NRHM घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, लखनऊ में 89.84 लाख की संपत्ति अटैच
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए लखनऊ में 89.84 लाख रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच कर दी हैं। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है, और इससे इस घोटाले में शामिल लोगों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
NRHM घोटाला: एक परिचय
NRHM घोटाला उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा एक बड़ा भ्रष्टाचार मामला है, जिसमें सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया था। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जारी की गई सरकारी राशि में भारी गड़बड़ी की गई थी, और यह घोटाला कई सरकारी अधिकारियों, नेताओं और अन्य संबंधित व्यक्तियों की मिलीभगत से जुड़ा हुआ था।
यह घोटाला 2011 में सामने आया था, और तब से लेकर अब तक इसकी जांच में कई वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं के नाम सामने आ चुके हैं। इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों की ही जांच चल रही है, जो इस घोटाले से जुड़े सभी दोषियों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
ED की ताजा कार्रवाई
ED ने हाल ही में NRHM घोटाले के तहत 89.84 लाख रुपये मूल्य की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर दिया है। इसमें चल और अचल संपत्तियां दोनों शामिल हैं, जो इस घोटाले से जुड़े व्यक्तियों के नाम पर पाई गई थीं। ED के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है, जो किसी भी आर्थिक अपराध को अंजाम देने के बाद दोषियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को जब्त करने का अधिकार प्रदान करता है।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में जांच के दौरान पाया कि NRHM के तहत जारी किए गए सरकारी धन का गलत तरीके से उपयोग किया गया था और उससे संबंधित संपत्तियों को शॉर्टकट तरीके से हासिल किया गया था। ED ने इन संपत्तियों की पहचान की और उन्हें अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है, ताकि घोटाले में शामिल आरोपियों को संपत्ति की बिक्री से बचाया जा सके और वे अपनी अवैध संपत्ति से लाभ न उठा सकें।
पूर्व में हुईं कई गिरफ्तारियां
NRHM घोटाले में अब तक कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इनमें कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, राजनीतिक नेता और ठेकेदार शामिल हैं, जो इस भ्रष्टाचार में शामिल थे। घोटाले की जांच में सामने आए सबूतों और गवाहों के आधार पर इन लोगों को गिरफ्तार किया गया और कोर्ट में पेश किया गया। इसके अलावा, ED और अन्य जांच एजेंसियां लगातार इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं और दोषियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए कार्रवाई कर रही हैं।
कड़ी कार्रवाई की संभावना
अब जबकि प्रवर्तन निदेशालय ने 89.84 लाख रुपये की संपत्तियों को अटैच कर लिया है, संभावना जताई जा रही है कि जांच और आगे बढ़ेगी और इसमें और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। यह कार्रवाई सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए कड़े कदमों का हिस्सा मानी जा रही है। ED और अन्य जांच एजेंसियां इस मामले में अपनी कार्रवाई तेज करने के लिए तत्पर हैं, ताकि घोटाले में शामिल सभी दोषियों को सजा दिलाई जा सके और सरकारी धन के दुरुपयोग को रोका जा सके।
