चित्रकूट में भीषण हादसा: पिकअप और ट्रक की जोरदार भिड़ंत, दो मजदूरों की मौत, आधा दर्जन से अधिक घायल, CHC में भर्ती
चित्रकूट, 19 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। जिले के पहाड़ी थाना क्षेत्र के अंतर्गत राजापुर में मजदूरों से भरी एक पिकअप गाड़ी की तेज रफ्तार ट्रक से जोरदार भिड़ंत हो गई। इस हादसे में पिकअप में सवार दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में तीन बच्चे भी शामिल हैं। सभी घायलों को तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पहाड़ी में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
हादसे का विवरण
यह हादसा देर रात करीब 11:30 बजे उस समय हुआ, जब मजदूर ईंट भट्ठे पर काम खत्म करने के बाद अपने घर लौट रहे थे। पिकअप में करीब 10-12 मजदूर सवार थे, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे। पुलिस के अनुसार, पिकअप गाड़ी राजापुर की ओर जा रही थी, तभी सामने से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पिकअप के परखच्चे उड़ गए और कई मजदूर सड़क पर गिर गए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और घायलों को पास के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने में मदद की। मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, लेकिन पुलिस ने बताया कि दोनों मजदूर पुरुष थे और उनकी उम्र 30 से 40 साल के बीच हो सकती है।
प्रशासन और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी शिवशरनप्पा जीएन और पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के निर्देश दिए। दोनों अधिकारी बाद में CHC पहाड़ी भी गए, जहां उन्होंने घायलों का हालचाल जाना और डॉक्टरों को बेहतर इलाज के लिए निर्देश दिए।
पहाड़ी थाना प्रभारी ने बताया, “हादसे की जांच शुरू कर दी गई है। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि ट्रक की तेज रफ्तार और चालक की लापरवाही इस हादसे का कारण हो सकती है। ट्रक को कब्जे में ले लिया गया है और चालक की तलाश की जा रही है।” पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और घायलों के परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
घायलों की स्थिति
CHC पहाड़ी के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि हादसे में घायल हुए लोगों में से कुछ की हालत गंभीर है। तीन बच्चों को सिर और हाथ-पैर में गंभीर चोटें आई हैं, जबकि अन्य मजदूरों को भी शरीर के विभिन्न हिस्सों में फ्रैक्चर और चोटें आई हैं। उन्होंने कहा, “हमारी टीम घायलों का इलाज करने में जुटी है। जरूरत पड़ने पर गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल या प्रयागराज रेफर किया जाएगा।”

मजदूरों की स्थिति और सामाजिक संदर्भ
हादसे का शिकार हुए मजदूर स्थानीय ईंट भट्ठे पर काम करते थे। ये मजदूर ज्यादातर गरीब परिवारों से थे, जो रोजी-रोटी के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। उनके परिजनों ने बताया कि वे हर दिन सुबह भट्ठे पर जाते थे और रात को घर लौटते थे। इस हादसे ने उनके परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। एक घायल मजदूर की पत्नी ने रोते हुए कहा, “हमारा पूरा परिवार उसी की कमाई पर निर्भर था। अब हमारा क्या होगा?”
चित्रकूट जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों की स्थिति अक्सर दयनीय होती है। सड़क सुरक्षा के अभाव, ओवरलोड वाहनों का संचालन, और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी के कारण ऐसे हादसे आए दिन होते रहते हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना पर दुख जताते हुए प्रशासन से मांग की है कि मजदूरों की सुरक्षा और उनके परिवारों को मुआवजा सुनिश्चित किया जाए।
चित्रकूट में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या
चित्रकूट में हाल के महीनों में सड़क हादसों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है। दिसंबर 2024 में भी एक भीषण हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई थी, जब एक बोलेरो और ट्रक की टक्कर हो गई थी। उस हादसे में भी 11 लोग सवार थे, जो प्रयागराज से अंतिम संस्कार के बाद लौट रहे थे। पुलिस ने उस घटना में ड्राइवर की थकान को हादसे का कारण बताया था। इसके अलावा, 2023 में एक ट्रक ने श्रद्धालुओं को कुचल दिया था, जिसमें 2 लोगों की मौत और 3 लोग घायल हुए थे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले के हाइवे पर तेज रफ्तार वाहन और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी हादसों का प्रमुख कारण है। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “यहां ट्रक और भारी वाहन बिना किसी डर के तेज रफ्तार में चलते हैं। प्रशासन को सख्ती करनी चाहिए और हाइवे पर स्पीड ब्रेकर लगाने चाहिए।”
प्रशासन से मुआवजे की मांग
हादसे के बाद मजदूरों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मृतकों के परिवारों को मुआवजा और घायलों के लिए बेहतर इलाज की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ता अनिल मिश्रा ने कहा, “चित्रकूट में सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन प्रशासन सिर्फ जांच की बात करता है। पीड़ित परिवारों को तत्काल आर्थिक मदद और सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।”