बलूचिस्तान में BLA का खूनी हमला: पाकिस्तानी सेना पर घात, 9 जवानों की शहादत से हिला आर्मी हेडक्वार्टर
2 नवंबर 2025, इस्लामाबाद: बलूचिस्तान के पहाड़ों में एक बार फिर खूनखराबे की आग भड़क उठी। पाकिस्तानी सेना के काफिले पर विद्रोहियों का घात लगाकर हमला—9 सुरक्षाकर्मियों की मौत। लेकिन यह सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि आर्मी चीफ असीम मुनीर के लिए गहरा आघात है। क्या यह बलूच विद्रोह की नई लहर है, जो पाकिस्तान की एकता को चुनौती दे रही? स्नाइपर्स की गोलियां, RPG की दहाड़, और 50 मिनट की भयानक गोलीबारी। पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा अब सबसे बड़ा सवाल। आइए, इस हमले की परतें खोलें, जहां हर गोली एक स्वतंत्रता की पुकार लगती है।
घात की शुरुआत: कलात में काफिले पर मौत का तांडव
कलात जिले के दुर्गम इलाके में पाकिस्तानी सेना का काफिला चुपचाप आगे बढ़ रहा था। अचानक पहाड़ियों से गोलियां बरसने लगीं। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के लड़ाकों ने स्नाइपर्स और RPG से सीधा निशाना साधा। दो एलीट SSG कमांडो समेत 9 जवान शहीद। BLA के प्रवक्ता जियंद बलूच ने दावा किया कि तीन वाहन तबाह, कई सैनिक घायल। 50 मिनट तक चली यह जंग पहाड़ों की गूंज में बदल गई। पाकिस्तानी सेना ने इसे ‘आतंकी हमला’ बताया, लेकिन स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, यह सुनियोजित घात था। वाहनों के मलबे में धुआं उड़ रहा था, जबकि लड़ाके जंगल में गायब। यह हमला BLA की बढ़ती ताकत का प्रमाण—अब वे पाकिस्तान की ‘आयरन फिस्ट’ को चुनौती दे रहे। क्या मुनीर की सख्ती उल्टी पड़ रही?
हथियारों का तांडव: स्नाइपर्स से RPG तक घातक रणनीति
BLA ने इस हमले में अपनी ताकत दिखाई। स्नाइपर्स ने दूर से सटीक निशाना साधा, जबकि RPG ने वाहनों को चूरा कर दिया। CNN-News18 की रिपोर्ट के अनुसार, गोलीबारी इतनी तीव्र थी कि काफिला रुक ही न सका। दो वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त, सैनिकों की चीखें पहाड़ों में गूंजीं। BLA का दावा—भारी और स्वचालित हथियारों से पाकिस्तानी चौकियों को नेस्तनाबूद किया। यह सिर्फ कलात तक सीमित नहीं; नोश्की में बस अड्डे के पास केंद्रीय शिविर पर धावा, नसीराबाद के डेरा मुराद जमाली में पुलिस वाहन पर ग्रेनेड। बलूच लड़ाके अब घातक मशीन बन चुके—पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा को चीरते हुए। मुनीर के लिए यह झटका इसलिए बड़ा, क्योंकि SSG जैसे एलीट फोर्स को निशाना बनाना सेना की कमजोरी उजागर करता। क्या विद्रोह अब अनियंत्रित हो गया?
झटके की लहर: मुनीर के लिए खतरे की घंटी, बलूच विद्रोह की जड़ें
यह हमला बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया। इस साल मार्च में BLA ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को अगवा किया था—36 घंटे की जंग में दर्जनों जवान शहीद। सैकड़ों सैनिकों की मौत, CPEC प्रोजेक्ट्स पर लगातार धावा। BLA, जो बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग चाहता है, अब चीनी हितों को भी निशाना बना रहा। आर्थिक शोषण और हाशिए पर धकेलने का आरोप। मुनीर की सैन्य कार्रवाई के बावजूद विद्रोह भड़क रहा—यह उनकी साख पर सवाल। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी, लेकिन बलूच नेता कहते हैं, ‘यह आजादी की जंग है।’ क्या यह हमला क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ाएगा? जांच जारी, लेकिन बलूचिस्तान की आग अब पाकिस्तान के दिल तक पहुंच चुकी।