अयोध्या: 23 मई को राम मंदिर के प्रथम तल पर होगी राम दरबार की स्थापना, दर्शन के लिए 50 पास जारी होंगे
अयोध्या, 2 मई 2025: श्री राम जन्मभूमि मंदिर में निर्माण कार्य तेजी से पूर्णता की ओर बढ़ रहा है। मंदिर के प्रथम तल पर भव्य राम दरबार की स्थापना 23 मई 2025 को होगी। इस ऐतिहासिक अवसर के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने विशेष तैयारियां शुरू कर दी हैं। राम दरबार के दर्शन के लिए प्रति घंटे केवल 50 पास जारी किए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को सुगम और शांतिपूर्ण दर्शन का अनुभव मिल सके।
राम दरबार की स्थापना: एक आध्यात्मिक मील का पत्थर
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि राम दरबार में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियों सहित कुल 19 प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। ये मूर्तियां जयपुर के पांडे मूर्ति कला केंद्र में तैयार की गई हैं, जो अपनी उत्कृष्ट शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है। मूर्तियां 23 मई को अयोध्या पहुंचेंगी और गर्भगृह में स्थापित की जाएंगी।
राम दरबार का चित्रण भगवान राम के वनवास से लौटने और रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद उनके राज्याभिषेक के दृश्य को दर्शाएगा। इसकी स्थापना के लिए 3 से 5 जून तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित होगा, और 6 जून से राम दरबार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।
50 पास की व्यवस्था: सुगम दर्शन के लिए कदम
राम मंदिर में भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं के लिए शांतिपूर्ण दर्शन सुनिश्चित करने के लिए ट्रस्ट ने नई पास व्यवस्था लागू की है। राम दरबार के दर्शन के लिए प्रति घंटे केवल 50 श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति होगी। यह व्यवस्था मंदिर के प्रथम तल पर सीमित स्थान और दर्शन की पवित्रता को बनाए रखने के लिए की गई है।
ट्रस्ट के अनुसार, पास ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध होंगे। श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे दर्शन से पहले आधिकारिक वेबसाइट https://srjbtkshetra.org/ पर पंजीकरण कराएं। यह कदम मंदिर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए उठाया गया है, क्योंकि हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि 26 जनवरी से बसंत पंचमी (3 फरवरी) तक एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे।

निर्माण कार्य में तेजी: स्वर्ण जड़ित द्वार की स्थापना
राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार का निर्माण कार्य जोरों पर है। हाल ही में दरबार के लिए पहला स्वर्ण जड़ित द्वार स्थापित किया गया है, जो मंदिर की भव्यता को और बढ़ा रहा है। नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर के सात मंडपों का निर्माण अप्रैल के अंत तक पूरा हो चुका है, और शेष कार्य 5 जून तक समाप्त हो जाएगा।
मंदिर परिसर में सूर्य भगवान, देवी भगवती, अन्नपूर्णा, शिवलिंग, गणपति, और हनुमान जी के छह अन्य मंदिरों का निर्माण भी प्रगति पर है। इसके अलावा, महर्षि वाल्मीकि, निषाद राज, शबरी, अहल्या, अगस्त्य मुनि, और वशिष्ठ को समर्पित सात छोटे मंदिर भी पूर्ण हो चुके हैं।
अयोध्या में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा
राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन चुका है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार, 2024 के पहले छह महीनों में 32 करोड़ से अधिक पर्यटक राज्य में आए, जिनमें से अधिकांश ने अयोध्या और वाराणसी का दौरा किया। मंदिर के नए दर्शन समय (सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक) और पास व्यवस्था से श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिल रहा है।
आगामी योजनाएं
राम दरबार की स्थापना के बाद 30 मई तक शेष अवतार मंदिर में लक्ष्मण जी की मूर्ति भी स्थापित की जाएगी। मंदिर का सम्पूर्ण निर्माण कार्य अक्टूबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के निर्माण को वास्तविकता में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण यह सपना साकार हो रहा है।”
श्रद्धालुओं के लिए सुझाव
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दर्शन के लिए पास पहले से बुक करें।
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मंदिर परिसर में मोबाइल फोन और बड़े बैग ले जाना प्रतिबंधित है।
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मंदिर के दर्शन समय और आरती के शेड्यूल की जानकारी आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त करें।
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भीड़ से बचने के लिए सुबह जल्दी या शाम के समय दर्शन की योजना बनाएं।
राम मंदिर का निर्माण और राम दरबार की स्थापना न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 23 मई का यह आयोजन अयोध्या को विश्व पटल पर और अधिक गौरव प्रदान करेगा।
