मनु भाकर सहित झज्जर की तीन बेटियों ने जीते कांस्य
लखनऊ/ 20 अगस्त 2025: हरियाणा के झज्जर जिले की तीन बेटियों—मनु भाकर, सुरुचि सिंह, और पलक गुलिया—ने कजाकिस्तान के शिमकेंट में चल रही 16वीं एशियन शूटिंग चैंपियनशिप 2025 में भारत के लिए कांस्य पदक जीते। खबरों के मुताबिक, मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया, जबकि मनु, सुरुचि, और पलक की तिकड़ी ने 10 मीटर एयर पिस्टल टीम इवेंट में भी कांस्य पदक अपने नाम किया। यह उपलब्धि झज्जर और भारत के लिए गर्व का पल है।
प्रदर्शन का विवरण
खबरों के मुताबिक, मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत फाइनल में 219.7 अंक बनाकर कांस्य पदक जीता। स्वर्ण पदक चीन की मा कियानके (243.2 अंक) और रजत दक्षिण कोरिया की यांग जी-इन (241.6 अंक) ने जीता। मनु ने क्वालिफिकेशन में 583 अंकों के साथ तीसरा स्थान हासिल कर फाइनल में प्रवेश किया था। मनु भाकर (583 अंक), सुरुचि सिंह (574 अंक), और पलक गुलिया (573 अंक) ने 10 मीटर एयर पिस्टल टीम इवेंट में 1730 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता। चीन (1740 अंक) ने स्वर्ण और दक्षिण कोरिया (1731 अंक) ने रजत पदक हासिल किया। व्यक्तिगत स्पर्धा में सुरुचि 574 अंकों के साथ 12वें और पलक 573 अंकों के साथ 17वें स्थान पर रहीं, लेकिन उनकी टीम में योगदान ने भारत को पदक दिलाया।
झज्जर का गौरव
खबरों के मुताबिक, मनु भाकर (23 वर्ष) 2024 पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य पदक (10 मीटर एयर पिस्टल और मिक्स्ड टीम) जीत चुकी हैं और देश की सबसे कम उम्र की खेल रत्न विजेता हैं। सुरुचि सिंह (21 वर्ष) ने 2025 में तीन ISSF वर्ल्ड कप स्वर्ण पदक जीते, जबकि पलक गुलिया (20 वर्ष) 2022 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता हैं। इन तीनों ने झज्जर को शूटिंग के क्षेत्र में नई पहचान दी।
चैंपियनशिप का महत्व
16 से 30 अगस्त तक चल रही एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में 28 देशों के 734 निशानेबाज हिस्सा ले रहे हैं। भारत ने 164 निशानेबाजों का दल भेजा है। खबरों के मुताबिक, भारत ने अब तक पांच स्वर्ण और दो कांस्य पदक जीते हैं, जिसमें जूनियर महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में रश्मिका सहगल का व्यक्तिगत और टीम स्वर्ण शामिल है।
निष्कर्ष
मनु भाकर, सुरुचि सिंह, और पलक गुलिया ने कजाकिस्तान में कांस्य पदक जीतकर झज्जर और भारत का मान बढ़ाया। खबरों के मुताबिक, मनु की व्यक्तिगत और टीम इवेंट में सफलता भारतीय शूटिंग की बढ़ती ताकत को दर्शाती है। यह उपलब्धि भविष्य की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए इन निशानेबाजों की मजबूत तैयारी का संकेत देती है।
