर्ती प्रक्रिया को अधर में अटकाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों को कांग्रेस की वादाखिलाफी की सरकार ने अतिथि शिक्षकों का नियमितिकरण का वादा किया था, लेकिन नियमितिकरण नहीं कर उन्हें इस भर्ती प्रक्रिया में 10 अंक का बोनस देने का झासा देकर 02 अंक मात्र बोनस देने जा रही थी। इससे नाराज अतिथि शिक्षकों ने न्यायालय में त्रुटिपूर्ण शिक्षक भर्ती प्रकिया को चुनौती दी, जिस पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर ने भर्ती प्रक्रिया पर आगामी आदेश तक रोक लगा दिया है। इस शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी एवं दोहरा चरित्र जनता के सामने उजागर हो गया है।
रजनीश पानीग्राही ने शिक्षक भर्ती के इस मामले के बारे में बताया कि याचिकाकर्ता वेदप्रकाश एवं अन्य ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से एक याचिका प्रस्तुत कर बताया कि छग शासन द्वारा शिक्षक के टी-संवर्ग के 4659 पद एवं ई-संवर्ग के 1113 पदों सहित कुल 12489 पदों की भर्ती हेतु 04 मई 2023 को विज्ञापन जारी किया गया है, जिसमें शिक्षक पद के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया। अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने का प्रावधान भी विज्ञापन में किया गया है। जबकि छग स्कूल शिक्षा सेवा संवर्ग भर्ती नियम 2019 में अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने का कोई प्रावधान नहीं है, इसके अलावा उक्त पदोन्नति तथा भर्ती नियम 2019 की अनुसूची -2 के कॉलम 33 के अनुसार शिक्षक के पद पर विषयवार सीधी भर्ती तथा पदोन्नति किया जाना है, किंतु जो विज्ञापन जारी किया गया वहां केवल शिक्षक के लिए जारी किया गया एवं किसी प्रकार का विषय का वर्गीकरण नहीं किया गया। इस प्रकार पदोन्नति एवं सेवा भर्ती नियम के विपरीत विज्ञापन जारी किया गया है। सुनवाई पश्चात न्यायमूर्ति पीपी साहू के एकलपीठ ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है एवं प्रकरण के निराकरण तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दिया है।
