गोरखपुर में बदलाव की बयार: एम्स में 44 करोड़ की लागत से बनेगा 500 क्षमता का रैन बसेरा, सीएम योगी ने किया शिलान्यास
गोरखपुर, 18 अप्रैल 2025: पूर्वी उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रमुख केंद्र गोरखपुर में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में 44 करोड़ रुपये की लागत से 500 लोगों की क्षमता वाला रैन बसेरा बनाया जा रहा है, जिसका शिलान्यास आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। यह रैन बसेरा न केवल गोरखपुर बल्कि पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रैन बसेरा होगा, जो एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को रात्रि विश्राम की सुविधा प्रदान करेगा। पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) निधि से निर्मित होने वाला यह रैन बसेरा गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए एक वरदान साबित होगा।
रैन बसेरे की जरूरत और महत्व
गोरखपुर, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार और नेपाल से सटे क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा का केंद्र है, में हर दिन हजारों लोग इलाज के लिए आते हैं। एम्स गोरखपुर की स्थापना के बाद यह संख्या और बढ़ी है। यहां आने वाले मरीजों और उनके परिजनों में से कई आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, जिनके लिए रात में ठहरने की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती होती है। सड़कों, खुले मैदानों या अस्पताल के बाहर रात गुजारने को मजबूर इन लोगों की परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस रैन बसेरे के निर्माण का प्रस्ताव दिया था।
एम्स गोरखपुर की गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन देश दीपक वर्मा ने बताया, “मुख्यमंत्री ने इस रैन बसेरे की आवश्यकता को स्वयं महसूस किया था। यह सुविधा उन गरीब परिवारों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी जो दूर-दराज से इलाज के लिए आते हैं और जिनके पास होटल या किराए के मकान में रहने की क्षमता नहीं होती।” यह रैन बसेरा मरीजों और उनके परिजनों को न केवल ठहरने की जगह देगा, बल्कि स्वच्छता, पेयजल, शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगा।
44 करोड़ की लागत, 500 लोगों की क्षमता
पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की सीएसआर निधि से बनने वाला यह रैन बसेरा 44 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा। इसमें 500 लोगों के ठहरने की व्यवस्था होगी, जो इसे पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रैन बसेरा बनाता है। इसका निर्माण एम्स के इमरजेंसी ब्लॉक के सामने होगा, जहां वर्तमान में डॉक्टरों और कर्मचारियों के वाहन पार्क किए जाते हैं। निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा और इसे तेजी से पूरा करने की योजना है ताकि मरीजों और उनके परिजनों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके।
गोरखपुर नगर निगम क्षेत्र में वर्तमान में 14 रैन बसेरे संचालित हो रहे हैं, जिनकी कुल क्षमता 667 है। इनमें से 13 का संचालन नगर निगम और एक का संचालन एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा किया जाता है। हालांकि, एम्स में बनने वाला यह रैन बसेरा अपनी क्षमता और सुविधाओं के मामले में सबसे अलग होगा। यह न केवल मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है, बल्कि इसका डिजाइन और सुविधाएं भी आधुनिक और मानक होंगी।

सीएम योगी का गोरखपुर दौरा: विकास की नई गाथा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर के प्रति विशेष लगाव किसी से छिपा नहीं है। अपने गृह क्षेत्र में विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए वह निरंतर प्रयासरत हैं। 18 अप्रैल को शुरू हुए उनके तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन इस रैन बसेरे के शिलान्यास के साथ विकास कार्यों की श्रृंखला शुरू हुई। अगले दिन, 19 अप्रैल को, सीएम योगी 1500 करोड़ रुपये की 147 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं में सड़क, पुल, और अन्य बुनियादी ढांचे से संबंधित कार्य शामिल हैं, जो गोरखपुर को शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग का प्रमुख केंद्र बनाने में मदद करेंगे।
शनिवार को सीएम जनता दर्शन में हिस्सा लेंगे, जहां वह आम लोगों की समस्याएं सुनेंगे और उनके समाधान के लिए निर्देश देंगे। इसके अलावा, वह मानबेला में आयोजित एक समारोह में भाग लेंगे और हर्बर्ट बांध के निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी करेंगे। योगी सरकार का यह प्रयास गोरखपुर को एक आधुनिक और सुविधा-संपन्न शहर के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
गोरखपुर का बदलता स्वरूप
पिछले कुछ वर्षों में गोरखपुर ने विकास की नई इबारत लिखी है। कभी अपराध और माफियागिरी के लिए बदनाम यह शहर आज विरासत और विकास के अद्भुत सामंजस्य का प्रतीक बन चुका है। सड़क, रेल और हवाई संपर्क में सुधार के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में गोरखपुर ने उल्लेखनीय प्रगति की है। एम्स गोरखपुर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल के मरीजों के लिए एक बड़ा स्वास्थ्य केंद्र बन गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि गोरखपुर को नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का हिस्सा बनाना उनकी प्राथमिकता है। रैन बसेरों की संख्या और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए उनकी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। योगी ने कई मौकों पर रैन बसेरों का औचक निरीक्षण भी किया और वहां की व्यवस्थाओं को बेहतर करने के निर्देश दिए।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए राहत
यह रैन बसेरा उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को अक्सर रात में सड़कों पर या असुरक्षित स्थानों पर समय बिताना पड़ता है। इस रैन बसेरे के बनने से उन्हें एक सुरक्षित और सम्मानजनक ठिकाना मिलेगा। साथ ही, इसमें उपलब्ध सुविधाएं जैसे स्वच्छ बिस्तर, भोजन, पेयजल और शौचालय उनकी यात्रा को और आसान बनाएंगे।
