एक-दूसरे को दोष देने का समय नहीं: मुख्यमंत्री

रेगुलेटर के क्षतिग्रस्त होने पर भाजपा द्वारा लगाए जा रहे आरोप पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से साफ इनकार कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को इस समय राजनीति नहीं करनी चाहिए। भाजपा जो भी कह रही है, वह उस पर कोई जवाब नहीं देना चाहते। आईटीओ ब्रिज के कुछ फाटक बंद होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिज पर 32 गेट हैं। इसमें से 5 गेट खुल नहीं पाए हैं। हरियाणा सरकार इसका रख-रखाव करती है। कल से उन गेटों को खोलने की कोशिश जारी हैं। यह एक-दूसरे को दोष देने का समय नहीं है। सभी मिलकर काम कर रहे हैं। अगर सभी गेट खुले हुए होते तो पानी के बाहर निकलने में तेजी आती।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यमुना में जब से जलस्तर खतरे के निशान को पार किया है, तभी से बाढ़ संभावित इलाकों में लगातार मुनादी कर लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर हुए जलभराव को लेकर कहा कि दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग वजहों से पानी भरा है। मसलन, आईटीओ पर रेगुलेटर के क्षतिग्रस्त होने की वजह से पानी आया है। राजघाट पर एक ड्रेन बैक मार गया है, उसकी वजह से यमुना का पानी आया है। दिल्ली के कई इलाकों में यमुना के ओवरफ्लो की वजह से पानी आया है।
केजरीवाल ने कहा कि धीरे-धीरे यमुना का जल स्तर नीचे जा रहा है। दिल्ली के लोगों को अब राहत मिलनी चालू हो जाएगी। गुरुवार को यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर पहुंच गया था। शुक्रवार को यह यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर से घट कर 208.38 मीटर पर आ गया है। जैसे-जैसे यमुना का जलस्तर नीचे जाएगा, वैसे-वैसे लोगों को राहत मिलती जाएगी। मुख्यमंत्री ने बंद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर कहा कि जैसे ही यमुना का जलस्तर नीचे जाएगा, वैसे की सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट काम करना शुरू कर देंगे।
दिल्ली में है तीन बड़े बैराज
जानकारी के अनुसार दिल्ली में तीन बड़े वजीराबाद, ओखला और आईटीओ बैराज है। अब आईटीओ बैराज की उपयोगिता खत्म हो गई है। यह बैराज थर्मल पावर प्लांट के लिए बनाया गया था। यहां से पावर प्लांट के लिए एक नहर जाती थी। अब प्लांट नहीं रहा तो इसकी कोई उपयोगिता भी नहीं है।
आईटीओ बैराज हरियाणा सरकार का है। इसके करीब 32 गेट हैं जो पानी डिस्चार्ज करने के लिए हैं जबकि पांच लंबे समय से ऑपरेशनल नहीं है। यह से करीब 4 लाख क्यूसेक पानी एक साथ डिस्चार्ज किया जा सकता है, लेकिन पांच गेट ऑपरेशनल न होने के कारण तीन लाख पानी ही डिस्चार्ज हो रहा है। बताया जा रहा है कि यह बैराज 1999 में बनाया गया था।
राजधानी दिल्ली में यमुना के 48 किमी. स्ट्रेच में 3 बैराज हैं। इन तीनों की देखरख तीन राज्यों के पास है। वजीराबाद बैराज, जलबोर्ड के अधीन है, आईटीओ हरियाणा और ओखला उप्र के अधीन है। ओखला बैराज में 27 गेट हैं, जिससे एक साथ करीब 3 लाख पानी डिस्चार्ज किया जा सकता, लेकिन ये कैपिसिटी से अधिक डिस्चार्ज कर रहा है, लगभग 3.72 लाख क्यूसेक। यह 1984 में बना था।
