विवेक रंजन अग्निहोत्री के खिलाफ FIR दर्ज: ‘द बंगाल फाइल्स’ में गोपाल मुखर्जी की गलत छवि पेश करने का आरोप, माफी मांगने का नोटिस
लखनऊ/ 18 अगस्त ,2025: फिल्म निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री की आगामी फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। ख़बरों के अनुसार स्वतंत्रता सेनानी गोपाल मुखर्जी के पोते शांतनु मुखर्जी ने अग्निहोत्री के खिलाफ कोलकाता में FIR दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि फिल्म के ट्रेलर में उनके दादा को ‘कसाई गोपाल पाठा’ कहकर गलत और अपमानजनक तरीके से पेश किया गया है। शांतनु ने अग्निहोत्री को कानूनी नोटिस भेजकर सार्वजनिक माफी की मांग की है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सदस्यों ने भी फिल्म के कथित विवादित कंटेंट को लेकर कई FIR दर्ज की हैं।
विवाद का कारण
‘द बंगाल फाइल्स’ 1946 के कोलकाता हत्याकांड (डायरेक्ट एक्शन डे) और नोआखाली दंगों की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जिसमें भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान हुए हिंदू-मुस्लिम दंगों की कहानी दिखाई गई है। ट्रेलर में गोपाल मुखर्जी को ‘एक था कसाई गोपाल पाठा’ के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिस पर शांतनु ने आपत्ति जताई। उन्होंने दावा किया कि उनके दादा पेशे से कसाई नहीं थे, बल्कि एक पहलवान और अनुशीलन समिति के प्रमुख सदस्य थे, जिन्होंने 1946 के दंगों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शांतनु ने कहा, “मेरे दादा स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विचारधारा से प्रेरित थे। उन्हें ‘कसाई’ या ‘पाठा’ (बकरा) कहना ऐतिहासिक रूप से गलत और अपमानजनक है।”
FIR और कानूनी नोटिस
शांतनु मुखर्जी ने कोलकाता के लेक टाउन थाने में अग्निहोत्री, प्रोड्यूसर पल्लवी जोशी और अभिषेक अग्रवाल के खिलाफ FIR दर्ज कराई, जिसमें गोपाल मुखर्जी की छवि को गलत तरीके से दिखाने का आरोप लगाया गया। उन्होंने नोटिस में मांग की कि अग्निहोत्री सार्वजनिक रूप से माफी मांगें, अन्यथा मामले को और आगे ले जाया जाएगा। शांतनु ने कहा, “मेकर्स ने परिवार से संपर्क नहीं किया और बिना शोध के गलत जानकारी दी। यह हमारे परिवार और समुदाय के लिए ठेस पहुंचाने वाला है।” इसके अलावा, TMC के सदस्यों ने फिल्म में कथित तौर पर साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाने का आरोप लगाते हुए कई शहरों में FIR दर्ज की हैं।
विवेक अग्निहोत्री का जवाब
विवेक अग्निहोत्री, जो इस समय अमेरिका में फिल्म के प्रीमियर के लिए हैं, ने पश्चिम बंगाल सरकार और TMC पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर कहा, “पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी हमें कानूनी झंझटों में फंसाकर फिल्म का प्रचार रोकना चाहती है। वे बंगाल के इतिहास के काले अध्याय को छिपाना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने लेक टाउन थाने में दर्ज FIR पर 26 अगस्त तक अंतरिम रोक लगा दी है, और अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी। अग्निहोत्री ने कहा, “मैं चुप नहीं रहूंगा। यह फिल्म हिंदू नरसंहार की सच्चाई को उजागर करती है।”
ट्रेलर लॉन्च में बवाल
16 अगस्त को कोलकाता में फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के दौरान भी विवाद हुआ। कुछ अज्ञात लोगों ने कार्यक्रम में बाधा डाली और वहां के तार काट दिए गए। अग्निहोत्री ने इसके लिए पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बंगाल में शूटिंग की अनुमति नहीं मिलने के कारण फिल्म का निर्माण मुंबई में करना पड़ा।
फिल्म का विवरण
‘द बंगाल फाइल्स’ विवेक अग्निहोत्री की ‘फाइल्स ट्रिलॉजी’ का तीसरा हिस्सा है, जिसमें पहले ‘द ताशकंद फाइल्स’ (2019) और ‘द कश्मीर फाइल्स’ (2022) शामिल हैं। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, पल्लवी जोशी और दर्शन कुमार प्रमुख भूमिकाओं में हैं। यह 5 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी और 1946 के दंगों की भयावहता को दर्शाएगी, जिसमें 5,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
सोशल मीडिया और प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। कुछ यूजर्स ने अग्निहोत्री का समर्थन करते हुए कहा कि यह उनकी आवाज दबाने की साजिश है, जबकि अन्य ने गोपाल मुखर्जी के परिवार की शिकायत को जायज ठहराया। एक यूजर ने लिखा, “गोपाल मुखर्जी ने 1946 में हिंदुओं की रक्षा की थी। उनकी छवि को गलत दिखाना गलत है।”
निष्कर्ष
‘द बंगाल फाइल्स’ का गोपाल मुखर्जी के चित्रण को लेकर विवाद और TMC की FIR ने फिल्म को रिलीज से पहले ही सुर्खियों में ला दिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट की अंतरिम रोक के बावजूद, शांतनु मुखर्जी के माफी मांगने की मांग ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। यह देखना बाकी है कि क्या अग्निहोत्री माफी मांगेंगे या यह विवाद कानूनी और राजनीतिक रंग लेगा। स्रोत: नवभारत टाइम्स, दैनिक भास्कर, टीवी9 हिंदी, न्यूज18 हिंदी, एक्स