इतिहास के नाम पर पढ़ाया गढ़ा हुआ नैरेटिव, समाज ने जिंदा रखीं वीरता की गाथाएं: पीएम नरेंद्र मोदी
Veer Bal Diwas: पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों वीर साहिबजादे फतेह सिंह और जोरावर सिंह के बलिदान दिवस पर उन्हें नमन किया। दिल्ली के ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि चमकौर और सरहिंद के युद्ध में जो कुछ हुआ, वह ना भूतो ना भविष्यति था। उन्होंने कहा कि यह युद्ध हजारों साल पुराना नहीं है कि उसकी यादें धुंधली हो गई हों। यह इस देश में तीन सदी पहले ही हुआ था। एक तरफ कट्टर मुगल सल्तनत थी तो वहीं ज्ञान और तपस्या में तपे हुए हमारे गुरु थे। एक तरफ आतंक की पराकाष्ठा थी तो दूसरी तरफ अध्यात्म का शीर्ष। उन्होंने कहा कि एक तरफ लाखों की फौज थी तो दूसरी तरफ अकेले ही निडर खड़े वीर साहिबजादे।
उन्होंने इस दौरान देश में इतिहास के सिलेबस पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से हमें इतिहास के नाम पर वो गढ़े हुए नैरेटिव बताए और पढ़ाए जाते रहे, जिनसे हमारे भीतर हीनभावना पैदा हो। इसके बाद भी हमारे समाज और परंपराओं ने इन गौरव गाथाओं को जिंदा रखा। यदि हमें भारत को भविष्य में सफलता के शिखरों तक ले जाना है तो हमें अतीत के संकुचित नजरियों से भी आजाद होना पड़ेगा। पीएम मोदी ने कहा कि जोरावर सिंह साहब और फतेह सिंह साहब को जिंदा दीवार में चिनवा दिया गया। एक तरफ नृशंसता ने अपने सारे कीर्तिमान तोड़ दिए तो वहीं धैर्य ने भी अपनी पराकाष्ठा दिखाई। जिस देश की विरासत ऐसी हो, उसमें स्वाभाविक रूप से स्वाभिमान और आत्मविश्वास कूट-कूटकर भरा होना चाहिए।