बीएचयू अस्पताल में हेल्थ डायरी की डुप्लीकेसी, अब तक 50 से ज्यादा पकड़े गए; जानें- पूरा मामला
17 मार्च 2025 वाराणसी बीएचयू (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) अस्पताल में निशुल्क इलाज प्राप्त करने के लिए हेल्थ डायरी की डुप्लीकेसी का मामला सामने आया है। अस्पताल में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों को हेल्थ डायरी दी जाती है, जो उनके स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को सुनिश्चित करती है। लेकिन अब तक अस्पताल में हेल्थ डायरी से जुड़े 50 से ज्यादा फर्जी मामलों का पर्दाफाश हुआ है।
यह मामला गंभीर बन गया है क्योंकि हेल्थ डायरी के फर्जी उपयोग से न केवल विश्वविद्यालय की स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है, बल्कि यह अस्पताल की व्यवस्था और अन्य असली मरीजों के इलाज में भी बाधा उत्पन्न कर रहा है। अस्पताल प्रशासन ने इस पर संज्ञान लिया है और जांच शुरू कर दी है।
हेल्थ डायरी का उद्देश्य
बीएचयू अस्पताल में हेल्थ डायरी का उद्देश्य विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाओं में छूट देना है। इस डायरी के जरिए वे अस्पताल से निशुल्क या रियायती दरों पर इलाज और चिकित्सा सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से विश्वविद्यालय परिवार को स्वास्थ्य संबंधित मुद्दों में सहारा देने के लिए शुरू की गई थी।
फर्जी मामले सामने आना
हाल ही में अस्पताल प्रशासन को पता चला कि कुछ लोग, जिनमें कुछ छात्रों और कर्मचारियों के नाम भी शामिल हैं, ने हेल्थ डायरी की डुप्लीकेसी का सहारा लिया है। यह लोग फर्जी हेल्थ डायरी का इस्तेमाल कर अस्पताल से इलाज और दवाइयां प्राप्त कर रहे थे, जबकि उनके पास असली डायरी नहीं थी।
इस धोखाधड़ी के मामले में अब तक 50 से ज्यादा लोग पकड़े जा चुके हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा, यह भी पता चला है कि कुछ लोग हेल्थ डायरी का मोल-भाव कर रहे थे और इसके जरिए दूसरों को भी मुफ्त इलाज दिलवाने का झांसा दे रहे थे।
प्रशासन की कार्रवाई
बीएचयू अस्पताल प्रशासन ने इस मामले पर कड़ी नजर रखी है। उन्होंने एक जांच समिति का गठन किया है, जो हेल्थ डायरी के फर्जी मामलों की जांच करेगी। इसके साथ ही, विश्वविद्यालय प्रशासन ने अस्पताल में हेल्थ डायरी की नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है, ताकि भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी से बचा जा सके।
अस्पताल प्रशासन ने कहा कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी घोषणा की है कि अब से हेल्थ डायरी के वितरण और उपयोग की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा।
प्रभावित लोग
हेल्थ डायरी के फर्जी मामलों के कारण असली मरीजों को उपचार में परेशानी हो रही है। कई मरीजों को उचित इलाज समय पर नहीं मिल पा रहा है क्योंकि हेल्थ डायरी के फर्जी उपयोग के कारण अस्पताल के संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। असली मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है, जो इस स्थिति को और जटिल बना रहा है।
