हिमाचल विस उपचुनाव : भाजपा ने तीन सीटों पर पूर्व निर्दलीय विधायकों को दिए टिकट
हिमाचल प्रदेश के तीन विधानसभा हलकों में होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। भाजपा ने तीन खाली सीटों देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ में पूर्व निर्दलीय विधायकों को उतारा है। देहरा से होशियार सिंह, हमीरपुर से आशीष शर्मा और नालागढ़ से केएल ठाकुर को टिकट दिया गया है। गुरूवार देर रात भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी हुई। दूसरी तरफ कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। तीनों विधानसभा हलकों में 10 जुलाई को मतदान होगा और 13 जुलाई को चुनाव नतीजे आएंगे। इसके लिए निर्वाचन विभाग आज अधिसूचना जारी करेगा।
बता दें कि भाजपा ने जिन पूर्व निर्दलीय विधायकों को उपचुनाव की टिकट दी है, वे साल 2022 के चुनाव में विजयी होकर विधानसभा पहुंचे थे। देहरा से होशियार सिंह, हमीरपुर से आशीष शर्मा और नालागढ़ से केएल ठाकुर ने विधानसभा का चुनाव जीता था। निर्दलीय विधायक निर्वाचित होने के बाद वे सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे थे। इसी साल 27 फरवरी को राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव में इन तीनों ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट किया। इसके बाद इन्होंने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया और भाजपा में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ने इनका इस्तीफा मंजूर किया था।
टिकट आवंटन के बाद नाराज नेताओं को मनाने की चुनौती
भाजपा द्वारा तीन पूर्व निर्दलीय विधायकों को उतारने से इनके हलकों में बगावत का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल 2022 का चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी टिकट कटने से नाराज बताए जा रहे हैं। पिछले चुनाव में भाजपा ने देहरा से पूर्व मंत्री रमेश धवाला, हमीरपुर से नरेंद्र ठाकुर और नालागढ़ से लखविंदर राणा को उतारा था। तीनों प्रत्याशियों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। अब टिकट कटने से इनके समर्थकों में आक्रोश है। भाजपा ने हाल ही में छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के उन पूर्व विधायकों को टिकट दी थी, जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करने पर अयोग्य करार दिए जाने के बाद भाजपा का दामन थामा था। हालांकि उपचुनाव में भाजपा छह में से दो सीटों पर ही चुनाव जीतने में कामयाब रही। 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में मौजूदा समय में 65 सदस्य हैं और इनमें सत्तारूढ़ कांग्रेस के 38 और भाजपा के 27 विधायक हैं। तीन सीटों पर विस उपचुनाव के नतीजे सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर कोई असर नहीं डालेंगे, क्योंकि कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत हासिल है।