यूपी वेदर न्यूज: तपिश और लू से लोगों के हाल बेहाल, तापमान 40 डिग्री के पार; दो दिन बाद फिर बदलेगा मौसम
लखनऊ, 25 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश में अप्रैल का महीना इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के साथ लोगों के लिए मुश्किलें लेकर आया है। राज्य के ज्यादातर हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है, और भीषण लू ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शुक्रवार को 44 जिलों में लू का येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें लखनऊ, कानपुर, आगरा, हमीरपुर, मिर्जापुर, और प्रयागराज जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक तापमान में और बढ़ोतरी की संभावना है, लेकिन 27 अप्रैल से मौसम में बदलाव की उम्मीद है, जिससे लोगों को कुछ राहत मिल सकती है।
तापमान ने तोड़े रिकॉर्ड, कानपुर सबसे गर्म
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई शहरों में तापमान ने पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। कानपुर में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो राज्य में सबसे ज्यादा रहा। आगरा में पारा 43 डिग्री से ऊपर पहुंच गया, जबकि लखनऊ में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया। हमीरपुर, जो पहले भी इस सप्ताह 42.6 डिग्री के साथ सबसे गर्म रहा था, वहां भी गर्मी का कहर जारी है। मौसम विभाग ने बताया कि न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 2-3 डिग्री ऊपर रहा, जिसके कारण रात में भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिली।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस असामान्य गर्मी का कारण एक ओर जहां मानसून-पूर्व मौसम में गरज-चमक के साथ होने वाली बारिश की कमी है, वहीं दूसरी ओर गर्म और शुष्क पश्चिमी हवाएं हैं, जो तापमान को लगातार बढ़ा रही हैं। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन ने भी इस गर्मी को और तीव्र किया है। एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक विश्लेषण के अनुसार, अप्रैल 2025 में भारत और पाकिस्तान में होने वाली लू की तीव्रता 20वीं सदी की दूसरी छमाही की तुलना में 4 डिग्री सेल्सियस अधिक है।
लू का अलर्ट, लोगों को सावधानी बरतने की सलाह
IMD ने लखनऊ समेत 45 जिलों में लू का येलो अलर्ट जारी किया है। अलर्ट में कहा गया है कि अगले 48 घंटों में तापमान में और बढ़ोतरी हो सकती है, जिसके कारण लू की स्थिति और गंभीर हो सकती है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें, हल्के और सूती कपड़े पहनें, और खूब पानी पिएं ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है, क्योंकि वे लू से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।
लखनऊ के एक स्थानीय निवासी राम प्रकाश ने बताया, “पिछले कई दिनों से गर्मी असहनीय हो गई है। दोपहर में तो घर से बाहर निकलना मुश्किल है। रात में भी पंखे से कोई राहत नहीं मिल रही।” वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है, जहां बिजली की कटौती ने लोगों की परेशानी को दोगुना कर दिया है।

स्कूलों पर प्रभाव, समय बदलने की मांग
लखनऊ और अन्य जिलों में स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों पर भी इस गर्मी का बुरा असर पड़ रहा है। कई अभिभावकों और शिक्षकों ने स्कूलों का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक करने की मांग की है। सोशल मीडिया पर भी यह मांग जोर पकड़ रही है। एक यूजर ने लखनऊ के जिलाधिकारी को टैग करते हुए लिखा, “कई दिनों से तापमान 42 डिग्री से ज्यादा है। ग्रामीण क्षेत्रों के परिषदीय स्कूलों के बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। स्कूलों का समय बदलने का आदेश दें।”
जिलाधिकारी कार्यालय से अभी तक इस मांग पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा।
स्वास्थ्य पर प्रभाव और चिकित्सकीय सलाह
लू और गर्मी के कारण अस्पतालों में डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक, और अन्य गर्मी से संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. संजय गुप्ता ने बताया, “पिछले कुछ दिनों में हमें हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन के कई मामले मिले हैं। लोगों को चाहिए कि वे दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं, ओआरएस का घोल लें, और धूप में निकलते समय सिर को ढककर रखें।”
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर किसी को चक्कर आना, उल्टी, या तेज सिरदर्द जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें, क्योंकि ये हीट स्ट्रोक के संकेत हो सकते हैं।
मौसम में बदलाव की उम्मीद
मौसम विभाग ने राहत की खबर देते हुए बताया कि 27 अप्रैल से उत्तर प्रदेश में मौसम में बदलाव की संभावना है। एक पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इससे तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिलेगी। हालांकि, यह राहत अस्थायी होगी, क्योंकि मई के पहले सप्ताह से एक बार फिर तापमान में बढ़ोतरी की संभावना है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह की चरम मौसमी घटनाएं अब आम हो गई हैं। उत्तर प्रदेश में मानसून से पहले का मौसम, जो आमतौर पर मार्च से मई तक रहता है, इस बार असामान्य रूप से गर्म रहा है। बारिश और गरज-चमक की कमी ने तापमान को लगातार बढ़ने दिया है, जिसके परिणामस्वरूप लू की स्थिति उत्पन्न हुई है।
जलवायु परिवर्तन का असर
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में गर्मी की तीव्रता और अवधि दोनों बढ़ रही हैं। अप्रैल 2025 में भारत और पड़ोसी देश पाकिस्तान में लू की स्थिति पिछले दशकों की तुलना में 4 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रही है। यह मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट प्रभाव है। उत्तर प्रदेश में भी यह असर साफ दिख रहा है, जहां तापमान सामान्य से 5-10 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया है।
कृषि और दैनिक जीवन पर प्रभाव
गर्मी और लू का असर केवल लोगों की सेहत पर ही नहीं, बल्कि कृषि और दैनिक जीवन पर भी पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों को नुकसान की खबरें आ रही हैं, क्योंकि पानी की कमी और शुष्क मौसम ने खेतों को प्रभावित किया है। मजदूरों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए यह मौसम सबसे ज्यादा कठिन साबित हो रहा है, क्योंकि उन्हें दिनभर धूप में काम करना पड़ता है।
लखनऊ के एक रिक्शा चालक रामू ने बताया, “दिनभर धूप में रिक्शा चलाना मुश्किल हो गया है। पानी साथ रखता हूं, लेकिन फिर भी चक्कर आते हैं। सवारियां भी कम हो गई हैं, क्योंकि लोग बाहर निकलना ही नहीं चाहते।”