ISIS की खौफनाक साजिश का पर्दाफाश, ज्ञानवापी जज को ‘काफिर’ बताकर हत्या की दी गई धमकी; आतंकी अदनान पर FIR
भारत में धार्मिक संवेदनशील मुद्दों पर न्यायपालिका को निशाना बनाने की कोशिशें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। भोपाल के एक आतंकी अदनान ने सोशल मीडिया पर ज्ञानवापी मस्जिद मामले के जज को ‘काफिर’ बताकर हत्या की धमकी दी है। यह ISIS से जुड़ी साजिश का हिस्सा लगती है, जो न्यायिक व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास है। लेकिन क्या है इस धमकी की पूरी पृष्ठभूमि, और कैसे पुलिस ने इसे रोका? आइए, तीन हिस्सों में जानते हैं इस खौफनाक घटना की कहानी, जहां धार्मिक वैमनस्यता और आतंक का मेल दिखता है।
इंस्टाग्राम पर धमकी: ‘काफिर’ का खूनी संदेश
23 अक्टूबर को भोपाल के अदनान ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट @based.khilji से जज रवि कुमार दिवाकर की फोटो पोस्ट की। फोटो में जज की आंखों पर लाल रंग से ‘KAFIR’ लिखा था। कैप्शन में अंग्रेजी में लिखा, “THE KAFIRS BLOOD IS HALAL FOR YOU THOSE WHO FIGHT AGAINST YOUR DEEN” (काफिर का खून हलाल है उन लोगों के लिए जो दीन के लिए लड़ रहे हैं)। यह पोस्ट ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे ऑर्डर देने वाले जज को निशाना बनाती है। अदनान ने इस तरह चरमपंथी विचारधारा से जुड़े लोगों को हत्या के लिए उकसाया। FIR के अनुसार, यह पोस्ट कई लोगों ने देखी, और इससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। अदनान ISIS से प्रभावित लगता है, जो ऑनलाइन जिहादी कंटेंट से रेडिकलाइज हो चुका था। यह घटना 2022 के सर्वे ऑर्डर से जुड़ी पुरानी धमकियों को याद दिलाती है।
FIR और गिरफ्तारी: ATS की त्वरित कार्रवाई
उत्तर प्रदेश एटीएस ने 3 जून को लखनऊ के गोमतीनगर थाने में अदनान के खिलाफ IPC की धारा 153A (धार्मिक वैमनस्य फैलाना), 115 (हत्या का उकसाना), 506 (धमकी) और UAPA की धारा 13 के तहत FIR दर्ज की। भोपाल ATS के साथ मिलकर 18 अक्टूबर को अदनान को करोंड क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह सीरिया-आधारित हैंडलर अबू इब्राहिम अल-कुरेशी के संपर्क में था। अदनान ने ISIS चीफ को बैअत देने वाला वीडियो रिकॉर्ड किया था। दिल्ली पुलिस ने भी ISIS मॉड्यूल बस्ट करते हुए इस साजिश को रोका। जज दिवाकर ने 2022 में ही धमकी पत्र मिलने पर सुरक्षा मांगी थी, और अब NIA कोर्ट के जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को पत्र लिखकर अतिरिक्त सुरक्षा की सिफारिश की। अदनान को 7 दिन की पुलिस कस्टडी मिली, जो 20 जून को खत्म हुई।
साजिश का खतरा: न्यायपालिका पर हमला
यह घटना ISIS की बढ़ती सक्रियता को दर्शाती है, जो सोशल मीडिया से रेडिकलाइजेशन और हमलों की साजिश रच रही है। अदनान ने न केवल जज को धमकी दी, बल्कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चलाकर वर्गों में वैमनस्य फैलाया। FIR में चेतावनी दी गई कि अगर इन कृत्यों पर अंकुश न लगा, तो कोई अप्रिय घटना हो सकती है। जज दिवाकर, जो अब बरेली में एडिशनल सेशंस जज हैं, ने अपनी सुरक्षा को अपर्याप्त बताया। NIA जज ने कहा कि इस्लामिक फंडामेंटलिस्ट फोर्सेस जज की हत्या की साजिश रच रही हैं। यह 2022 के धमकी पत्र से जुड़ा लगता है, जहां जज के परिवार को निशाना बनाया गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि यह संवैधानिक व्यवस्था पर हमला है, और साइबर सतर्कता बढ़ानी होगी। अदनान को सितंबर में जमानत मिली, लेकिन जांच जारी है।