मुख्तार अंसारी पर फिर भारी पड़ा बृजेश सिंह, उसरी चट्टी कांड में नया मोड़, अपने ही दर्ज कराए केस में 22 साल बाद बन गया हत्या का आरोपी
पूर्वांचल में माफिया मुख्तार अंसारी और डॉन ब्रजेश सिंह के बीच तीन दशक से जारी वर्चस्व की जंग लगातार जारी है। दो दशक तक ब्रजेश सिंह पर भारी पड़ता रहा मुख्तार अंसारी अब लगातार उससे चोट खा रहा है। गाजीपुर के चर्चित उसरी चट्टी कांड में भी मुख्तार अंसारी पर ब्रजेश सिंह भारी पड़ गया है। जिस केस में खुद वादी बनकर मुख्तार अंसारी ने ब्रजेश सिंह को आरोपी बनाया था। अब मुख्तार अंसारी खुद आरोपी बन गया है। मुख्तार अंसारी पर ही हत्या का केस दर्ज हो गया है।
सबसे पहले जानते हैं क्या है उसरी चट्टीकांड
गाजीपुर के उसरी चट्टी इलाके में 15 जुलाई 2001 की दोपहर 12.30 बजे मुख्तार अंसारी के काफिले पर अत्याधुनिक असलहों से ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। उस दौरान मुख्तार अंसारी मऊ से विधायक थे और अपने निर्वाचन क्षेत्र में जा रहे थे। मुख्तार अंसारी को बचाने में उनके सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप, रुस्तम उर्फ बाबू और एक अन्य मनोज राय मारा गया था। वारदात में कई लोग घायल हो गए थे।
इस मामले मुख्तार अंसारी की तरफ से बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई गई थी। इन पांच में से तीन गैंगवार और एसटीएफ से एनकाउंटर में मारे गए थे। इसी वारदात के बाद से ब्रजेश सिंह कई साल तक अंडर ग्राउंड हो गए थे। यह भी अफवाह उड़ी थी कि ब्रजेश सिंह भी मारे गए हैं। ब्रजेश औऱ त्रिभुवन के लापता होने से केस का ट्रायल लंबे समय तक रुका रहा।
इसी कांड में मारे गए मनोज राय के पिता की तरफ से अब मुख्तार अंसारी पर ही हत्या का केस दर्ज कराया गया है। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में मनोज राय को मुख्तार अंसारी की तरफ से गोलियां चलाने वाला बताया गया था। मनोज राय के पिता शैलेंद्र राय अब मुख्तार असारी को ही बेटे का हत्यारा बताया है। पीड़ित पिता ने हत्या के अलावा भी पूर्व विधायक और उनके गुर्गों पर आरोपों की झड़ी लगा दी है।
मुख्तार अंसारी पर 22 साल बाद लगे यह आरोप
बिहार के बक्सर सगरा राजपुर निवासी शैलेन्द्र कुमार राय ने बताया कि उसरी चट्टी गैंगवार में 22 साल पहले उसने बेटे मनोज राय को खो दिया। मनोज का ससुराल गाजीपुर के ही भांवरकोल के ग्राम औथही में है। वह मुख्तार अंसारी के लिए ठेकेदारी का काम करता था। मनोज कुमार राय ने बताया था कि कुछ टेंडर अपने मन से डाल दिए जिसके बाद से मुख्तार अंसारी नाराज हो गए और अंजाम भुगतने की धमकी भी दी थी। हत्या का डर जताते हुए उसने माफी मांगी और फिर लगातार काम करने लगा।