राजस्थान: पायलट ने सीएम के खिलाफ खोला मोर्चा, एक दिन का रखेंगे अनशन
# सचिन ने दी एक दिवसीय अनशन की चेतावनी
राजस्थान: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर पायलट और गहलोत की टकरार का विरोध सामने आ गया है | अशोक गहलोत के खिलाफ प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है | गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल देने के बाद सचिन ने एक दिवसीय अनशन करने की चेतावनी दी है | जानकारी के मुताबिक 11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर ऱखेंगे। गहलोत सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं करने के विरोध में रखेंगे अनशन। पूर्व डिप्टी सीएम और काग्रेस विधायक सचिन पायलट ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर सीएम अशोक गहलोत को घेरा है । अब सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ 11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले की जयंती पर शहीद स्मारक पर अनशन करेंगे। पायलट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब हमारी सरकार बनी थी तब भ्रष्टाचार को लेकर हमने मिलकर कई बातें कहीं थी लेकिन अब तक यह काम नहीं हुए हैं। इसे देखते हुए मैं 11 अप्रैल को शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करेंगे। यह अनशन उन बातों को रखने और उन्हें करने लिए किया जा रहा है जो अब तक हमारी सरकार द्वारा नहीं हुईं ।
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सीएम गहलोक पर साधा निशाना
सचिन पायलट ने राजधानी जयपुर में मीडिया से करते हुए इशारों में सीएम अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा। पायलट ने कहा कि 2013 में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी और हम चुनाव हार गए थे। इसके बाद में मुझे कांग्रेस अध्यक्ष बनाया। पूरे पांच साल का कार्यकाल रहा। इस कार्यकाल में वसुंधरा राजे की सरकार थी। उस सरकार का नीतियों के आधार पर विरोध किया। वसुंधरा सरकार में भ्रष्टाचार हुए। हम लोगों ने भ्रष्टाचार के प्रकरण सामने आए। उजागर किया। जनता तक गए। कांग्रेस की बात को जनता ने स्वीकार किया। यही कारण है कि जनता ने कांग्रेस को विजयी बनाया।
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गहलोत ने मेरी चिट्टी का जवाब नहीं दिया
सचिन पायलट ने कहा कि आज से करीब सवा साल पहले मैंने सीएम गहलोत को चिट्टी लिखी थी। चिट्टी में मैंने पूरे विस्तार से घटनाक्रम का विवरण रखा। मैंने कहा कि हमारी सरकार बने हुए साढ़े तीन साल हो गए है। अब समय आ गया है कि हम लोग अपने वादों पर खरा उतरे। जो आऱोप मैंने और गहलोत ने लगाए थे। भूमाफिया के, शराब माफिया के खनन माफिया के, ललित मोदी को लेकर, खान माफिया को लेकर। वो सारे पब्लिक डोमेने में है। मैंने आग्रह किया था। हमें यह दिखाना पड़ेगा कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।