पहलगाम हमला: अखिलेश यादव बोले- सुरक्षा के मामले में केंद्र सरकार के साथ, इस पर राजनीति न करे भाजपा
लखनऊ, 24 अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस हमले के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार के प्रति एकजुटता दिखाते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर उनकी पार्टी केंद्र के साथ है। साथ ही, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति न करने की अपील की। अखिलेश ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए केंद्र से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग की।
अखिलेश यादव का बयान
अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “पहलगाम में हुआ आतंकी हमला निंदनीय और हृदयविदारक है। इस दुख की घड़ी में समाजवादी पार्टी केंद्र सरकार और देश की सुरक्षा एजेंसियों के साथ खड़ी है। हमारा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेगा, और इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। मैं भाजपा से अपील करता हूं कि वह इस त्रासदी को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल न करे।”
उन्होंने आगे कहा, “केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर में प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा के वातावरण को सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि स्थानीय निवासियों और पर्यटकों का जीवन सुरक्षित रहे। सुरक्षा से ही भरोसा जागता है और एकता-अखंडता का भाव मजबूत होता है।”
अखिलेश ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हमले में जान गंवाने वालों में नवविवाहित जोड़े, बच्चे और परिवार शामिल थे। यह हमला हर दृष्टिकोण से निंदनीय है। घायलों के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराई जाएं।”
भाजपा पर निशाना
अखिलेश ने पहलगाम हमले को लेकर भाजपा की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने 23 अप्रैल को अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भाजपा पर “बचकाना विज्ञापन” और “झूठी संवेदनाएं” दिखाने का आरोप लगाया था। उन्होंने लिखा था, “भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों के खिलाफ देशभर के करोड़ों लोगों का यह सवाल गलत नहीं है कि अगर पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, तो उनकी सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध पहले से क्यों नहीं किए गए? यह कोई निर्जन स्थान नहीं था, बल्कि एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल था।”
हालांकि, 24 अप्रैल को अखिलेश ने अपने रुख को और स्पष्ट करते हुए कहा कि वह सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्र के साथ हैं, लेकिन भाजपा को इस मुद्दे पर “सस्ती लोकप्रियता” हासिल करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, “भाजपा नेताओं को दिखावटी बैठकें करने और प्रचार में लगने के बजाय सुरक्षा बलों को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए। अग्निवीर जैसी योजनाएं और दोयम दर्जे के सुरक्षा उपकरणों की खरीद देश की सुरक्षा के साथ समझौता है।”
पहलगाम हमले का संदर्भ
पहलगाम के बैसारन घाटी में हुए इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक आतंकी संगठन, ने ली थी। हमले में भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और खुफिया ब्यूरो (IB) के एक अधिकारी सहित 26 लोग मारे गए। हमले में 20 से अधिक लोग घायल हुए, जिनका इलाज श्रीनगर और अन्य अस्पतालों में चल रहा है। भारत सरकार ने इस हमले के जवाब में कई कड़े कदम उठाए, जिनमें इंडस वाटर ट्रीटी का निलंबन, अटारी-वाघा सीमा बंद करना, और सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश शामिल है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
अखिलेश के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। उत्तर प्रदेश भाजपा के आधिकारिक X हैंडल पर पोस्ट में कहा गया, “अखिलेश यादव समाज की बात नहीं, सियासत की चाल चलते हैं। पहलगाम जैसे कायराना हमले पर भी वे तुष्टिकरण की नीति अपनाते हैं। लाशों पर वोट बटोरना और संवेदनशील मुद्दों पर घटिया बयानबाजी करने में उन्हें जरा सी भी शर्म नहीं।”
वहीं, कुछ X यूजर्स ने अखिलेश की आलोचना की और इसे “ओछी राजनीति” करार दिया।
“दुख की इस घड़ी में अखिलेश यादव की ओर से ऐसी ओछी राजनीति देखकर निराशा हुई। यह समय एकजुटता का है, न कि आधारहीन आरोप लगाने का।” दूसरी ओर, सपा समर्थकों ने अखिलेश के बयान का समर्थन किया और कहा कि उन्होंने सुरक्षा के मुद्दे पर जायज सवाल उठाए हैं।
“दुख की इस घड़ी में अखिलेश यादव की ओर से ऐसी ओछी राजनीति देखकर निराशा हुई। यह समय एकजुटता का है, न कि आधारहीन आरोप लगाने का।” दूसरी ओर, सपा समर्थकों ने अखिलेश के बयान का समर्थन किया और कहा कि उन्होंने सुरक्षा के मुद्दे पर जायज सवाल उठाए हैं।
केंद्र सरकार और सुरक्षा पर सवाल
अखिलेश ने अपने बयान में केंद्र सरकार की सुरक्षा नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर जाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पहले से होने चाहिए थे। उन्होंने अग्निवीर योजना की भी आलोचना की, जिसके तहत सशस्त्र बलों में चार साल की अल्पकालिक भर्ती की जाती है। अखिलेश ने कहा, “अग्निवीर योजना ने युवाओं का भविष्य अंधेरे में डाल दिया है और सुरक्षा बलों की ताकत को कमजोर किया है।”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या सुरक्षा बलों की कमी और पुराने उपकरणों की वजह से ऐसे हमले हो रहे हैं। अखिलेश ने कहा, “भाजपा सरकार ने अगर पिछले हमलों से सबक लिया होता, तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता था।”
काशी में पाकिस्तानी नागरिकों का मामला
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार के 48 घंटे के अल्टीमेटम ने वाराणसी में रह रहे 10 पाकिस्तानी नागरिकों को भी प्रभावित किया है, जिनमें से सात का मामला भारतीय नागरिकों के साथ विवाह और तलाक से जुड़ा है। अखिलेश ने इस मुद्दे पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि सरकार को मानवीय आधार पर व्यक्तिगत मामलों की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है, लेकिन जहां बच्चे भारतीय नागरिक हैं, वहां कोर्ट और गृह मंत्रालय को संवेदनशीलता के साथ फैसला लेना चाहिए।”
