मई दिवस के उपलक्ष्य पर डालसा ने आयोजित किया कार्यक्रम
जिला लीगल सर्बिसेज अथारटी उधमपुर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के उपलक्ष्य पर एक कार्यक्रम का आयोजन डालसा के चेयरमैन हक नमाज जरगर व डालसा के सचिव एवं सब जज अजय शर्मा के दिशानिर्देश में किया गया। यह कार्यक्रम सलाथिया चौक पर आयोजित किया गया। इस दौरान डालसा के पैनल लायर एडवोकेट संजीत बवोरिया ने मजदूरांे के साथ केक काटा तथा उनको इस दिवस को लेकर बधाई दी एवं उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया।
इस अवसर पर पैनल लायर एडवोकेट संजीत बवोरिया ने बताया कि मई दिवस को मनाने की परंपरा 137 वर्ष से चली आ रही है। मई दिवस की जड़ें अमेरिका में 1886 में हुए एक श्रमिक आंदोलन से जुड़ी है। आज जो रोजाना काम करने के 8 घंटे निर्धारित हैं और सप्ताह में 1 दिन की छुट्टी का अधिकार है वह सब इसी आंदोलन की देन है। 1880 का दशक अमेरिका समेत विभिन्न पश्चिमी देशों में औद्योगीकरण का दौर था। इस दौरान मजदूरों से 15-15 घंटे काम लिया जाता था। सूर्योदय से सूर्यास्त तक उन्हें काम करने के लिए मजबूर किया जाता था।
अमेरिका और कनाडा की ट्रेड यूनियन के संगठन फेडरेशन आफ ऑर्गेनाइज्ड ट्रेड्स एंड लेबर यूनियन ने तय किया कि मजदूर 1 मई 1886 के बाद रोजाना 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे। जब वह दिन आया तो अमेरिका के अलग-अलग शहरों में लाखों श्रमिक शोषण के खिलाफ हड़ताल पर चले गए। यहीं से बड़े श्रमिक आंदोलन की शुरुआत हुई। पूरे अमेरिका में श्रमिक सड़कों पर उतर आए थे इस दौरान कुछ मजदूरों पर पुलिस ने गोली चला दी थी जिसमें कई मजदूर की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
इसके बाद 1899 में जब पेरिस में इंटरनेशनल सोशलिस्ट कॉन्फ्रेंस हुई तो 1 मई को मजदूरों को समर्पित करने का फैसला किया। इस तरह धीरे-धीरे पूरी दुनिया में 1 मई को मजदूर दिवस या कामगार दिवस के रूप में बनाने की शुरुआत हुई। आज अगर कामकाजी वर्ग के लिए दिन में काम के 8 घंटे तय हैं तो वह अमेरिका में हुए इसी आंदोलन की ही देन है। भारत में मजदूर दिवस की शुरूआत चेन्नई मंे 1 मई 1923 में हुई थी।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत के निर्माण में मजदूरों का बहुत बड़ा योगदान है। फिर चाहे वो सड़कें बनाने की बात हो, चाहे गाडियां बनाने की बात हो, अनाज पैदा करने, चाहे कपड़ा बनाने को लेकर है सभी में मजदूरों का अहम योगदान है। इसलिए मजदूरों के अधिकार सुरक्षित रहने चाहिए और जमीनी स्तर पर लागू होने चाहिए। उन्होंने सभी को इस दिवस की बधाई दी तथा आग्रह किया मजदूरों का सम्मान करें।