गोरखपुर में दर्दनाक हादसा: बालू लदे खड़े ट्रेलर से टकराई बस, एक महिला की मौत, पांच घायल
गोरखपुर, 1 मई 2025: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक दुखद सड़क हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। गोरखपुर-लखनऊ मार्ग पर एक तेज रफ्तार बस बालू लदे खड़े ट्रेलर से टकरा गई, जिसमें एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई और पांच अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा बुधवार देर रात गोरखपुर के गुलरिहा थाना क्षेत्र के पास हुआ। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
हादसे का विवरण
पुलिस के अनुसार, यह हादसा गोरखपुर-लखनऊ राजमार्ग पर गुलरिहा थाना क्षेत्र के पास रात करीब 11:30 बजे हुआ। एक निजी बस, जो गोरखपुर से लखनऊ की ओर जा रही थी, तेज गति से चल रही थी। इसी दौरान सड़क किनारे खड़े एक बालू लदे ट्रेलर से बस की जोरदार टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में बस में सवार एक महिला यात्री की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रेलर सड़क किनारे खड़ा था और उसके आसपास कोई चेतावनी संकेत या रिफ्लेक्टर नहीं थे, जिसके कारण बस चालक को समय पर ट्रेलर दिखाई नहीं दिया। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में बस की तेज रफ्तार और चालक की लापरवाही को हादसे का प्रमुख कारण बताया है।
मृतक और घायलों की स्थिति
मृतक महिला की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, और पुलिस उसकी शिनाख्त के लिए प्रयास कर रही है। घायलों में तीन पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं, जिन्हें तुरंत गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। डॉक्टरों के अनुसार, दो घायलों की हालत नाजुक है, और उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में रखा गया है। पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और घायलों के परिवारों को सूचित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही गुलरिहा थाना पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने क्रेन की मदद से बस और ट्रेलर को अलग किया और सड़क पर यातायात को बहाल किया। गोरखपुर के पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) जितेंद्र कुमार ने बताया कि बस चालक के खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाने और हादसे का कारण बनने के लिए मामला दर्ज किया गया है। चालक को हिरासत में ले लिया गया है, और उससे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने ट्रेलर चालक के खिलाफ भी जांच शुरू की है, क्योंकि सड़क किनारे बिना चेतावनी संकेत के वाहन खड़ा करना यातायात नियमों का उल्लंघन है। इसके अलावा, हादसे के कारणों की गहन जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है, जो सड़क की स्थिति, ट्रेलर की पार्किंग और बस की गति जैसे पहलुओं की पड़ताल करेगी।

सड़क सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा एक बार फिर उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाता है। गोरखपुर-लखनऊ मार्ग पर अक्सर तेज रफ्तार वाहनों और सड़क किनारे अवैध रूप से खड़े ट्रकों के कारण हादसे होते रहते हैं। हाल के महीनों में इस मार्ग पर कई बड़े हादसे हो चुके हैं, जिनमें कई लोगों की जान गई है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि सड़क किनारे अवैध पार्किंग पर सख्त कार्रवाई की जाए और रात में खड़े वाहनों के लिए रिफ्लेक्टर और चेतावनी संकेत अनिवार्य किए जाएं। इसके अलावा, तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण के लिए सड़क पर स्पीड ब्रेकर और सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी मांग उठ रही है।
हाल के समान हादसे
गोरखपुर में सड़क हादसे कोई नई बात नहीं हैं। हाल ही में, 30 मार्च 2025 को गोरखपुर में एक एम्बुलेंस और ट्रक की टक्कर में दो लोगों की मौत हो गई थी, और सात अन्य घायल हुए थे। इसी तरह, 8 मार्च 2025 को गोरखपुर से दिल्ली जा रही एक डबल-डेकर बस अयोध्या में एक खंभे से टकराकर पलट गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत और 32 अन्य घायल हुए थे। ये हादसे सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।
प्रशासन का रुख
गोरखपुर के जिला मजिस्ट्रेट ने हादसे पर दुख जताया और घायलों के बेहतर इलाज के लिए अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए जिला प्रशासन यातायात नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करेगा। इसके लिए सड़क पर नियमित गश्त और चेकिंग अभियान चलाए जाएंगे।
