• December 27, 2025

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक: मनरेगा के नए स्वरूप ‘VB-GRAM-G’ के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन का बिगुल, विधानसभा चुनावों पर भी मंथन

नई दिल्ली: देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार की नीतियों, विशेषकर ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में किए गए बड़े बदलावों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। शनिवार को नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित ‘कांग्रेस कार्यसमिति’ (CWC) की महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा के स्थान पर लाए गए नए कानून ‘विकासशील भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी VB-GRAM-G (वीबी-जी राम जी) एक्ट के खिलाफ देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का रणनीतिक फैसला लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं ने वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों और आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की।

मनरेगा बनाम वीबी-जी राम जी: मजदूरों के हक की लड़ाई

बैठक के मुख्य एजेंडे में केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा (MGNREGA) कानून में किए गए बदलावों का मुद्दा सबसे ऊपर रहा। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इस नए ‘वीबी-जी राम जी’ कानून के जरिए ग्रामीण भारत के करोड़ों मजदूरों के कानूनी रोजगार के अधिकार को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। बैठक में शामिल नेताओं ने चिंता व्यक्त की कि नया ढांचा न केवल जटिल है, बल्कि यह मजदूरों की आजीविका के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बैठक से पहले मीडिया से बात करते हुए सरकार के इस कदम को ‘खतरनाक’ करार दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा कांग्रेस की एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही है जिसने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा दिया है, लेकिन भाजपा सरकार अपने निजी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लाखों गरीबों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है। पार्टी ने तय किया है कि इस मुद्दे को जन-आंदोलन बनाया जाएगा और गांव-गांव जाकर लोगों को इस नए कानून की कमियों से अवगत कराया जाएगा।

चुनावी राज्यों के लिए मास्टरप्लान और मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति

कार्यसमिति की इस उच्च स्तरीय बैठक में केवल राष्ट्रीय मुद्दों पर ही नहीं, बल्कि चुनावी राज्यों की रणनीति पर भी गंभीर मंथन हुआ। अगले साल असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को सुधारने और सत्ता हासिल करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के प्रमुखों के साथ विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री—तेलंगाना के रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के सिद्धारमैया और हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू—भी मौजूद रहे। इन मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में लागू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं और उनके सकारात्मक प्रभावों का विवरण साझा किया, जिसे आगामी चुनावों में ‘कांग्रेस मॉडल’ के रूप में पेश किया जा सकता है। पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि राज्यों में संगठन को मजबूत करने और बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की आवश्यकता है।

असम सरकार पर कड़ा प्रहार: भ्रष्टाचार और नागरिकता का मुद्दा

बैठक के दौरान और उसके बाद कांग्रेस नेताओं के निशाने पर असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार रही। सांसद गौरव गोगोई ने असम के मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए वहां की सरकार को ‘भ्रष्टाचार और कुशासन’ का केंद्र बताया। गोगोई ने दावा किया कि असम में हर दिन भाजपा सरकार के किसी न किसी विधायक या मंत्री का नाम अवैध गतिविधियों में सामने आता है। उन्होंने गाय तस्करी, जमीन कब्जाने की धमकी, अवैध रेत और कोयला माफिया के साथ सत्ताधारी दल के नेताओं के कथित संबंधों का मुद्दा उठाया।

सबसे चौंकाने वाला आरोप नागरिकता को लेकर लगाया गया। गोगोई ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री जनसांख्यिकी बदलाव की बातें करते हैं, तो दूसरी तरफ उनकी ही सरकार के एक विधायक की नागरिकता और उनके ‘बांग्लादेशी’ होने की पहचान पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री इन सवालों का जवाब देने के बजाय जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस ने असम के आगामी चुनावों में इन मुद्दों को जोर-शोर से उठाने का संकल्प लिया है।

एकजुट विपक्ष और संसद से सड़क तक की रणनीति

बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को एकजुट होकर सरकार की ‘जनविरोधी’ नीतियों के खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया। संसद के आगामी सत्रों में सरकार को घेरने के साथ-साथ सड़क पर भी प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रखने की योजना बनाई गई है। पार्टी का मानना है कि बेरोजगारी और महंगाई के साथ-साथ रोजगार गारंटी योजना में बदलाव जैसे मुद्दे जनता के बीच सरकार की पकड़ को कमजोर कर सकते हैं। शशि थरूर जैसे वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति इस बात का संकेत थी कि पार्टी अंतरराष्ट्रीय और बौद्धिक स्तर पर भी सरकार की नीतियों की खामियों को उजागर करने की तैयारी में है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

CWC की औपचारिक बैठक शुरू होने से पहले एक गरिमामय क्षण भी आया, जब पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. सिंह के कार्यकाल को याद करते हुए नेताओं ने कहा कि उन्होंने ही देश को मनरेगा जैसी क्रांतिकारी योजना दी थी, जिसे आज की सरकार कमजोर करने का प्रयास कर रही है। पार्टी ने संकल्प लिया कि डॉ. सिंह की आर्थिक दूरदर्शिता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को अक्षुण्ण रखा जाएगा।

भविष्य की दिशा: संगठन में बदलाव और जनसंपर्क

बैठक के समापन पर यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि कांग्रेस अब रक्षात्मक मुद्रा से बाहर निकलकर आक्रामक राजनीति की ओर बढ़ेगी। संगठन के भीतर खाली पदों को भरने और युवाओं को अधिक जिम्मेदारी देने पर भी सहमति बनी है। ‘वीबी-जी राम जी’ एक्ट के विरोध को पार्टी अपने ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान और अन्य जनसंपर्क कार्यक्रमों का हिस्सा बनाएगी। कांग्रेस का लक्ष्य है कि विधानसभा चुनावों से पहले जनता के बीच यह संदेश स्पष्ट रूप से पहुंचे कि पार्टी गरीबों, मजदूरों और किसानों के अधिकारों की एकमात्र रक्षक है।

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