उत्तर प्रदेश के मंदिरों और धार्मिक स्थलों का होगा कायाकल्प, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इसके तहत प्रदेश के प्रमुख मंदिरों, संतों के आश्रमों और अन्य धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार और पर्यटन विकास किया जाएगा। शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। इस योजना का विशेष फोकस पूर्वांचल के मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर है, जिन्हें वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाने का लक्ष्य रखा गया है।
इन धार्मिक स्थलों का होगा सौंदर्यीकरण
योजना के तहत बलिया में भृगु आश्रम स्थित चित्रगुप्त मंदिर का सौंदर्यीकरण, तेंदुआ पट्टी फरसातार मौजा होलपुर में हनुमान मंदिर परिसर का पर्यटन विकास, और बसंतपुर गांव में उदासीन मठ का विकास किया जाएगा। इसके अलावा, आजमगढ़ के महाराजगंज में भैरो बाबा स्थल, फूलपुर पवई में दुर्वासा ऋषि आश्रम, मिश्रापुर में राम जानकी मंदिर, धन्नीपुर, सिंगपुर और बांसगांव में स्वर्गीय संत परमहंस बाबा के स्थल का पर्यटन विकास प्रस्तावित है। मऊ जिले में श्री वीरा बाबा ब्रह्म स्थान और कन्नौज के सदर में फूलमती देवी मंदिर का सौंदर्यीकरण भी इस योजना का हिस्सा है।
योजना के तहत बलिया में भृगु आश्रम स्थित चित्रगुप्त मंदिर का सौंदर्यीकरण, तेंदुआ पट्टी फरसातार मौजा होलपुर में हनुमान मंदिर परिसर का पर्यटन विकास, और बसंतपुर गांव में उदासीन मठ का विकास किया जाएगा। इसके अलावा, आजमगढ़ के महाराजगंज में भैरो बाबा स्थल, फूलपुर पवई में दुर्वासा ऋषि आश्रम, मिश्रापुर में राम जानकी मंदिर, धन्नीपुर, सिंगपुर और बांसगांव में स्वर्गीय संत परमहंस बाबा के स्थल का पर्यटन विकास प्रस्तावित है। मऊ जिले में श्री वीरा बाबा ब्रह्म स्थान और कन्नौज के सदर में फूलमती देवी मंदिर का सौंदर्यीकरण भी इस योजना का हिस्सा है।
पर्यटन विभाग ने तैयार की विस्तृत कार्ययोजना
पर्यटन विभाग ने विशेष रूप से पूर्वांचल के मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। अधिकारियों के अनुसार, सरकार का लक्ष्य अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे प्रमुख धार्मिक केंद्रों के साथ-साथ राज्य के अन्य प्राचीन मंदिरों और तीर्थ स्थलों को वैश्विक स्तर पर पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाना है। इसके लिए कई परियोजनाएं पहले से ही लागू की जा चुकी हैं।
पर्यटन विभाग ने विशेष रूप से पूर्वांचल के मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। अधिकारियों के अनुसार, सरकार का लक्ष्य अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे प्रमुख धार्मिक केंद्रों के साथ-साथ राज्य के अन्य प्राचीन मंदिरों और तीर्थ स्थलों को वैश्विक स्तर पर पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाना है। इसके लिए कई परियोजनाएं पहले से ही लागू की जा चुकी हैं।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर
योगी सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। बयान में कहा गया है कि यह योजना न केवल धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण और संरक्षण को सुनिश्चित करेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और पर्यटन को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास को भी गति देगी। सरकार का यह कदम उत्तर प्रदेश को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
योगी सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। बयान में कहा गया है कि यह योजना न केवल धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण और संरक्षण को सुनिश्चित करेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और पर्यटन को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास को भी गति देगी। सरकार का यह कदम उत्तर प्रदेश को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
