काशी में अगस्त क्रांति के वीर सपूतों को दी गई श्रद्धांजलि

वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई की जन्मस्थली पर बुधवार को अगस्त क्रांति के वीर सपूतों को याद कर श्रद्धांजलि दी गई। जिले के भदैनी स्थित वीरांगना की जन्मस्थली पर जागृति फाउंडेशन की पहल पर नंदलाल बाजोरिया शिक्षा निकेतन के छात्रों के साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अगस्त क्रांति के वीर सपूतों को नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। अगस्त क्रांति के शहीद अमर रहे, महारानी लक्ष्मीबाई अमर रहे, चंद्रशेखर आजाद अमर रहे के गगन भेदी जयघोष के बीच वीर सपूतों की याद में दीप प्रज्ज्वलित किया गया।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश मिश्र, भाजपा नेता शालिनी यादव, महामना मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य संजय प्रियदर्शी, शिव बारात समिति के अध्यक्ष दिलीप सिंह, नवीन सेवा समिति के नवीन बाजपेई, पहलवान मनोज यादव एवं नंदलाल बाजोरिया शिक्षा निकेतन की प्रधानाचार्य पूजा कश्यप ने बच्चों को अगस्त क्रांति के बारे में बताया। इस दौरान विशिष्ट जनों ने कहा कि आज वीरांगना की जन्मस्थली पर उपस्थित होकर अगस्त क्रांति के वीर सपूतों को याद कर बहुत ही गर्व की अनुभूति हो रही है। अगस्त क्रांति के वीर सपूतों ने आजादी की जो लौ जलाई उसी का परिणाम था कि अंग्रेज भारत छोड़ने के लिए मजबूर हुए और हमें 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली।
भाजपा नेता शालिनी यादव ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान देकर देश को आजादी दिलाई। आज जरूरत है कि हम पूरे देश को एक सूत्र में पिरोकर रखें। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ स्तंभकार यशपाल कुमार ने की। उन्होंने कहा कि बहुत ही संघर्ष और बलिदान के बाद हमारा देश आजाद हुआ, लेकिन उससे पहले 9 अगस्त 1942 को देश में अगस्त क्रांति की एक लौ जली जो देखते ही देखते पूरे देश में फैल गई। उस लौ के प्रकाश को देखकर अंग्रेज डर गए और उनके पांव उखड़ गए और उनको मजबूर होकर भारत देश से भागना पड़ा। कार्यक्रम का संचालन फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने किया।
