आंधी-बारिश का कहर: सैकड़ों पेड़ गिरे, बिजली गुल, फसलों को भारी नुकसान; कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी
बरेली19 अप्रैल 2025: उत्तर भारत के कई हिस्सों में शुक्रवार रात मौसम ने अचानक करवट ली, जिसके चलते तेज आंधी, बारिश और कुछ इलाकों में ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई। उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य पड़ोसी राज्यों में सैकड़ों पेड़ उखड़ गए, बिजली की लाइनें टूट गईं, और किसानों की फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा। मौसम विभाग ने कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले 24 घंटों में तेज हवाओं के साथ बारिश और वज्रपात की चेतावनी दी गई है। इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया, बल्कि किसानों की आजीविका पर भी गहरा संकट खड़ा कर दिया।
उत्तर प्रदेश में आंधी-बारिश का तांडव
उत्तर प्रदेश के रुहेलखंड क्षेत्र, विशेष रूप से बरेली मंडल, में शुक्रवार रात करीब 11 बजे मौसम ने अचानक विकराल रूप धारण कर लिया। तेज आंधी के साथ शुरू हुई बारिश ने बरेली शहर में करीब आधे हिस्से की बिजली आपूर्ति ठप कर दी। बिजली निगम के अनुसार, कई इलाकों में पेड़ गिरने और तार टूटने के कारण बिजली की आपूर्ति बहाल करने में देरी हुई। बरेली के अलावा बदायूं, रामपुर, और पीलीभीत जैसे जिलों में भी हालात गंभीर रहे।
बरेली के स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया, “रात को अचानक इतनी तेज हवा चली कि घर के बाहर खड़ा नीम का पेड़ गिर गया। बिजली गुल होने की वजह से रात भर अंधेरे में रहना पड़ा।” शहर के कई हिस्सों में सड़कों पर गिरे पेड़ों ने यातायात को भी प्रभावित किया। बिजली विभाग की टीमें रातभर पेड़ों को हटाने और तारों की मरम्मत में जुटी रहीं, लेकिन शनिवार सुबह तक कई इलाकों में बिजली बहाल नहीं हो सकी।
बदायूं जिले में आंधी और बारिश ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। पिछले कई दिनों से बढ़ते तापमान और गर्मी से परेशान किसानों को बारिश से राहत की उम्मीद थी, लेकिन तेज हवाओं और ओलावृष्टि ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। गेहूं, मक्का, और दलहन की फसलों के साथ-साथ सब्जियों की खेती को भी नुकसान हुआ। बदायूं के किसान रामपाल सिंह ने कहा, “हमारी गेहूं की फसल तैयार थी, लेकिन आंधी ने सब बर्बाद कर दिया। अब नुकसान की भरपाई कैसे होगी, समझ नहीं आ रहा।”

बिहार में ओलावृष्टि ने बढ़ाई किसानों की चिंता
बिहार में भी मौसम का मिजाज बिगड़ने से हालात बदतर हो गए। पटना, भागलपुर, जमुई, मुंगेर, और बांका जैसे जिलों में तेज आंधी, बारिश, और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी। मौसम विभाग ने 20 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और वज्रपात की चेतावनी शामिल है।
पटना के आसपास के इलाकों जैसे बिहटा, बिक्रम, और मनेर में गेहूं और दलहन की फसलों को भारी नुकसान हुआ। सब्जी की खेती करने वाले किसानों को भी झटका लगा, क्योंकि तरबूज, ककड़ी, और खीरे जैसी फसलों पर ओलों का प्रकोप पड़ा। भागलपुर के एक किसान संतोष यादव ने बताया, “हमने कर्ज लेकर खेती की थी, लेकिन अब सब कुछ बर्बाद हो गया। सरकार को जल्दी नुकसान का आकलन करके मुआवजा देना चाहिए।”
बिहार में सोमवार को भी इसी तरह की आंधी-बारिश ने 16 जिलों में कहर बरपाया था, जिसमें चार लोगों की जान चली गई थी। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती हवाओं के प्रभाव से मौसम में यह बदलाव देखा जा रहा है। शनिवार को भी पटना, नालंदा, लखीसराय, और नवादा जैसे जिलों में बारिश और आंधी की संभावना जताई गई है।
बहराइच में फल-सब्जी किसानों पर दोहरी मार
बहराइच जिले में आंधी, बारिश, और ओलावृष्टि ने फल और सब्जी किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया। मिहींपुरवा तहसील के घाघरा और सरयू नदी के कछार में बड़े पैमाने पर खरबूज, तरबूज, खीरा, और ककड़ी की खेती होती है। लेकिन तेज हवाओं और बारिश ने इन फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाया। टमाटर की फसलों में रोग लगने और खीरा-ककड़ी में कीड़े पड़ने की समस्या बढ़ गई है।
जरवलरोड के किसान दिनेश कुमार ने कहा, “बारिश और हवाओं की वजह से ककड़ी और खीरे की फसल में कीड़े लग गए हैं। हमने जो मेहनत की थी, वह सब बेकार हो गई।” बहराइच के किसानों का कहना है कि सरकार को तत्काल नुकसान का सर्वेक्षण कर मुआवजा देना चाहिए, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सके।
ऑरेंज अलर्ट: इन जिलों में सतर्क रहने की जरूरत
मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के बरेली, बदायूं, पीलीभीत, रामपुर, और बहराइच जैसे जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बिहार में भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़िया, पटना, और नालंदा सहित 20 जिलों में भी यही चेतावनी दी गई है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और दिल्ली के कुछ हिस्सों में भी आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, और कुछ इलाकों में ओलावृष्टि भी हो सकती है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे खुले मैदानों में न रहें और वज्रपात से बचने के लिए पेड़ों के नीचे शरण न लें। बिजली विभाग को भी हाईटेंशन लाइनों की मरम्मत और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। बरेली और बदायूं में बिजली विभाग की टीमें तारों और खंभों की मरम्मत में जुटी हैं, जबकि सड़कों से गिरे पेड़ों को हटाने का काम भी तेजी से चल रहा है। बिहार सरकार ने किसानों के नुकसान का आकलन शुरू करने का निर्देश दिया है, ताकि मुआवजे की प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सके।
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा सचिव ने कहा, “हमारी टीमें रात-दिन काम कर रही हैं ताकि बिजली आपूर्ति जल्द बहाल हो सके। मरम्मत और ढांचे को मजबूत करने का काम एक साथ किया जा रहा है।”
