उत्तर प्रदेश: बीजेपी ने गोंडा जिलाध्यक्ष को पार्टी से निष्कासित किया
उत्तर प्रदेश: गोंडा जिले के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप उर्फ बमबम को पार्टी ने 11 जून 2025 को निष्कासित कर दिया। यह कार्रवाई एक वायरल वीडियो के बाद हुई, जिसमें कश्यप को पार्टी कार्यालय में एक महिला कार्यकर्ता के साथ कथित तौर पर आपत्तिजनक व्यवहार करते देखा गया था। यह वीडियो 12 अप्रैल 2025 को गोंडा के बीजेपी जिला कार्यालय के सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुआ था और मई 2025 में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पार्टी ने इस घटना को अनुशासनहीनता मानते हुए कश्यप को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, और उनके जवाब को असंतोषजनक पाए जाने के बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
वायरल वीडियो और विवाद
वायरल वीडियो में अमर किशोर कश्यप को एक महिला कार्यकर्ता के साथ गोंडा बीजेपी कार्यालय की सीढ़ियों पर कथित तौर पर आपत्तिजनक व्यवहार करते देखा गया। वीडियो में कश्यप महिला को गले लगाते हुए दिखाई दिए, जिसे एक पार्टी कार्यकर्ता ने “शर्मनाक” करार देते हुए शिकायत दर्ज की थी। इस वीडियो के सामने आने के बाद बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व ने कश्यप को 25 मई 2025 को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें सात दिनों के भीतर जवाब मांगा गया था। बीजेपी के प्रदेश महासचिव गोविंद नारायण शुक्ला ने नोटिस में कहा कि यह व्यवहार पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला और अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
कश्यप का पक्ष और प्रतिक्रिया
अमर किशोर कश्यप ने वीडियो को लेकर सफाई दी थी कि महिला एक सक्रिय बीजेपी कार्यकर्ता थी, जिसने तबीयत खराब होने की शिकायत की थी। कश्यप ने दावा किया कि महिला को चक्कर आने के कारण उन्होंने उसे सहारा दिया था, और वीडियो को उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा बदनाम करने के लिए गलत तरीके से पेश किया गया। हालांकि, महिला ने भी कश्यप का समर्थन करते हुए कहा कि वह उनके लिए भाई की तरह हैं, और वीडियो को गलत संदर्भ में पेश किया गया। इसके बावजूद, बीजेपी नेतृत्व ने कश्यप के जवाब को असंतोषजनक माना और सख्त कार्रवाई की। कश्यप ने इसे उनके खिलाफ साजिश करार दिया।
बीजेपी की कार्रवाई और अनुशासन
बीजेपी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पार्टी की छवि को बनाए रखने के लिए त्वरित कार्रवाई की। 11 जून 2025 को, पार्टी ने अमर किशोर कश्यप को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया। सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कई पोस्ट्स में कहा गया कि यह कदम वायरल वीडियो के कारण उठाया गया। बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि अनुशासनहीनता और पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई बीजेपी के अनुशासन और नैतिकता पर जोर देने की नीति को दर्शाती है, खासकर जब 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने गोंडा और उत्तर प्रदेश में व्यापक चर्चा छेड़ दी। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने बीजेपी की कार्रवाई की सराहना की, जबकि कुछ ने इसे राजनीतिक साजिश का हिस्सा बताया। एक एक्स पोस्ट में यूजर ने लिखा, “बीजेपी ने गोंडा जिलाध्यक्ष को निष्कासित कर सही कदम उठाया, लेकिन क्या यह साजिश थी?” विपक्षी दलों, खासकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस, ने इस मुद्दे को उठाकर बीजेपी पर निशाना साधा और इसे पार्टी के आंतरिक अनुशासन की कमी का सबूत बताया। यह घटना बीजेपी के लिए एक संवेदनशील समय पर हुई, जब वह बिहार और उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
पार्टी की छवि पर प्रभाव
गोंडा में इस घटना ने बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचाने की आशंका पैदा की थी, खासकर ग्रामीण और महिला मतदाताओं के बीच। बीजेपी ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर अपनी छवि को नियंत्रित करने की कोशिश की। यह निष्कासन अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए भी एक चेतावनी है कि पार्टी अनुशासन और नैतिकता के मामले में कोई समझौता नहीं करेगी। हाल के महीनों में, बीजेपी ने कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी अनुशासनहीनता के मामलों में नेताओं को निष्कासित किया है, जो इसकी सख्त नीति को दर्शाता है। यह कदम पार्टी की विश्वसनीयता बनाए रखने और आगामी चुनावों में नकारात्मक प्रभाव को कम करने की रणनीति का हिस्सा है।
कानूनी और सामाजिक पहलू
वायरल वीडियो के बाद महिला कार्यकर्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज की थी, जिसमें उसने दावा किया कि वीडियो को गलत तरीके से पेश किया गया। हालांकि, इस मामले में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ, क्योंकि महिला ने कश्यप के खिलाफ कोई औपचारिक शिकायत नहीं की। यह घटना समाज में महिलाओं के प्रति व्यवहार और कार्यस्थल पर नैतिकता जैसे मुद्दों को उजागर करती है। बीजेपी ने इस मामले को आंतरिक अनुशासन का विषय मानकर त्वरित कार्रवाई की, लेकिन यह घटना सार्वजनिक मंचों पर नेताओं के व्यवहार और जवाबदेही पर सवाल उठाती है।
निष्कर्ष
बीजेपी द्वारा गोंडा जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप का निष्कासन एक वायरल वीडियो के बाद पार्टी की त्वरित और सख्त कार्रवाई को दर्शाता है। यह कदम पार्टी की अनुशासन और नैतिकता के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, खासकर जब उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियां चल रही हैं। हालांकि कश्यप और महिला ने इसे साजिश करार दिया, लेकिन बीजेपी ने अपनी छवि और विश्वसनीयता को प्राथमिकता दी। यह घटना राजनीतिक दलों के लिए एक सबक है कि सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और जवाबदेही कितनी महत्वपूर्ण है। भविष्य में, बीजेपी को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने होंगे ताकि उसकी साख बरकरार रहे।
