• October 18, 2025

सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ सुनवाई 31 जनवरी के लिए टली

 सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ सुनवाई 31 जनवरी के लिए टली

दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान सरस्वती विहार के एक मामले में आरोपित और पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टाल दी है। स्पेशल जज एमके नागपाल ने मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी को करने का आदेश दिया।

अभियोजन पक्ष की ओर से आज कोई सरकारी वकील पेश नहीं हुआ। इसकी वजह से सुनवाई टाली गई। इसके पहले कोर्ट ने 30 नवंबर को बचाव पक्ष की ओर से साक्ष्य बंद कर दिया था। इस मामले में एक नवंबर को सज्जन कुमार ने अपना बयान दर्ज कराया था। सज्जन कुमार इस मामले में जमानत पर हैं। कोर्ट ने 27 अप्रैल, 2022 को इस मामले में जमानत दी थी। 19 अप्रैल, 2022 को अभियोजन पक्ष के दो गवाहों सरबजीत सिंह बेदी और दिलीप कुमार ओहरी ने अपने बयान दर्ज कराए थे। कोर्ट में 93 वर्षीय गवाह डीके अग्रवाल के बयान की सील बंद प्रति कोर्ट में पेश की गई थी। अग्रवाल का बयान कड़कड़डूमा कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किया गया था। 29 मार्च, 2022 को कोर्ट ने डीके अग्रवाल की बीमारी और उनकी ज्यादा उम्र को देखते हुए उनके बयान उनके घर पर ही दर्ज कराने का आदेश दिया था।

मामला एक नवंबर, 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी। शाम को करीब चार-साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने पीड़ितों के राज नगर इलाके में स्थित घर पर लोहे के सरियों और लाठियों से हमला कर दिया। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे, जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस के सांसद थे।

शिकायत के मुताबिक सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया, जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया। भीड़ ने पीड़ितों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को अंजाम दिया। शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 395, 397, 302, 307, 436 और 440 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए।

शिकायतकर्ता ने सज्जन कुमार की पहचान तब की, जब उसने सज्जन कुमार की एक तस्वीर देखी। इस मामले को 1984 में बंद कर दिया गया था लेकिन जब एसआईटी ने इसे दोबारा खोलने का आदेश दिया तब राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय किया। कोर्ट ने कहा कि इस बात के पर्याप्त तथ्य हैं कि आरोपित के खिलाफ आरोप तय किए जाएं।

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Rama Niwash Pandey

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