• October 22, 2025

नूंह हिंसा पर हरियाणा विधानसभा में हंगामा, दो बार स्थगित हुई सदन की कार्यवाही

 नूंह हिंसा पर हरियाणा विधानसभा में हंगामा, दो बार स्थगित हुई सदन की कार्यवाही

नूंह में हुई हिंसा की घटना पर सदन में चर्चा को लेकर सोमवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सरकार ने मामला अदालत में विचाराधीन होने का तर्क देकर इस पर सदन में चर्चा नहीं करवाई। विपक्ष के हंगामे के चलते स्पीकर को दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

विधानसभा में शून्यकाल के दौरान विपक्षी दल कांग्रेस ने पहले सरकार को संदीप सिंह के मुद्दे पर घेरा तो उसके बाद नूंह में हुई हिंसा की घटना को लेकर विपक्ष आक्रामक हो गया। दरअसल विपक्षी विधायक गीता भुक्कल, राव दान सिंह, आफताब अहमद व अन्यों द्वारा कानून-व्यवस्था व हालिया हिंसा की घटना को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया गया था।

विपक्ष ने जैसे ही इस मुद्दे पर बात शुरू की तो स्पीकर ने कई कानूनों का हवाला देकर कहा कि मामला अदालत में विचाराधीन होने के कारण चर्चा नहीं करवाई जा सकती। स्पीकर ने कहा कि हाईकोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया है तथा अभी अदालती कार्रवाई जारी है।

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, बीबी बत्तरा, जगबीर मलिक व अन्यों ने कहा कि हाईकोर्ट में केवल निर्माण गिराने के मामले की सुनवाई हो रही है नूंह हिंसा का केवल रैफरेंस दिया गया है। नूंह हिंसा के संबंध में न तो सू मोटो नोटिस लिया गया है और न ही कोई याचिका दायर की गई है।

हुड्डा ने सीएम की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इस मामले की हाईकोर्ट के जज से जांच करवाई जाए। बी.बी. बत्तरा ने कहा कि नूंह हिंसा पर पुलिस, मुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री सभी के अलग-अलग बयान हैं। नूंह हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। स्पीकर अन्य मुद्दों पर चर्चा करवाना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने कार्यवाही नहीं चलने दी। जिसके चलते सदन की कार्यवाही को तीस मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।

दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस ने फिर से नूंह हिंसा पर स्पीकर से लिखित रूलिंग मांग ली। बीबी बत्तरा ने कहा कि मणिपुर हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के बावजूद लोकसभा में न केवल चर्चा हुई है बल्कि प्रधानमंत्री ने भी टिप्पणी दी है।

तोशाम विधायक किरण चौधरी ने कहा कि कानून व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा की मांग हम कर रहे हैं। इसी दौरान डॉ. कादियान ने कहा, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बयान दिया था कि सभी लोगों को सुरक्षा प्रदान नहीं की जा सकती। गृह मंत्री अनिल विज कह चुके हैं कि उन्हें इसकी सूचना ही नहीं थी। यह भी बयान दिया कि नूंह के मंदिर में 4-5 हजार लोगों को बंदी बनाया गया। ऐसे में इस मुद्दे पर सदन में चर्चा होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री के बयान को मुद्दा बनाते हुए कहा, सीएम ने कहा था कि नूंह हिंसा में साजिश हुई। हम जानना चाहते हैं कि क्या साजिश हुई। इसके बारे में प्रदेश के लोगों को जानने का अधिकार है। उन्होंने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता में जांच होगी तो पता लग जाएगा कि किसने साजिश रची। इसी दौरान पटौदी विधायक सत्यप्रकाश जरावता ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि विधानसभा में ही इसकी साजिश रची गई।

हुड्डा ने तर्क दिया कि स्पीकर सदन को यह लिखित में दें कि हाईकोर्ट में नूंह हिंसा को लेकर केस चल रहा है तो वह हाईकोर्ट से इसका जवाब मांग लेंगे। इस मुद्दे पर सदन में फिर से हंगामा हुआ तो स्पीकर ने भोजनावकाश के लिए कार्यवाही को स्थगित कर दिया। दोपहर बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते विपक्ष ने फिर से हंगामा किया लेकिन स्पीकर ने कई कानूनों का हवाला देकर नूंह हिंसा पर सदन में चर्चा से इनकार कर दिया।

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Rama Niwash Pandey

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