पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का ‘एक्स’ अकाउंट भारत में प्रतिबंधित: पहलगाम हमले के बाद भड़काऊ बयानबाजी का नतीजा
नई दिल्ली, 29 अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, ने भारत को कड़े कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। इसी कड़ी में, भारत सरकार ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ के ‘एक्स’ अकाउंट को भारत में प्रतिबंधित कर दिया है। आसिफ पर आरोप है कि वे लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहे थे और भड़काऊ बयानबाजी कर रहे थे, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ा। इसके साथ ही, भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने, पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर रोक लगाने और अन्य कठोर कदम उठाए हैं।
पहलगाम हमला: एक क्रूर आतंकी घटना
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ली, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। यह हमला न केवल भारत की सुरक्षा के लिए एक चुनौती था, बल्कि इसने भारत-पाकिस्तान संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया।
हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की आपात बैठक बुलाई गई। इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का फैसला लिया गया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि भारत इस हमले के दोषियों और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराएगा। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
ख्वाजा आसिफ की भड़काऊ बयानबाजी
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस हमले के बाद कई साक्षात्कारों और प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए। उन्होंने पहलगाम हमले को भारत का “आंतरिक मसला” करार देते हुए पाकिस्तान की किसी भी भूमिका से इनकार किया। इसके अलावा, उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि वह पाकिस्तान में आतंकी हमले कराने की साजिश रच रहा है। इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आसिफ ने कहा, “हमारे पास खुफिया जानकारी है कि भारत पूर्ण युद्ध के बजाय पाकिस्तान में आतंकी हमले कराने की योजना बना रहा है। अगर भारत हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचाता है, तो भारतीय नागरिक भी सुरक्षित नहीं रहेंगे।”
आसिफ ने एक साक्षात्कार में यह भी स्वीकार किया कि पाकिस्तान पिछले तीन दशकों से आतंकवादी संगठनों को समर्थन और फंडिंग देता रहा है। स्काई न्यूज के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, “हमने अमेरिका और ब्रिटेन के लिए यह गंदा काम 30 साल तक किया। यह हमारी गलती थी, और हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।” इस बयान ने न केवल पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीतियों को उजागर किया, बल्कि भारत को वैश्विक मंच पर पाकिस्तान के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका भी दिया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने इस बयान का हवाला देते हुए कहा, “पाकिस्तान का यह कबूलनामा चौंकाने वाला नहीं है। यह एक दुष्ट राष्ट्र के रूप में उसकी छवि को उजागर करता है, जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देता है।”

भारत का कड़ा जवाब
पहलगाम हमले और ख्वाजा आसिफ की बयानबाजी के जवाब में भारत ने कई कठोर कदम उठाए। सबसे पहले, भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इस संधि के तहत भारत सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का पानी पाकिस्तान के साथ साझा करता है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकवाद को समर्थन देने के कारण यह कदम उठाया गया है।”
इसके अलावा, भारत ने अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया, पाकिस्तानी उच्चायोग के सैन्य सलाहकारों को निष्कासित किया, और पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर, भारत ने 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया, जो भारत के खिलाफ भड़काऊ सामग्री और गलत सूचना फैला रहे थे।
ख्वाजा आसिफ के ‘एक्स’ अकाउंट को भारत में प्रतिबंधित करना भी इसी कड़ी का हिस्सा है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, आसिफ अपने अकाउंट से भारत के खिलाफ लगातार जहर उगल रहे थे और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री साझा कर रहे थे। इस कदम को भारत की ओर से पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है कि वह ऐसी बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं करेगा।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत के इन कदमों से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पाकिस्तान ने जवाब में शिमला समझौते और अन्य द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित कर दिया, भारतीय एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया, और वाघा सीमा चौकी को बंद कर दिया। ख्वाजा आसिफ ने बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “अगर भारत ने सिंधु जल संधि को तोड़ा, तो यह युद्ध का ऐलान माना जाएगा।”
पाकिस्तान ने विश्व बैंक से मध्यस्थता की मांग की है, जो सिंधु जल संधि का गारंटर है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह कदम प्रतीकात्मक होने के साथ-साथ रणनीतिक भी है, क्योंकि भारत के पास अभी पानी का प्रवाह पूरी तरह रोकने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा नहीं है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले और भारत-पाकिस्तान तनाव पर वैश्विक समुदाय की नजर है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि वह किसी भी ऐसे कदम का स्वागत करता है जो स्थिति को शांत करने में मदद करे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग भी ख्वाजा आसिफ ने की है।
आगे की राह
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग रहेगा। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत पश्चिमी नदियों के जल का अधिकतम उपयोग करेगा ताकि पाकिस्तान को पानी की एक बूंद भी न मिले।
पहलगाम हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से काम शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ होने के सबूत मिले हैं।
