बेगूसराय में शुरू हुई वियतनाम कटहल की खेती, अगले साल से होगा उत्पादन
सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 2024 में बेगूसराय के लोग अपनी मिट्टी में उपजाए गए वियतनाम कटहल का स्वाद ले सकेंगे। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इसकी खेती शुरू की गई है। छौड़ाही प्रखंड के परोड़ा पंचायत में भवेश साह ने किसान सलाहकार अनीश कुमार के सहयोग से एक एकड़ में पौधा लगाया है।
प्रगतिशील किसान और किसान सलाहकार अनीश कुमार ने बताया कि वियतनाम कटहल का पौधा एक वर्ष में ही फूल और फल देना शुरू कर देता है। कटहल में यह सबसे जल्दी उत्पादन देने वाली किस्म है। इसलिए इसे अर्ली कटहल भी कहा जाता है। इसके वृक्ष एक साल में दो बार फल देते हैं। जिससे बाजार में अच्छे भाव मिलने संभावना रहती है।
उन्होंने बताया कि यह कटहल उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में उगना पसंद करता है, जहां गर्म गर्मी और ठंडी सर्दी होती है। इसकी खेती के लिए तापमान पांच डिग्री से निचे नहीं जाना चाहिए, जो कि हमारे वातावरण के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। पौधे लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर लेनी चाहिए। पाटा लगा कर या लेजर लेंड लेवलर से खेत को समतल कर लें।
कटहल के पौधे लगाने का उचित समय जून से अगस्त महीना एवं पौधे से पौधे की दुरी 12 फीट और कतार से कतार की दूरी 15 फिट रखनी चाहिए। इसका पौधा ज्यादा लंबा नहीं होता है, आकार में भी यह छोटा ही रहता है। इस कारण इसकी देखभाल में आसान होती है। इस किस्म के कटहल को अपने किचन गार्डन में लगा सकते हैं जो साल में दो बार फल देती है।
इसे घर के छत पर बड़े साइज का गमला में भी लगाया जा सकता है। वियतनाम कटहल के पौधे की अधिकतम ऊंचाई चार से पांच मीटर तक होती है। साल में दो बार फूल सितम्बर से दिसम्बर और मई से जून तक लगता है। कभी-कभी यह भिन्न हो सकता है, यह क्षेत्र विशेष की जलवायु पर निर्भर करता है। वियतनाम कटहल के पौधे के प्रथम वर्ष पत्तियां गिरने की समस्या रहती है।
इसके लिए 15 से 20 दिन के अंतराल में रूटिंग हार्मोन का स्प्रे करना चाहिए। किसान इसे प्रारंभिक दो वर्षों के लिए मल्चिंग के रूप में कार्बनिक पदार्थ के साथ अच्छी उपजाऊ मिट्टी में लगा सकते हैं। दो वर्ष के बाद 20 किलोग्राम गोबर या कम्पोस्ट खाद प्रति पौधा दें। वियतनाम कटहल के फल का आकार मध्यम होता हैं, जिससे इसे सामान्य कटहल की तुलना में बाजार में बेचना भी आसान होता है।
उन्होंने बताया कि इसके फल देशी कटहल से छोटा होने के कारण उन्हें काटना और लाना-पहुंचाना बहुत ही आसान होता है। पौधा लगाने के एक साल बाद खाने योग्य फल आना शुरू हो जाते हैं। पौधा लगाने के दूसरे वर्ष 20 से 25 किलोग्राम और तीसरे वर्ष 80 से एक सौ किलोग्राम उत्पादन आता है। इस प्रकार किसानों की आय कटहल की खेती से सर्वाधिक होने की उम्मीद है।