‘द विद्यालय’ में बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ मिलेंगे संस्कार : राकेश त्रिपाठी

कानपुर रोड स्थित मानसरोवर योजना में मंगलवार को ‘द विद्यालय संस्कारों की पाठशाला प्ले ग्रुप स्कूल्स’ का उद्घाटन चेयरमैन हैदरगढ़ आलोक तिवारी, उत्तर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी तथा सुरेश चन्द्र तिवारी पूर्व एमडी उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग ने किया। इस मौके पर 11 शाखाओं का उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से जोड़ा गया।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने शिक्षाविद अजय दुबे को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “द विद्यालय” नामचीन किड्स एजुकेशन संस्थानों को कड़ी चुनौती देगा, क्योंकि यहां आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों का भी आदान-प्रदान होगा।
पिछले 15 वर्षों से लाखों नौजवानों को रोजगार की राह दिखा चुके बालाजी कोचिंग इंस्टीट्यूट के निदेशक शिक्षाविद अजय दुबे ने अब बच्चों को भी संस्कारित करते हुए शिक्षित करने की ठान ली है। ‘द विद्यालय संस्कारों की पाठशाला के नाम से प्ले ग्रुप स्कूल्स’ की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिकता के साथ-साथ पौराणिक शिक्षा पद्धति पर बच्चों को शुरू से ही संस्कारों का पाठ पढ़ाया जाएगा। विद्यालय में डे केयर, प्ले ग्रुप, नर्सरी और केजी कक्षाओं में आधुनिकतम तकनीक से लैस स्मार्ट क्लासेज होंगी तथा बालिकाओं का प्रवेश शुल्क शून्य रखा गया है।
‘द विद्यालय’ प्ले ग्रुप स्कूल्स चेन की शुरुआत करने की आवश्यकता का जवाब देते हुए मुख्य कार्यपालक अधिकारी अजय दुबे ने कहा कि प्राथमिक स्तर पर केवल अक्षरों का ज्ञान या रटंत विद्या ही सम्पूर्ण शिक्षा नहीं है, इसका अनुभव मैंने बड़े विद्यार्थियों को शिक्षित करते हुए किया। बचपन से बच्चों में आधुनिक शिक्षा के साथ संस्कारों का प्रवाह हो जो राष्ट्र निर्माण में सहायक सिद्ध हो, इसी मूल भावना से द विद्यालय कार्य करेगा। द विद्यालय के लोगों में दिख रही पांच कमल की पंखुड़ियां पंचतत्वों का प्रतीक है जो शैशवावस्था और बाल्यावस्था को संस्कारों से पल्लवित-पुष्पित करेगा।
आगामी योजनाओं की जानकारी देते हुए श्री दुबे ने बताया कि 11 जुलाई को द विद्यालय की 11 शाखाओं का एक साथ उद्घाटन किया जाएगा और निरंतर गुणवत्ता बनाए रखते हुए देश भर में 100 शाखाओं का लक्ष्य मार्च 2024 तक पूरा करेंगे। इसके बाद 500 ब्रांचों का विस्तार चैनल पार्टनर्स के साथ मिलकर किया जाएगा। इसके बाद पांचवीं कक्षा तक प्रत्येक शाखा के विस्तार की योजना बनाई गई है। इस दौरान भगवान हनुमान के विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया।
