ऑडिट के नाम पर नाजायज शुल्क लगाने का दुकानदारों ने किया विरोध

मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना के तहत नगर पालिका रतिया की दुकानों को अपने नाम करवाने के लिए दुकानदारों का एक शिष्टमंडल रतिया विधायक लक्ष्मण नापा को मिला। दुकानदारों ने विधायक को बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना के तहत दुकानदारों द्वारा नगर पालिका के डिमांड नोटिस के अनुसार अपने पूरी पेमेंट नगर पालिका के खाते में जमा करवा दी गई है। उसके बाद भी नगर पालिका उनके नाम मलकियत नहीं करवा रही ।
दुकानदारों का कहना है कि उन्होंने आज तक का सारा किराया भरा हुआ है। डिमांड नोटिस के ऊपर भी नगरपालिका द्वारा किराया भरा हुआ लिखा हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर कोई जुर्माना बाकी था, उसके लिए आज तक नगरपालिका की तरफ से कोई नोटिस क्यों नहीं जारी किया गया। नगरपालिका की ऑडिट हर साल होता है तो 20 साल पुरानी ऑडिट करके नगर पालिका नाजायज रूप से दुकानदारों से शुल्क वसूल रही है। ऐसा ऑडिट पूरे हरियाणा में कहीं नहीं हो रहा। दुकानदारों की इस समस्या से अवगत होने के बाद विधायक लक्ष्मण नापा ने रेस्ट हाउस में डीएमसी संजय बिश्नोई फतेहाबाद, एसडीएम जगदीश चंद्र रतिया, नगर पालिका सचिव पंकज जून, नगर पालिका चेयरपर्सन प्रतिनिधि महेश खन्ना व दुकानदारों की एक मीटिंग बुलाई। इसमें डीएमसी को दुकानदारों की समस्या से अवगत करवाया गया।
विधायक लक्ष्मण ने डीएमसी को निर्देश देते हुए इस समस्या को जल्द से जल्द हल करने के निर्देश दिए और दुकानदारों की तरफ से इस समस्या को जल्द से जल्द हल करने के लिए एक ज्ञापन दिया गया। डीएमसी संजय बिश्नोई ने दुकानदारों को आश्वासन देते हुए कहा कि वो इस समस्या को जल्द से जल्द हल करवाने का प्रयास करेंगे। इस मौके पर भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक राधा कृष्ण नारंग, दुकानदार देवराज, मोहन मित्तल, रमेश मेहता, नरेश कुमार, सुरेश कुमार, पवन कुमार, सुभाष कुमार, लक्की, मुकेश कुमार, रोशन, नीटू गोयल आदि समस्त दुकानदार उपस्थित थे।
इस मामले में जब दुकानदारों ने नगर पालिका सचिव से बात की तो नगर पालिका सचिव ने कहा कि वह 20 साल पुराना ऑडिट करवाएंगे और जिन दुकानदारों का किराया लेट भरा हुआ है, 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना व उसके ऊपर 18 प्रतिशत ब्याज के हिसाब से राशि वसूली जाएगी।
