बच्चे नया सीखना चाहते हैं, हमें भी काम में बदलाव करना होगा: आनंदीबेन पटेल

बच्चे नया सीखना चाहते है और जो हम काम करते है, उसमें थोड़ा बदलाव करके बहुत कुछ बदल सकते है। यह बात छत्रपति शाहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय (CSJMU) में शनिवार को शिक्षाविदों के कुंभ को संबोधित करते हुए कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही।
उन्होंने कहा कि बस हमें अपनी ताकत को पहचानने की जरूरत है। अगर हम मेहनत करें तो विश्वविद्यालय के स्वरूप को बदल सकते हैं। आज के बच्चे नया करना चाहते हैं। अगर हम उनके साथ लगे तो एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। विश्वविद्यालय अपने छात्रों को किसी ना किसी काम में जरूर व्यस्त रखें। बच्चे खाली रहेंगे तो किसी भी नई चीज के आने पर वह विरोध करेंगे, प्रदर्शन करेंगे। अगर वह अपने काम में बिजी रहेंगे तो कभी ऐसा नहीं होगा। हम सोचते हैं कि एक काम हो जाए उसके बाद दूसरा काम शुरू करेंगे, जो कि गलत है। हम एक साथ कई कामों को कर सकते हैं। हमको बस सोच बदलने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कॉलेज और विश्वविद्यालय में योगा करने की सोची गई थी, जो कि कार्यक्रम बहुत अच्छा रहा। बच्चों ने पानी के अंदर योगा करके दिखाया, जोकि लोगों की सोच से भी बहुत दूर था। हमें बच्चों को इतिहास से रूबरू कराना चाहिए। योगा के कार्यक्रम में पूरे प्रदेश में 16 लाख युवाओं ने हिस्सा लिया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद आने के बाद बड़ा बदलाव हुआ। इसके पहली बैठक हुई तो लोग बोलने में बहुत संकोच कर रहे थे, लेकिन जब एनएसीसी तो दूसरी बैठक में लोगों के बोलने में बड़ा अंतर्गत दिखाई दे रहा था। अगर कोई छात्र परेशान है तो टेबल से उठकर उसकी समस्या का समाधान करें। उन्होंने कहा कि जो भी एमओयू विदेश से हुए हैं वह आम नहीं है। टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हुई है। आने वाले समय में बहुत बड़ा काम होने वाला है।
विश्वविद्यालय करें चिंतन बैठक
उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को चिंतन बैठक करना चाहिए तभी सभी के बातें निकल कर सामने आएंगी, जब लोग अपने विचार रखेंगे तभी हम किसी चीज पर फैसला कर सकते हैं।
विश्वविद्यालयों को मैपिंग करने की है जरूरत
चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर संजीत सिंह ने कहा कि आज के समय में सभी विश्वविद्यालयों को मैपिंग करने की बहुत जरूरत है, जो की बहुत कम लोग कर रहे हैं। अगर हमको रैंकिंग में शामिल होना है तो सबसे पहले मैपिंग करें, जब मैं कानपुर विश्वविद्यालय आया तो मैंने उनकी बुकलेट देखी।
शिक्षाविदों के कुंभ में कौन-कौन हुए शामिल
इस कार्यक्रम में आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज जोधपुर के पीडियाट्रिक्स एकेडमिक हेड के विभागाध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह, प्रो. अश्विन फर्नांडिस, रीजनल डायरेक्टर एंड सीईओ-मिडिल ईस्ट, नार्थ अफ्रीका, साउथ एशिया-क्यूएस रेटिंग दुबई। इसके अलावा एनआईआरएफ नई दिल्ली के सदस्य डॉ. अनिल कुमार नासा, इंडियन लैंग्वेज कमेटी नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. छामू कृष्ण शास्त्री, नैक बेंगलुरू के पूर्व सलाहकार डॉ. के रामा, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय प्रति कुलपति प्रो. संजीत सिंह, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय वाइस प्रेसिडेंट हिमानी सूद, एआईसीटीई नई दिल्ली के चेयरमैन डॉ. टीजी सीथाराम, एआईयू नई दिल्ली के जनरल सेक्रेटरी डॉ. पंकज मित्तल, यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली के कुलपति डॉ. योगेश सिंह शामिल हुए हैं।
34 विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हुए शामिल
शिक्षा मंथन-2023 कार्यक्रम में कुल 34 विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हिस्सा लेने के लिए आए है। इसमें आचार्य नरेंद्र देव यूनिवर्सिटी अयोध्या, अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ, बांदा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी बांदा, भातखंडे संस्कृत विश्वविद्यालय लखनऊ, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी चंद्रशेखर आजाद विश्वविद्यालय कानपुर, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर,
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय लखनऊ, डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या, डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस लखनऊ, डॉ. शकुंतला मिश्रा नेशनल विश्वविद्यालय लखनऊ, हार्टकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय कानपुर, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती लैंग्वेज विश्वविद्यालय लखनऊ, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ, मां शाकुंभरी यूनिवर्सिटी सहारनपुर, मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी गोरखपुर, महाराजा सुहेलदेव स्टेट विश्वविद्यालय आजमगढ़, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर, प्रोफेसर राजेंद्र सिंह विश्वविद्यालय प्रयागराज, राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट विश्वविद्यालय अलीगढ़, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस लखनऊ, सरदार वल्लभभाई पटेल यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी मेरठ, सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर, यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ, पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय मथुरा, यूपी राजश्री टंडन ओपन यूनिवर्सिटी प्रयागराज, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर के प्रोफेसर शामिल हुए।
