• December 25, 2025

कांवड़ यात्रा को बदनाम करने वालों की खैर नहीं: CM योगी का सख्त निर्देश,बेनकाब होंगे उपद्रवी…

हर वर्ष की तरह इस साल भी कांवड़ यात्रा उत्तर प्रदेश में संपन्न हो रही है, जिसमें लाखों शिवभक्त गंगाजल लेकर भाग ले रहे हैं। लेकिन इस बार यात्रा के दौरान कुछ संदिग्ध तत्वों द्वारा यात्रा को बदनाम करने की कोशिशें सामने आईं, जिससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जो लोग सोशल मीडिया और वास्तविक जीवन में इस पवित्र यात्रा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमारे पास CCTV फुटेज हैं, जिनमें कुछ लोग यात्रा को बदनाम करने में लगे हुए हैं। यात्रा समाप्त होने के बाद हम इन उपद्रवियों के पोस्टर्स सार्वजनिक रूप से लगाएंगे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।उन्होंने सामाजिक सद्भाव बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा कि सामान्य जनता कानून हाथ में न ले बल्कि प्रशासन के साथ सहयोग करें।

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी ध्यान खींचा, जो जातिगत और धार्मिक तनावों को उकसाने में लिप्त हैं। उन्होंने इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। वही मुख्यमंत्री स्वयं नैनीताल, मेरठ, गाज़ियाबाद में गंगा जल छिड़कते हुए समीक्षा कर रहे हैं और श्रद्धालुओं से सड़कें गंदा न करने का विनम्र अनुरोध कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा को हिंदू धर्म की संस्कृति और विरासत बताया और कहा कि इसे बदनाम करने वाले लोग भारत की आस्था का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे आपसी सौहार्द बनाए रखें और अगर किसी यात्री द्वारा समाज में अशांति फैलाने की कोशिश हो तो प्रशासन को तुरंत सूचित करें।

फिलहाल विपक्ष ने यात्रा में हुई कुछ isolated घटनाओं का राजनीतिकरण करने की कोशिश की, लेकिन योगी सरकार ने साफ किया कि ये तत्व अपवाद हैं, पूरे यात्रा को बदनाम नहीं कर सकते। इसी के साथ मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पहले की सरकारों ने श्रावण माह में बुनियादी सुविधाएँ और व्यवस्था को नजरअंदाज किया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे महत्वपूर्ण माना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा में हुई कुछ घटनाओं से आहत होकर कड़े निर्णय लिए हैं। यात्रा समाप्ति पर दोषियों के पोस्टर चस्पा कर सार्वजनिक पहचान कराने का यह कदम, प्रशासन की सक्रियता और जनता की जिम्मेदारी को जोड़ता है।

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