• December 27, 2025

दुर्गा पूजा के 713 पंडाल, 6847 लोगों पर झारखंड पुलिस का रहेगा कड़ा पहरा

 दुर्गा पूजा के 713 पंडाल, 6847 लोगों पर झारखंड पुलिस का रहेगा कड़ा पहरा

राज्य में दुर्गा पूजा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सभी संवेदनशील क्षेत्रों की गतिविधियों पर नजर रखा जा रहा है। राज्य में विधि व्यवस्था बनाए रखने को लेकर हर तरह से राज्य पुलिस सतर्कता बरत रही है। सभी जिले में पुलिस के द्वारा संवेदनशील स्थानों को चिन्हित करने से लेकर सांप्रदायिक वारदातों में पिछले दस सालों में सक्रिय रहे लोगों को भी चिन्हित किया गया है। राज्य में 713 पंडालों को संवेदनशील घोषित किया गया है। जबकि 6847 व्यक्तियों को सांप्रदायिक मानते हुए उन पर नजर रखने को कहा गया है।

रांची जोन में कुल 642 पंडाल में 157 पंडाल, हजारीबाग जोन में 779 पंडाल में कुल 163, बोकारो जोन में 808 में 82, कोल्हान में 853 में 141 और दुमका जोन में 821 पंडालों में 170 संवेदनशील हैं। सभी संवेदनशील पंडाल को सीसीटीवी की निगरानी में रखने के साथ पुरुष और महिला दोनों ही बल तैनात किया जाएगा।

राज्य के वैसे लोग जो पर्व त्योहारों के दौरान पिछले 10 सालों में किसी भी तरह के सांप्रदायिक वारदातों में शामिल रहे हैं वैसे प्रत्येक व्यक्ति की जानकारी पुलिस के द्वारा जुटाई गई है। पूरे राज्य भर में ऐसे लोगों की संख्या 6847 है। पुलिस मुख्यालय की तरफ से सभी पुलिस अधीक्षकों को या निर्देश दिया गया है कि वह ऐसे व्यक्तियों को थाने पर बुलाकर उनसे बांड भरवाएं।

हजारीबाग में विशेष नजर

सांप्रदायिक वारदातों में सबसे ज्यादा 3759 लोग हजारीबाग के हैं। वहीं रांची जोन के पांच जिलों में 1907, बोकारो में 1876, कोल्हान प्रमंडल में 405, संताल परगना जोन में 449 और पलामू जोन में 358 लोग को सांप्रदायिक तत्व के रूप में चिन्हित किया गया है। सांप्रदायिक तनाव को लेकर झारखंड के हजारीबाग, जमशेदपुर, रांची, पलामू और लोहरदगा जैसे शहरों पर विशेष नजर रखने की हिदायत दी गई है।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शुक्रवार को पर्व-त्योहारों के दौरान विधि-व्यवस्था को लेकर वरीय अधिकारियों एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के साथ उच्चस्तरीय बैठक की थी। बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य में दुर्गा पूजा और आगामी अन्य पर्व-त्योहार शांतिपूर्वक संपन्न हों। कहीं भी किसी भी प्रकार की कोई हिंसा और उपद्रव की घटना नहीं हो, इसे सभी जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक सुनिश्चित करें।

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