• March 17, 2025

ISRO: इसरो की एक और उपलब्धि, एससीएल के साथ मिलकर विकसित किया 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर

16 मार्च 2025 नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि प्राप्त की है। ISRO ने अपने सहयोगी संस्था साम्बा सर्किट्स लिमिटेड (SCL) के साथ मिलकर 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर विकसित किया है। इस माइक्रोप्रोसेसर का नाम “SHAKTI” रखा गया है और इसे भारतीय तकनीकी उद्योग में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

इस 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर को खासतौर पर अंतरिक्ष मिशनों और रक्षा क्षेत्र के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे भारतीय उद्योगों की जरूरतों और स्वदेशी विकास के दृष्टिकोण से भी तैयार किया गया है, ताकि भारतीय तकनीकी क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाया जा सके और विदेशों से आयातित माइक्रोप्रोसेसरों पर निर्भरता कम की जा सके।

SHATKI माइक्रोप्रोसेसर की विशेषताएँ:

  1. स्वदेशी तकनीकी विकास: SHAKTI माइक्रोप्रोसेसर भारत के भीतर पूरी तरह से विकसित किया गया है। यह पूरी तरह से भारतीय इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। इसके माध्यम से भारत को तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम बढ़ाया गया है।

  2. 32-बिट आर्किटेक्चर: यह माइक्रोप्रोसेसर 32-बिट आर्किटेक्चर पर आधारित है, जिससे यह उच्च प्रदर्शन और दक्षता प्रदान करता है। यह विशेष रूप से उस प्रकार के अनुप्रयोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जहां अधिक गति और शक्ति की आवश्यकता होती है, जैसे कि रक्षा, अंतरिक्ष, और एंबेडेड सिस्टम्स में।

  3. विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त: SHAKTI माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल केवल अंतरिक्ष और रक्षा मिशनों तक सीमित नहीं होगा। इसके अन्य अनुप्रयोगों में स्मार्टफोन, कंप्यूटर, और औद्योगिक उपकरण भी शामिल हो सकते हैं। यह बहुउद्देश्यीय कार्यों में सक्षम है, और भारतीय तकनीकी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

  4. उत्कृष्ट सुरक्षा फीचर्स: माइक्रोप्रोसेसर में सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित किया गया है, जिससे यह रक्षा और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बनता है।

  5. आंतरिक परीक्षण और अनुकूलन: SHAKTI को भारतीय उद्योगों की जरूरतों के अनुसार अनुकूलित किया गया है। इसके आंतरिक परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया गया है कि यह विश्व स्तरीय तकनीकी मानकों के अनुरूप है।

ISRO और SCL का सहयोग:

ISRO और SCL के बीच का यह सहयोग भारत को अंतरिक्ष और तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। SCL, जो ISRO के साथ मिलकर काम करता है, भारतीय उपग्रहों और अंतरिक्ष मिशनों के लिए आवश्यक विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और घटकों का निर्माण करता है। अब SHAKTI माइक्रोप्रोसेसर के विकास से यह सहयोग एक नया आयाम प्राप्त कर रहा है।

भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम:

भारत में माइक्रोप्रोसेसरों का उत्पादन बहुत कम था, और देश को अपनी अधिकांश आवश्यकताएँ विदेशों से आयात करनी पड़ती थीं। इसरो और SCL द्वारा विकसित SHAKTI माइक्रोप्रोसेसर न केवल देश के रक्षा और अंतरिक्ष मिशनों को सशक्त करेगा, बल्कि यह भारतीय तकनीकी उद्योग को भी मजबूत बनाएगा। यह कदम भारत की “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” पहल के तहत उठाया गया है, जो तकनीकी क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आगे की दिशा:

इस माइक्रोप्रोसेसर के सफल विकास के बाद, ISRO और SCL का उद्देश्य इसे भारतीय उद्योगों में व्यापक रूप से उपयोग करने का है। इसके साथ ही, देश में छोटे और मंझले उद्योगों के लिए भी यह माइक्रोप्रोसेसर एक बड़ी सहायक साबित हो सकता है। इसके अलावा, इसके आगे के संस्करणों और उन्नति पर भी काम किया जा रहा है, ताकि यह और अधिक शक्तिशाली और दक्ष बन सके।

Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *