उत्तर प्रदेश मौसम अपडेट: 12 अप्रैल 2025 से फिर बदल सकता है मौसम, कई जिलों में ओलावृष्टि की संभावना; सरकार का दावा- फसलों को नुकसान नहीं
लखनऊ, 12 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश में आज (शनिवार) से एक बार फिर मौसम के मिजाज में बदलाव की संभावना है। मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है, जिसके चलते किसानों और आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। हालांकि, राज्य सरकार ने दावा किया है कि फसलों को कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा और स्थिति नियंत्रण में है। इस बीच, हाल की बारिश और ओलावृष्टि से कुछ क्षेत्रों में गेहूं और अन्य फसलों को आंशिक नुकसान की खबरें भी सामने आई हैं। आइए, जानते हैं आज के मौसम का हाल और इससे जुड़ी ताजा जानकारी।
मौसम विभाग का अलर्ट: बारिश और ओले की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और स्थानीय मौसम केंद्रों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के प्रभाव से उत्तर प्रदेश में शनिवार से मौसम फिर करवट ले सकता है। लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद, झांसी, प्रयागराज, और वाराणसी सहित 50 से अधिक जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। कुछ इलाकों, खासकर पश्चिमी यूपी और तराई क्षेत्रों में, तेज हवाओं (30-50 किमी प्रति घंटा) के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है।
मौसम विभाग ने पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, और बिजनौर जैसे जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जहां ओलावृष्टि और आंधी की संभावना ज्यादा है। पूर्वी यूपी में गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, और बलिया जैसे जिलों में भी बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। लखनऊ में दिनभर बादल छाए रहने और हल्की बारिश की उम्मीद है, जिससे तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने बताया, “पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले 48 घंटों तक प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम अस्थिर रहेगा। ओलावृष्टि की संभावना सीमित क्षेत्रों तक है, लेकिन तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ बारिश व्यापक रूप से देखी जा सकती है।” उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रखें और खेतों में पानी के जमाव से बचें।

हाल की ओलावृष्टि और फसलों पर प्रभाव
पिछले कुछ दिनों में यूपी के कई जिलों, जैसे पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, गोंडा, और बहराइच में ओलावृष्टि और तेज बारिश की घटनाएं दर्ज की गईं। पीलीभीत के कलीनगर तहसील में 9 अप्रैल को हुई ओलावृष्टि से गेहूं की तैयार फसल को नुकसान की आशंका जताई गई थी। स्थानीय किसानों ने बताया कि ओले छोटे आकार के थे, लेकिन तेज हवाओं के कारण फसलें खेतों में बिछ गईं, जिससे कटाई और मड़ाई का काम प्रभावित हुआ।
लखीमपुर खीरी के एक किसान रामपाल सिंह ने कहा, “हमारी गेहूं की फसल तैयार थी, लेकिन बारिश और ओलों ने उसे खराब कर दिया। अगर आज फिर ओले गिरे तो नुकसान और बढ़ सकता है।” गोंडा और बहराइच में भी कुछ किसानों ने फसलों के आंशिक नुकसान की शिकायत की है, खासकर उन खेतों में जहां फसलें पूरी तरह कटाई के लिए तैयार थीं।
हालांकि, कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नुकसान का दायरा सीमित है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “पिछले सप्ताह की ओलावृष्टि से कुछ क्षेत्रों में 5-10% फसलों को नुकसान हुआ, लेकिन यह व्यापक नहीं है। गेहूं की कटाई लगभग 80% पूरी हो चुकी है, इसलिए बड़े पैमाने पर नुकसान की आशंका कम है।”
सरकार का दावा: फसलों को नुकसान नहीं
उत्तर प्रदेश सरकार ने मौसम के इस बदलाव को लेकर किसानों को आश्वस्त करने की कोशिश की है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने एक बयान में कहा, “राज्य में मौसम की स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है। ओलावृष्टि और बारिश का प्रभाव सीमित होगा, और फसलों को कोई बड़ा नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। हमने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वे किसानों की हरसंभव मदद करें।”
सरकार ने यह भी दावा किया कि बीमा योजनाओं और आपदा राहत कोष के जरिए किसानों को किसी भी नुकसान की भरपाई की जाएगी। हालांकि, विपक्षी दलों ने सरकार के दावों पर सवाल उठाए हैं। समाजवादी पार्टी के नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा, “हर साल बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान होता है, लेकिन सरकार का राहत पैकेज समय पर नहीं पहुंचता। किसानों को तत्काल मदद की जरूरत है, न कि खोखले वादों की।”
तापमान और मौसम का मिजाज
मौसम विभाग के अनुसार, बारिश और बादल छाए रहने से प्रदेश में तापमान में कमी आएगी। लखनऊ में आज अधिकतम तापमान 32-34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 20-22 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। पश्चिमी यूपी में तापमान 30-32 डिग्री और पूर्वी यूपी में 33-35 डिग्री के आसपास रहेगा। बारिश के बाद हवा में नमी बढ़ने से उमस भी महसूस हो सकती है।
पिछले कुछ दिनों में यूपी के कई हिस्सों में लू जैसी स्थिति थी, खासकर बुंदेलखंड और मध्य यूपी में। बारिश ने तापमान को थोड़ा नियंत्रित किया है, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अप्रैल के अंत तक तापमान फिर बढ़ सकता है।
किसानों के लिए सलाह
मौसम विभाग और कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:
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फसलों की सुरक्षा: कटी हुई फसलों को तिरपाल या शेड के नीचे रखें ताकि बारिश और ओलों से नुकसान न हो।
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खेतों की निगरानी: बारिश के बाद खेतों में पानी के जमाव को रोकने के लिए नालियों की सफाई करें।
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बीमा की जानकारी: जिन किसानों ने फसल बीमा कराया है, वे नुकसान की स्थिति में तुरंत अपने बीमा प्रदाता से संपर्क करें।
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सतर्कता: तेज हवाओं और आंधी के दौरान पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे न रहें।
आम जनजीवन पर प्रभाव
मौसम के इस बदलाव का असर आम जनजीवन पर भी पड़ सकता है। बारिश और तेज हवाओं के कारण सड़कों पर जलभराव और यातायात बाधित होने की आशंका है। लखनऊ, कानपुर, और वाराणसी जैसे शहरों में नगर निगम को जल निकासी के लिए तैयार रहने को कहा गया है। इसके अलावा, बिजली आपूर्ति में भी व्यवधान की संभावना है, क्योंकि तेज हवाएं बिजली के तारों और खंभों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
निष्कर्ष
