इंडिया सबमिट में सश्वत गोयनका ने उपभोक्ता की बदली पसंद और स्वास्थ्य संकीर्णता पर दी नई दिशा
21 फ़रवरी भारत में उपभोक्ता व्यवहार और स्वास्थ्य संकीर्णता के मुद्दे पर नए विचार पेश करते हुए , इंडिया सबमिट के प्रमुख, ने हाल ही में एक विशेष बयान दिया, जिसमें उन्होंने बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताओं और इसके प्रभाव को लेकर महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने उपभोक्ता की बदली पसंद, स्वच्छता और स्वास्थ्य के बढ़ते खतरों पर गंभीर चिंता जताई और इसे लेकर नई दिशा की आवश्यकता पर जोर दिया।
गोयनका ने इस संदर्भ में कहा कि बदलते समय के साथ उपभोक्ता की प्राथमिकताएं भी बदल रही हैं, खासकर ऐसे उत्पादों को लेकर जो उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर और सुरक्षित हो। आजकल उपभोक्ता केवल पैसों के लिए नहीं, बल्कि अपनी सेहत और जीवनशैली के प्रति सजग रहते हुए उत्पादों का चयन कर रहे हैं। उनका मानना था कि भारतीय उपभोक्ता अब केवल मूल्य और ब्रांड के आधार पर निर्णय नहीं लेते, बल्कि वे उत्पाद की गुणवत्ता और स्वास्थ्य को भी प्रमुखता देते हैं।
इस बयान के बाद, उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपभोक्ताओं द्वारा चुने गए विकल्पों पर चर्चा की, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता और स्वस्थ जीवन शैली की ओर बढ़ते कदमों का समर्थन किया। उनका कहना था कि यह ट्रेंड न केवल उपभोक्ता पसंद में बदलाव ला रहा है, बल्कि कंपनियों को भी नए उत्पादों और सेवाओं की दिशा में सोचने पर मजबूर कर रहा है, जो स्वस्थ और टिकाऊ हों।
सश्वत गोयनका ने यह भी उल्लेख किया कि आज के समय में, उत्पादों की गुणवत्ता, खासकर खाद्य और पेय पदार्थों में, अधिक से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उपभोक्ता अब उन उत्पादों को तरजीह दे रहे हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो, और इस बदलते रुख के साथ कंपनियों को अपने उत्पादों में सुधार करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य और स्वच्छता के मुद्दे अब केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं रह गए हैं, बल्कि यह सामाजिक और व्यावसायिक दायित्व भी बन गए हैं।”
इसके साथ ही उन्होंने भारतीय उपभोक्ताओं के बदलते दृष्टिकोण को लेकर व्यावसायिक संगठनों और कंपनियों से अपील की कि वे अपने उत्पादों में सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों का पालन करें। उन्होंने यह भी कहा कि उपभोक्ताओं को अब ऐसी सेवाओं की आवश्यकता है जो न केवल उनके स्वास्थ्य को बढ़ावा दे, बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हों।
स्वास्थ्य संकीर्णता के मुद्दे पर बात करते हुए सश्वत गोयनका ने यह बताया कि यह केवल उपभोक्ता व्यवहार पर असर डालने वाला मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पूरे व्यापारिक और नीति-निर्माण प्रक्रिया में बदलाव की ओर इशारा करता है। कंपनियों को अपनी उत्पादन प्रक्रियाओं में सुधार लाना होगा, ताकि वे स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति उपभोक्ताओं की बढ़ती उम्मीदों पर खरा उतर सकें।
अंत में, गोयनका ने कहा कि इस बदलाव को लेकर भारत में उपभोक्ता जागरूकता और शिक्षा की दिशा में और भी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि हर व्यक्ति को अपनी पसंद के बारे में सही जानकारी मिल सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर उत्पादों का चयन करते वक्त सजग रहना चाहिए और कंपनियों को इस नए ट्रेंड को स्वीकार करते हुए अपने उत्पादों में सुधार लाने की जरूरत है।
सश्वत गोयनका का यह बयान न केवल उपभोक्ताओं को बल्कि कंपनियों को भी यह समझाने का एक प्रयास है कि अब उपभोक्ता की प्राथमिकताएं तेजी से बदल रही हैं, और इसका प्रभाव पूरे उद्योग पर पड़ेगा।
