दिल्ली-एनसीआर में ‘दमघोंटू’ हुई हवा: AQI 450 के पार, धुंध की चादर में लिपटी राजधानी; जानें आपके इलाके का हाल
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और पूरे एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में प्रदूषण ने एक बार फिर विकराल रूप धारण कर लिया है। गिरते तापमान और स्थिर हवाओं के कारण दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ हो गई है। शुक्रवार की सुबह दिल्लीवासियों के लिए भारी मुसीबत लेकर आई, जहां आसमान में स्मॉग की मोटी चादर छाई रही और विजिबिलिटी (दृश्यता) बेहद कम दर्ज की गई।
प्रदूषण का आलम यह है कि स्वस्थ लोगों को आंखों में जलन महसूस हो रही है, जबकि सांस के मरीजों और बुजुर्गों के लिए घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है।
आज सुबह का हाल: धुंध और स्मॉग का डबल अटैक
शुक्रवार सुबह जब दिल्ली जागी, तो नजारा किसी पहाड़ी इलाके जैसा था, लेकिन यह कोहरा नहीं बल्कि ‘जहरीला स्मॉग’ था। एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली के अनुसार, सुबह राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 387 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ (Very Poor) श्रेणी में आता है। हालांकि, दिल्ली के कई हॉटस्पॉट्स में यह आंकड़ा 440 के स्तर को भी पार कर चुका है, जो ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी की ओर इशारा कर रहा है।
प्रमुख समस्याएँ:
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आंखों में जलन: हवा में मौजूद बारीक कणों (PM 2.5) के कारण लोगों को आंखों में चुभन और पानी आने की शिकायत हो रही है।
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सांस लेने में तकलीफ: अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों के लिए यह स्थिति आपातकालीन स्तर की है।
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कम विजिबिलिटी: सुबह के वक्त स्मॉग के कारण सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार धीमी रही।
दिल्ली के विभिन्न इलाकों का हाल (AQI डेटा)
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा सुबह 7 बजे जारी किए गए आंकड़े डराने वाले हैं। दिल्ली के अधिकतर इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ स्तर पर बनी हुई है।
| इलाका | AQI स्तर | श्रेणी |
| आरकेपुरम | 447 | गंभीर |
| आनंद विहार | 442 | गंभीर |
| विवेक विहार | 442 | गंभीर |
| द्वारका सेक्टर 8 | 429 | गंभीर |
| पंजाबी बाग | 418 | गंभीर |
| आईटीओ (ITO) | 409 | गंभीर |
| मुंडका | 409 | गंभीर |
| जहांगीरपुरी | 401 | गंभीर |
| रोहिणी | 401 | गंभीर |
| अशोक विहार | 392 | बेहद खराब |
| चांदनी चौक | 390 | बेहद खराब |
इसके अलावा अलीपुर (306), आया नगर (397), और बवाना (384) में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। वीवीआईपी इलाका माना जाने वाला लोधी रोड भी प्रदूषण से अछूता नहीं है, यहाँ AQI 354 दर्ज किया गया।
नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम: एनसीआर का रिपोर्ट कार्ड
प्रदूषण केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है। पड़ोसी शहरों नोएडा और गाजियाबाद में भी हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है।
नोएडा में ‘रेड अलर्ट’ जैसी स्थिति
नोएडा के कुछ इलाकों में प्रदूषण दिल्ली से भी ज्यादा दर्ज किया गया है:
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सेक्टर 1: यहाँ AQI 469 दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक है।
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सेक्टर 125: 428 AQI
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सेक्टर 116: 424 AQI
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सेक्टर 62: 369 AQI
गाजियाबाद और गुरुग्राम
गाजियाबाद के संजय नगर में 337 और इंदिरापुरम में 332 AQI दर्ज हुआ। वहीं गुरुग्राम के ग्वाल पहाड़ी इलाके में स्थिति खराब है, जहाँ AQI 393 तक पहुंच गया है। हालांकि, गुरुग्राम के विकास सदन (244) और फरीदाबाद के सेक्टर 30 (186) में स्थिति तुलनात्मक रूप से थोड़ी बेहतर है, लेकिन फिर भी यह ‘खराब’ श्रेणी में ही आती है।
क्यों बढ़ रहा है प्रदूषण?
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के तीन मुख्य कारण हैं:
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तापमान में गिरावट: सर्दी बढ़ने के साथ ही हवा भारी हो जाती है, जिससे प्रदूषक तत्व (Pollutants) जमीन के करीब ही जम जाते हैं और ऊपर नहीं जा पाते।
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हवा की धीमी गति: वर्तमान में मौसमी दशाएं ऐसी हैं कि हवा की गति बहुत कम है, जिससे स्मॉग छंट नहीं पा रहा है।
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स्थानीय कारण: धूल, निर्माण कार्य और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं इस स्थिति को और गंभीर बना रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह: क्या करें और क्या न करें?
मैक्स हॉस्पिटल और एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ‘हेल्थ एडवाइजरी’ जारी की है:
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बाहर निकलने से बचें: खासकर सुबह और शाम के वक्त जब प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा होता है, मॉर्निंग वॉक से परहेज करें।
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मास्क का अनिवार्य उपयोग: घर से बाहर निकलते समय N95 मास्क का ही प्रयोग करें, साधारण कपड़े का मास्क PM 2.5 को रोकने में सक्षम नहीं है।
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एयर प्यूरीफायर: यदि संभव हो, तो घरों के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और खिड़की-दरवाजे बंद रखें।
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हाइड्रेटेड रहें: अधिक पानी पिएं और विटामिन-सी युक्त फलों का सेवन करें ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
प्रशासन की कार्रवाई और GRAP का असर
दिल्ली सरकार और CAQM (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चरणों को लागू किया है। निर्माण कार्यों पर पाबंदी और सड़कों पर पानी के छिड़काव के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, धरातल पर प्रदूषण के आंकड़े बताते हैं कि ये उपाय फिलहाल नाकाफी साबित हो रहे हैं।
आगे क्या?
मौसम विभाग (IMD) का अनुमान है कि आने वाले दो-तीन दिनों तक तापमान में और गिरावट आएगी, जिससे प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद कम है। यदि AQI 450 के पार बना रहता है, तो प्रशासन GRAP-4 के तहत और भी कड़े प्रतिबंध जैसे—ट्रकों की एंट्री पर रोक और स्कूलों को बंद करने का फैसला ले सकता है।