• December 3, 2025

UP Battle for 2027: अखिलेश की ‘PDA’ काट को BJP का मास्टरस्ट्रोक! ब्राह्मण या महिला चेहरा संभालेगा यूपी बीजेपी की कमान?

UP Battle for 2027: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रही अटकलें अब एक बड़ी सियासी हलचल में बदल गई हैं। पार्टी पंचायत चुनाव 2026 और विधानसभा चुनाव 2027 को देखते हुए एक ऐसा निर्णायक कदम उठाने की तैयारी में है, जिसका सीधा असर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पीडीए (PDA) यानी (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति पर पड़ेगा। राजनीतिक गलियारों में यह दावा जोर पकड़ रहा है कि भाजपा (BJP) या तो एक ब्राह्मण (Brahman) या फिर महिला नेतृत्व को कमान सौंप सकती है। ये दोनों ही विकल्प राज्य के राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखते हैं। लखनऊ से दिल्ली तक मची इस हलचल के बीच, यह समझना जरूरी है कि बीजेपी की अगली चाल सपा के लिए कितनी बड़ी चुनौती खड़ी कर सकती है।

अध्यक्ष पद के चयन में देरी और कोरम पूरा

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बीजेपी अध्यक्ष पद को लेकर चर्चाएँ 2024 लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद शुरू हो गई थीं। पहले महाकुंभ 2025 से पहले, फिर मकर संक्रांति 2025 के बाद घोषणा की उम्मीद थी, लेकिन 29 जनवरी 2025 को महाकुंभ में हुई भगदड़ ने पार्टी को बड़ा ऐलान करने से रोक दिया। इसके बाद रणनीति बदली गई और यह निर्णय बिहार विधानसभा चुनाव के बाद तक टाल दिया गया। हालांकि, इस बीच पार्टी ने अपनी संगठनात्मक प्रक्रिया को जारी रखते हुए 98 में से 84 जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी है, जिससे कोरम (Quorum) पूरा हो गया है और अध्यक्ष चयन की जमीन तैयार हो गई है। अब माना जा रहा है कि बीजेपी (BJP) किसी भी समय अध्यक्ष पद का ऐलान करके अपनी 2027 चुनावी रणनीति को नया स्वरूप दे सकती है।

अखिलेश की पीडीए (PDA) रणनीति की काट की तैयारी

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी (BJP) का अगला कदम सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पीडीए (PDA) रणनीति (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को संतुलित करने पर केंद्रित होगा। बीजेपी द्वारा घोषित किए गए 84 जिलाध्यक्षों के आंकड़े भी इसी ओर इशारा करते हैं:

  • 45 सवर्ण

  • 32 ओबीसी

  • 7 अनुसूचित जाति

इस समीकरण में अब प्रदेश अध्यक्ष पद पर किसी बड़े समुदाय को साधने की चर्चा तेज है। अगर पार्टी ब्राह्मण या महिला चेहरे को चुनती है, तो यह कदम सवर्णों को साधने, ओबीसी समुदाय को संदेश देने और राजनीतिक नैरेटिव (Narrative) को रीसेट करने की दिशा में बड़ा प्रभाव डाल सकता है। यह फैसला यूपी (UP) की राजनीति में बीजेपी की अगली चाल को सपा की जाति आधारित रणनीति को चुनौती देता नजर आएगा।

ब्राह्मण और महिला चेहरे पर क्यों छिड़ी चर्चा?

  • ब्राह्मण चेहरा (Brahman Face): वर्ष 2017 में महेंद्र नाथ पांडेय (Mahendra Nath Pandey) को अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने ब्राह्मण समुदाय (जो यूपी में लगभग 12% है) को साधने की कोशिश की थी। चूंकि 2022 चुनाव में कई ब्राह्मण बहुल सीटों पर पार्टी को कड़ी चुनौती मिली थी, इसलिए 2027 चुनाव से पहले इस समुदाय को फिर से साधने की रणनीति पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

  • महिला नेतृत्व (Woman Leadership): पूर्व सांसद साध्वी निरंजन ज्योति (Sadhvi Niranjan Jyoti) का नाम तब उछला जब उन्हें बिहार में विधायक दल के नेता के चयन में सह-पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया। यह कदम महिला नेतृत्व और हिन्दुत्व दोनों के समीकरण साधता है। बीजेपी ने अभी तक कभी यूपी में महिला अध्यक्ष नहीं चुना है, और बिहार में महिलाओं के बड़े समर्थन को देखकर यूपी में यह फैसला पार्टी को चुनावी रूप से बड़ा फायदा दे सकता है।

रेस में प्रमुख दावेदार कौन?

नए साल के बाद किसी भी समय बीजेपी यूपी अध्यक्ष का नाम घोषित कर सकती है। इस रेस में कई प्रमुख नाम हैं:

वर्ग प्रमुख दावेदार विवरण
ब्राह्मण हरीश चंद्र द्विवेदी (Harish Chandra Dwivedi) असम प्रभारी और बस्ती के पूर्व सांसद, रेस में सबसे आगे।
ओबीसी धर्मपाल सिंह (Dharmpal Singh), बी.एल. वर्मा (BL Verma), बाबूराम निषाद (Baburam Nishad) योगी सरकार के मंत्री, केंद्रीय मंत्री और सांसद—मजबूत दावेदार।
दलित रामशंकर कठेरिया (Ram Shankar Katheria), विद्या सागर सोनकर (Vidya Sagar Sonker) दलित नेतृत्व को आगे लाने की स्थिति में महत्वपूर्ण विकल्प।

यह तय है कि बीजेपी (BJP) की यह नियुक्ति 2027 विधानसभा चुनाव के राजनीतिक समीकरणों पर गहरा असर डालेगी और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के लिए अपनी रणनीति बदलने की नई चुनौती खड़ी कर सकती है।

Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *