Soft Hindutva की तरफ PM Modi ने बढ़ाया कदम ? बोहरा मुस्लिम समुदाय के कार्यक्रम में की शिरकत…..

नेशनल डेस्क : इन दिनों देश भर में चुनावी माहौल चल रहा है. इस दौरान पीएम मोदी का यह कदम सॉफ्ट हिंदुत्व की और इशारा करता नजर आ रहा है. बीते शुक्रवार को पीएम मोदी मुंबई दौरे पर पहुंचे , इस दौरान पीएम मोदी ने दाऊदी बोहरा समुदाय के शैक्षणिक संस्थान अल जामिया-तुस-सैफियाह अरबी अकादमी के नए परिसर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए. यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने बोहरा समुदाय के कार्यक्रम में शिरकत की है. इससे पहले भी पीएम मोदी दाऊदी बोहरा समुदाय की एक मस्जिद में पहुंचे थे. इन सबके साथ सभी के मन में उठने वाला बढ़ा सवाल यह है आखिर ये बोहरा समुदाय क्या है? इसका इतिहास क्या है ? तो आइए जानते है इस समुदाय से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें.

जानिए कौन हैं बोहरा मुस्लिम ?

दरअसल, मुस्लिमों में शिया और सुन्नी दो समुदाय पाए जाते है. दाऊदी बोहरा समुदाय शिया मुस्लिम संप्रदाय हिस्सा है. इस समुदाय के लोग इस्लामिक कानून को मानने वाले होते है. इनकी विरासत फातिमी इमामों से जुड़ी है, जिन्हें पैगंबर मोहम्मद का वंशज माना जाता है. बोहरा समुदाय मुख्य रूप से इमामों के प्रति ही अपनी श्रद्धा रखता है। दाऊदी बोहरा समुदाय सभी मुसलमानों की तरह दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हैं.

इसके साथ – साथ यह समुदाय रमजान के महीने में रोजा रखते हैं और हज-उमराह भी रखते है, साथ ही जकात भी करते है. विश्व भर में दाऊदी बोहरा समुदाय की कुल संख्या दस लाख से कुछ ज्यादा होगी. भारत में इनकी ज्यादातर संख्या गुजरात, मुंबई में पाई जाती है. वही विश्व की बात करें तो पाकिस्तान के कराची के अलावा यूरोप, उत्तरी अमेरिका और पूर्वी अफ्रीका में भी बोहरा समुदाय के लोग पाए जाते हैं. गुजरात के सूरत में मस्जिद-ए-मोअज्जम दाउदी बोहरा समुदाय की सबसे बड़ी मस्जिद है.

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क्या हैं बोहरा मुस्लिम समुदाय का इतिहास ?

बोहरा मुस्लिम समुदाय का इतिहास जानने से पहले जरुरी है, हम यह जानने आखिर बोहरा शब्द का मतलब क्या है ? दरअसल , बोहरा एक गुजराती शब्द है. जिसका मतलब है ”व्यापार”. बोहरा समुदाय को पैगंबर मोहम्मद का वंशज माना जाता हैं. इनके 21 वे व अंतिम इमाम तैयब अबुल कासिम थे. जिनके बाद बोहरा समुदाय में आध्यात्मिक गुरुओं की परंपरा की शुरुआत हुई थी. वह दाई-अल-मुतलक सैयदना कहलाते हैं। दाऊदी बोहरा का भारत में प्रवेश 11वीं शताब्दी के बाद हुआ था। वह मिस्त्र से भारत पहुंचे। इसके बाद इस समुदाय का भारत में तेजी से विस्तार हुआ.

मुंबई में बोहरा समुदाय का वर्तमान कार्यालय बद्री महल में स्थिति हैं. बोहरा समुदाय के वंशज ने मिस्र मे अल-अजहर विश्वविद्यालय की स्थापना की थी, इस विश्वविद्यालय को आज के समय में सबसे पुराना जीवित विश्वविद्यालयों की गिनती में गिना जाता है. इस समुदाय में शिक्षा पर काफी जोर दिया जाता है. यह समुदाय मुस्लिमों सबसे अमीर समुदाय माना जाता है. दाऊदी बोहरा समुदाय का विवादों से है नाता दाऊदी बोहरा समुदाय का विवादों से भी नाता रहा है.
बता दें कि बोहरा समुदाय के 52वें सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन की मौत हो गई थी. जिसके बाद सैफुद्दीन ने खुद 53वां सैयदना घोषित कर दिया था। इसके बाद ये मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहंच गया था. इसके अलावा महिला खतना का मामला भी कोर्ट तक पहुंचा था.

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