यातायात और व्यवस्था सुधार के लिए स्मार्ट सिटी के कैमरे बने विभाग की कमाई का जरिया, हुई करोड़ों की कमाई
यातायात और व्यवस्था सुधार के लिए स्मार्ट सिटी के कैमरे अब विभाग की कमाई का जरिया बन गए हैं। इनसे चालान के माध्यम से अभी तक करोड़ों की कमाई हो चुकी है। कम से कम देहरादून स्मार्ट सिटी में लगे कैमरों के तहत वाहनों और वाहन चालकों पर की गई कार्रवाई तो यही हकीकत बयां कर रही है।
अब तक देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड के लगाए गए कैमरों से 147845 चालान किए गए हैं जिन पर आर्थिक दंड भी लगाया गया है। दून इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर शहर के तंत्रिका तंत्र की तरह कार्य कर रहा है। यातायात नियंत्रण, भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन और अन्य नागरिक सेवाएं जैसे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सार्वजनिक शिकायतें, जल आपूर्ति आदि सभी का समन्वय भी आईसीसीसी कर रहा है। नए बुनियादी ढांचे के निर्माण और पुराने बुनियादी ढांचे को और सुदृढ़ करने का कार्य दून इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर कर रहा है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि वर्तमान में स्मार्ट सिटी देहरादून भी टेक्नोलॉजी से लैस होकर बहुत अधिक आर्थिकी अर्जित कर रहा है। साथ ही यातायात से सम्बन्धित पल-पल की खबर न सिर्फ पुलिस तक पहुंच रही बल्कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के घरों तक चालान पहुंच रहा है। ऐसे में अगर आप पुलिस की नजरों से बचकर नियमों को तोड़ने की ताक में रहते हैं तो अब आपको सावधान रहना होगा क्योंकि चौक-चौराहों पर लगे कैमरों की नजर पल-पल आपको देख रही है।
गुरुवार को इसके परियेाजना प्रबंधक ने बताया कि रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम चालान के अंतर्गत अभी तक कुल 67731 चालान किए गए हैं। इस चालान से 6 करोड़ 77 लाख 31000 राशि का चालान काटा गया है। लाल बत्ती नियमों का उल्लंघन करने पर 1000 रुपये का चालान किया जाता है।
इसी तरह स्पीड वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम चालान के अंतर्गत अभी तक कुल 77080 चालान किए गए और 15 करोड़ 41 लाख 60000 रुपये की राशि का चालान काटा गया है। तेज़ रफ़्तार से गाड़ी चलाने के नियम के उल्लंघन पर 2000 रुपये का चालान किया जाता है। इसी क्रम में नो पार्किंग चालान के अंतर्गत अभी तक कुल 3034 चालान किए गए और 15 लाख 17000 राशि का चालान काटा गया है। जिसके उल्लंघन पर 500 रुपये का चालान किया जाता है।
दून इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के अंतर्गत आपदा प्रबंधन स्थितियों सहित शहर के यातायात को सुगम बनाने, बिजली, पानी सीवरेज एवं अन्य मूलभूत समस्याओं का समाधान भी किया जा रहा है।



