Mahashivaratri Special : वाराणसी में होंगे बाबा विश्वनाथ के भव्य दर्शन, पूजा के लिए मिलेंगे सिर्फ 2 सेकेंड, जानें प्रशासन ने और क्या की है तैयारियां ?
वाराणसी : महाशिवरात्रि पर भव्य आयोजन के लिए देव नगरी काशी तैयार है। शनिवार को देशभर में महाशिवरात्रि का व्रत रखा जा रहा है। इस व्रत को ख़ास बनाने के लिए देश भर से श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी पहुँच रहे है। बीते साल महाशिवरात्रि के मौके पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए तकरीबन 6 लाख भक्त थे। इस बार मंदिर प्रशासन की तरफ भीड़ को लेकर ख़ास इंतजाम किये है।
आइए जानते है क्या इंतजाम ….
इसके साथ ही श्रद्धालु 25 मिनट लाइन में लगने के बाद ही बाबा के दर्शन कर पाएंगे। । औसतन एक श्रद्धालु को पूजा के लिए 2 सेकंड्स का वक्त मिलेगा, वही भक्त न तो ज्योर्तिंलिंग को छू सकेंगे और न ही जलाभिषेक कर सकेंगे। गर्भगृह के बाहर लगे पाइप से दूध, जल, बेल पत्र, फूल चढ़ा पाएंगे। गर्भगृह के चारों गेट से केवल झांकी दर्शन होगा। शिवरात्रि पर मंदिर में VIP दर्शन बंद रहेगा। मंदिर में प्रवेश और एग्जिट के लिए 4 गेट होंगे। शहर के ज्यादातर होटल्स, लॉज, धर्मशाला हाउस फुल हैं। टेंट सिटी है, जहां अभी कॉटेज की बुकिंग्स चल रही है।
इन लोगों के लिए की गयी मुफ्त ई – रिक्शे की व्यवस्था
महाशिवरात्रि पर भीड़ को विश्वनाथ धाम से डेढ़ से दो किलोमीटर पहले भीड़ को रोक लिया जाएगा, इसके साथ ही टू-व्हीलर को भी एंट्री बैन है। किसी प्रकार के वाहन मैदागिन और गोदौलिया से मंदिर की तरफ नहीं आएंगे। कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने कहा कि दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए मंदिर तक आने के लिए फ्री ई-रिक्शा चलाया जा रहा है। अगर जरूरत होगी तो इसके आगे उनको व्हील चेयर्स उपलब्ध कराई जाएगी।
इसके साथ ही भक्तों के लिए पानी पीने के लिए भक्तों को बैरिकेडिंग से बाहर नहीं निकलना पड़ेगा। उनके लिए पानी की व्यवस्था की गयी है। गंगा घाट, धाम चौक परिसर और 4 नंबर गेट पर हेल्थ विभाग की टीमें तैनात की जाएंगी। खोया पाया केंद्र के अलावा पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम भी जगह-जगह लगाए गए हैं। किसी प्रकार के वाहन मैदागिन और गोदौलिया से मंदिर की तरफ नहीं आएंगे।
एंट्री और एग्जिट के लिए बनाए गए है गेट
विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश और एग्जिट के लिए 4 गेट होंगे। घाट की तरफ से (पूर्वी द्वार) आने वाले भक्त गंगा द्वार से प्रवेश करेंगे। चौक और मैदागिन से आने वाले भक्तों को नंदी द्वार (उत्तरी द्वार), दशाश्वमेध और अन्नपूर्णां की ओर से मंदिर पहुंचने वाले भक्तों को ढूंढीराज गणेश (पश्चिमी द्वार), गौदोलिया चौराहे की ओर से आ रहे श्रद्धालुओं को गेट नंबर 1 के आगे सरस्वती फाटक (दक्षिण) से एंट्री मिलेगी।